कासरगोड- केरल के कासरगोड जिले के वेल्लारिकुंडु तालुक कार्यालय में जूनियर सुपरिंटेंडेंट पद पर कार्यरत एक कर्मचारी को उसके द्वारा की गई जातिवादी और असंवेदनशील टिप्पणी को लेकर निलंबित किया गया है। जूनियर सुपरिंटेंडेंट ए पवित्रन ने 12 जून को अहमदाबाद एअरपोर्ट पर हुए विमान हादसे में मारी गई एक मलयाली नर्स रंजीता जी नायर को लेकर टिप्पणी की थी जिसमे मृतका की जाति को रेखांकित करते हुए लिखा कि उसके मरने पर कोई 'फीलिंग' नही है।
जानकारी के मुताबिक एयर इंडिया विमान क्रेश में मरने वाले 241 लोगों में रंजीता जी नायर भी थी जो यूके में नर्स का काम कर रही थीं और वह केरल में अपनी सरकारी नौकरी से जुड़े कागजात पूरे करने के लिए हादसे के चार दिन पहले ही भारत आई थीं। वह यूके में अपनी नौकरी छोड़कर केरल की सरकारी नौकरी में वापस लौटने जा रही थीं।
पवित्रन ने अपने फेसबुक पोस्ट में रंजीता की जाति का जिक्र करते हुए लिखा था, "केरल की एक नायर महिला की मौत हो गई। उसने सरकारी नौकरी से छुट्टी लेकर यूके चली गई और किसी और के अवसर को खराब किया। कुछ अफसोस नहीं। सभी के प्रति संवेदनाएं।" इस अपमानजनक पोस्ट की जानकारी राजस्व मंत्री के राजन को हुई जिन्होंने इस टिप्पणी को जातिवादी और घृणित बताते हुए तुरंत कार्रवाई की।
राजस्व मंत्री ने पुष्टि की कि कासरगोड जिले के वेल्लारिकुंडु तालुक कार्यालय में जूनियर सुपरिंटेंडेंट ए पवित्रन को पीड़िता की जाति और सरकारी नौकरी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद निलंबित किया गया। मंत्री ने फेसबुक पर लिखा, "यह डिप्टी तहसीलदार की घृणित हरकत है। इस पोस्ट की जानकारी मिलते ही उसे तुरंत निलंबित करने का आदेश दिया गया।"
रंजीता अपने पीछे अपने दो बच्चों को छोड़ गई हैं। इस हादसे ने दो बच्चियों को अनाथ कर दिया है. जानकारी के अनुसार रंजीता अपनी सरकारी नौकरी की औपचारिकताएं पूरी कर यूके वापस जा रही थी. लेकिन उन्हें और उनके परिवार को इस बात का अंदाजा नहीं था कि ये आखिर मुलाकात होनेवाली है. रंजीता की मौत की खबर उनके परिवार के पास पहुंची तो घर और गांव में मातम पसर गया. रंजीता अपनी आंखों में कई सपने लेकर वापस यूक्रे जा रही थी. रंजीता जल्दी से जल्दी भारत वापस आकर केरल के पत्तनमतिट्टा में अपने दो बच्चों के साथ रहने वाली थी.
वह अपने पैतृक गांव पुल्लाड में अपने नए घर की योजना को अंतिम रूप देने और अपने बच्चों एवं बुजुर्ग मां को एक सुरक्षित एवं अधिक स्थिर जीवन देने की आशा के साथ लौटी थी. लेकिन उसकी उम्मीदें इस हादसे के साथ ही खत्म हो गईं. रंजीता विदेश जाने के लिए चेन्नई से अहमदाबाद की उड़ान में सवार हुईं. वह भारत बसने से पहले कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के लिए ब्रिटेन जा रही थी. घर पहुंचने के मात्र चार दिन बाद ही वह पुनः विदेश जाने के लिए अहमदाबाद से एयर इंडिया के विमान में सवार हुईं. रंजीता के एक करीबी रिश्तेदार ने बताया, "वह बहुत खुश और आशान्वित थी. उसकी बहुत सारी योजनाएं थीं. बहुत सारे सपने थे."
आपको बता दें, केरल में नायर समुदाय को उच्च जाति माना जाता है। लेकिन जब पूरे देश में इस प्लेन क्रेश को लेकर शोक की लहर है और राष्ट्रीयता, जाति, धर्म और लिंग के भेदभावों से उपर उठकर पूरे विश्व में इस हादसे में मारे गए लोगों और पीड़ितों के लिए सहानुभूति और शोक मनाया जा रहा है, ऐसे समय में कई लोगों ने पवित्रन की टिप्पणी को संवेदनहीन और जातिवादी बताते हुए कड़ी निंदा की है।