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लखनऊ में दलित किसान को नायब तहसीलदार ने मारा थप्पड़, कान से निकलने लगा खून तो PGI में हुआ भर्ती; चंद्रशेखर आज़ाद बोले– 'यह इंसाफ़ की जंग है'

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बहुजन किसान के साथ हुई घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। नगीना लोकसभा क्षेत्र से सांसद और आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने इस मामले को लेकर एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो साझा करते हुए सरकार और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

वीडियो में देखा जा सकता है कि एक बुजुर्ग महिला अपने घायल पति के पास बैठी ज़ोर-ज़ोर से रो रही है, जबकि आसपास पुलिस और सुरक्षाकर्मी खड़े हैं। इस वीडियो के साथ चंद्रशेखर आज़ाद ने लिखा कि किसान राम मिलन पासी के साथ हुई घटना न सिर्फ़ दर्दनाक है, बल्कि बहुजन समाज और किसानों के अधिकारों पर सीधा हमला है।

घटना कैसे हुई?

सांसद द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक़, लखनऊ के मिर्जापुर मस्तेमऊ गाँव में नगर निगम की टीम ज़मीन पर कब्ज़ा हटाने पहुँची थी। इस दौरान नायब तहसीलदार से किसान राम मिलन पासी ने कहा कि ज़मीन उनके परिवार की पुश्तैनी है और उन्होंने अफसरों को इसके कागज़ भी दिखाए।

किसान ने अधिकारियों से सिर्फ़ इतना निवेदन किया कि ज़मीन पर रखा भूसा सुरक्षित निकालने के लिए एक घंटे का समय दे दिया जाए। लेकिन इस मानवीय अपील को अनसुना करते हुए नायब तहसीलदार भड़क गए और उन्होंने किसान को भीड़ के सामने ज़ोरदार थप्पड़ मार दिया।

थप्पड़ की चोट इतनी गंभीर थी कि किसान मौके पर ही गिर पड़े। उनके कान से खून बहने लगा और कुछ ही देर में वे बेहोश हो गए।

घायल की बिगड़ती हालत

राम मिलन पासी की हालत बिगड़ने पर एंबुलेंस से पहले उन्हें गोसाईगंज CHC पहुँचाया गया, फिर सिविल अस्पताल रेफर किया गया। हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें अंततः PGI ट्रॉमा सेंटर भेज दिया। फिलहाल किसान ज़िंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं।

सबसे शर्मनाक पहलू यह रहा कि किसान पर हमला करने के बाद नायब तहसीलदार और उनकी टीम मौके से भाग खड़ी हुई और घायल को अस्पताल पहुँचाने की ज़िम्मेदारी तक नहीं निभाई।

परिजनों से धक्का-मुक्की

इस दौरान किसान की बुजुर्ग पत्नी जब अपने पति को बचाने आगे बढ़ीं, तो पुलिसकर्मियों और अफसरों ने मदद करने के बजाय उन्हें भी धक्का दे दिया। इससे मौके पर हंगामा और तनाव और बढ़ गया।

FIR तक दर्ज नहीं

चंद्रशेखर आज़ाद का आरोप है कि घटना के बावजूद पुलिस अब तक मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं कर रही है। यह रवैया प्रशासन की संवेदनहीनता को दर्शाता है।

चंद्रशेखर आज़ाद की माँग

इस घटना पर आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख ने राज्य सरकार से तीन बड़ी माँगें रखी हैं—

  1. दोषी नायब तहसीलदार और उनकी टीम पर SC/ST एक्ट और हत्या के प्रयास की धाराओं में तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए।

  2. पीड़ित किसान का उच्चस्तरीय इलाज सरकारी खर्च पर कराया जाए और परिवार को मुआवज़ा व सुरक्षा प्रदान की जाए।

  3. ज़मीन से जुड़े विवाद की निष्पक्ष जाँच हो और किसान का हक़ छीने जाने से रोका जाए।

धरने पर बैठी भीम आर्मी-आज़ाद समाज पार्टी की टीम

घटना के विरोध में भीम आर्मी–आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) की लखनऊ टीम थाना सुशांत गोल्फ सिटी में धरने पर बैठ गई है। उनका कहना है कि जब तक पीड़ित किसान को न्याय नहीं मिलेगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक धरना जारी रहेगा।

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