नई दिल्ली: दिवाली की शाम राजधानी लखनऊ के बाहरी इलाके में एक बेहद शर्मनाक और अमानवीय घटना सामने आई है। यहाँ एक मंदिर के पास कथित तौर पर पेशाब करने के आरोप में एक 60 वर्षीय दलित बुजुर्ग को जमीन चाटने के लिए मजबूर किया गया। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
काकोरी के रहने वाले 60 वर्षीय पीड़ित रामपाल रावत ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि वह सोमवार शाम करीब 7 बजे शीतला माता मंदिर के पास पानी पी रहे थे। तभी स्वामी कांत नाम के एक व्यक्ति ने उन पर पेशाब करने का आरोप लगाया।
रावत ने अपनी शिकायत में कहा, "मैंने कहा कि मैंने पेशाब नहीं किया है, खांसते समय पानी गिर गया था, लेकिन उसने जातिसूचक गालियां दीं और मुझे इसे (जमीन को) चाटने के लिए मजबूर किया।"
वहीं, पीड़ित के पोते मुकेश कुमार ने घटना के बारे में बताया कि उनके दादा को सांस लेने में तकलीफ की बीमारी है और खांसते समय गलती से उनका पेशाब निकल गया था।
मुकेश ने कहा, "मेरे दादाजी डर गए, और जब उन्हें जमीन चाटने के लिए कहा गया, तो उन्होंने वैसा ही किया। इसके बाद, आरोपी ने उनसे वह जगह भी धुलवाई।"
पुलिस के मुताबिक, यह घटना मुख्य मंदिर से करीब 40 मीटर की दूरी पर हुई है।
इस मामले में आरोपी स्वामी कांत के खिलाफ धारा 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 351(3) (आपराधिक धमकी), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एक पुलिस सूत्र ने यह भी स्पष्ट किया, "पीड़ित का कहना है कि उसे जमीन चाटने के लिए मजबूर किया गया, जबकि आरोपी का दावा है कि उसे केवल इसे छूने के लिए कहा गया था। मामले की जांच जारी है।"
घटना पर भड़का राजनीतिक तूफान
इस घटना के सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना की है और इसे "मानवता पर कलंक" बताया है।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "किसी की भूल का अर्थ ये नहीं कि उसे अपमानजनक अमानवीय सज़ा दी जाए। परिवर्तन ही परिवर्तन लाएगा!"
कांग्रेस ने भी इस घटना की निंदा करते हुए 'X' पर कहा कि "एक गुस्सैल आरएसएस कार्यकर्ता ने एक बुजुर्ग दलित व्यक्ति को बीमारी के कारण गलती से मंदिर के प्रांगण में पेशाब करने के बाद मूत्र चाटने के लिए मजबूर किया। यह भाजपा-आरएसएस के इकोसिस्टम में व्याप्त दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।"
हालांकि, पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि आरोपी का आरएसएस से कोई सत्यापित संबंध नहीं है।