मध्य प्रदेश: बुंदेलखंड में दलित दूल्हे के बग्गी पर बैठने से खफा मनबढ़ों ने की बग्गीवाले की पिटाई

12:11 PM Dec 13, 2024 | Ankit Pachauri

भोपाल। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के चौरई गांव में एक दलित दूल्हे की शादी के दौरान उत्पन्न विवाद ने जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता की एक और झलक पेश की। मंगलवार को हुए इस मामले में दूल्हे की बारात को बग्गी पर निकालने से खफा मनबढ़ों ने बारात खत्म होने के बाद बग्गी चालक और उसके साथियों की पिटाई कर दी।

दमोह जिले के देहात थाना क्षेत्र के अंतर्गत जबलपुर नाका चौकी के चौरई गांव में दलित समुदाय के एक युवक की शादी थी। परंपरा के अनुसार, दूल्हे को घोड़ी की बग्गी में बिठाकर बारात निकाली गई। लेकिन यह बात इलाके के कुछ ऊंची जाति के लोगों को नागवार गुजरी।

पहले दी धमकी फिर चालक को पीटा

घटना से पहले, सवर्ण के कुछ मनबढ़ों ने बग्गी चालक को धमकी दी थी कि वह दलित दूल्हे को बग्गी में बैठाकर बारात न निकाले। धमकी के बावजूद, स्थानीय नेताओं और समाजसेवियों ने बग्गी चालक को समझाया और सुरक्षा का भरोसा दिलाते हुए बारात निकालने के लिए सहमत कर लिया।

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बारात सकुशल सम्पन्न हो गई, लेकिन जैसे ही दूल्हा और बग्गी चालक वापस लौट रहे थे, आरोपियों ने घात लगाकर उन पर हमला कर दिया। बग्गी चालक और उसके साथी युवकों की बेरहमी से पिटाई की गई। घटना के बाद घायल युवक किसी तरह से जबलपुरनाका पुलिस चौकी पहुंचे।

पुलिस चौकी पर पहुंचने के बाद घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। घायलों ने बताया कि दबंगों ने उन्हें जातिसूचक गालियां दीं और बार-बार धमकी दी कि वे भविष्य में ऐसी कोई बारात न निकालें।

जातिगत असमानता की गहरी जड़ें

बुंदलेखंड के ग्रामीण इलाकों में जातिगत भेदभाव और छुआछूत की घटनाएं आम हैं। दलित दूल्हों को घोड़ी या बग्गी पर बिठाकर बारात निकालने का विरोध यहां की जातीय व्यवस्था की गहरी समस्या को उजागर करता है। यह घटना भी उसी प्रवृत्ति का एक उदाहरण है, जहां मनबढ़ों ने अपनी जातीय श्रेष्ठता दिखाने के लिए हिंसा का सहारा लिया।