गुजरात: श्रीखंड लेने जा रहा था दलित युवक, जातिवादी लोगों को नागवार गुजरी स्टाइल तो मारपीट कर कतर डाले बाल!

01:28 PM Jun 18, 2025 | Geetha Sunil Pillai

राजकोट- जातिवाद की जड़ें समाज में गहराई तक पैठी हुई हैं। हाल के वर्षों में जातिगत हिंसा के मामलों में चिंताजनक वृद्धि दर्ज की गई है, जहां दलितों और पिछड़े वर्गों के सदस्यों को न केवल सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है, बल्कि शारीरिक हिंसा और अपमानजनक व्यवहार भी झेलना पड़ता है। ऐसे ही गुजरात के राजकोट के गोंडल तालुका में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक दलित युवक को जातिसूचक गालियाँ देकर पीटा गया और ज़बरदस्ती उसके बाल काट दिए गए। सड़कपिपलिया गाँव में रहने वाले पीड़ित कुणालभाई मेघजीभाई ने गोंडल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए 24 वर्षीय कुणालभाई ने बताया कि वो पाँच साल से सड़कपिपलिया में नरेशभाई जामोद के मकान में अपने माता पिता और बहन के साथ किराए पर रहता है। कुणाल भरुड़ी पारिया के पास केसरी नंदन कारखाने में मजदूरी का काम करता हैऔर उसने कक्षा 9 तक पढ़ाई की है।

घटना के बारे में कुणाल ने बताया कि , "11 जून की रात करीब 8:30 बजे मैं अपनी मोटरसाइकिल लेकर घर से श्रीखंड लेने निकला था। तभी आरोपी सतीशभाई वेकरिया और मार्कंड व्यास अपनी मोटरसाइकिल लेकर मेरे सामने आए और बोले, "जडियारा (जातिसूचक गाली), कहाँ जा रहा है?" और मुझे गालियाँ दीं। मैंने अपनी मोटरसाइकिल रोककर उनसे कहा कि मुझे गाली न दें। इस पर उन्होंने कहा, "यह तुम्हारे बाप का गाँव नहीं है," और डंडे से मुझे पीटना शुरू कर दिया। मैं वहाँ से भागकर बजरंग डेयरी की गली में पहुँचा, लेकिन वे दोनों अपनी मोटरसाइकिल से वहाँ आए और फिर लकड़ी से मेरी पिटाई की। उन्होंने मुझे दीवार से धक्का देकर मारा और फिर अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर मुझे बापा सीताराम मंदिर ले गए।"

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कुणाल ने आगे बताया, " मंदिर में उन्होंने फिर मुझे डंडे से पीटा। वहाँ प्रयागभाई प्रफुलभाई चौहान भी मौजूद थे। सतीश और मार्कंड ने प्रयाग से कैंची लाने को कहा। प्रयाग कैंची ले आया, जिससे सतीश और मार्कंड ने मेरे बाल काट दिए। बाल काटते समय वे कह रहे थे, "इस जडियारा के बाल बड़े हैं, इसे लंबे बाल रखने का शौक है!" यह मेरी पहली मुलाकात इन दोनों से थी। उन्होंने मेरी मोटरसाइकिल का माथिया और इंडिकेटर भी तोड़ दिया।

मामला यही ख़त्म नही हुआ, इसके बाद कुणाल घर लौटा और अपने पड़ोसियों को घटना के बारे में बताया। करीब एक घंटे बाद सतीश फिर से मोटरसाइकिल लेकर उसके घर आया और कुणाल और उसकी मां मनीषा बेन को गालियाँ देने लगा। मकान मालिक नरेशभाई ने उसे समझाकर भगाया। कुणाल ने बताया कि उसे शारीरिक चोटें आई थीं, इसलिए 108 एम्बुलेंस को फोन किया। दोनों माँ बेटे को राजकोट सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने गंभीर चोटों की पुष्टि की।

कुणाल की तहरीर पर तीनों आरोपियों के खिलाफ गोंडल पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। मामले में भारतीय दंड संहिता (BNSS) 2023 की धाराएँ 140(2), 324(2), 352, 54 (मारपीट, अपहरण, संपत्ति नुकसान) और एससी/एसटी एक्ट की धाराएँ 3(1)(e)(r)(s), 3(2)(5) (जातिगत अपमान और हिंसा) लगाई गई हैं।