उत्तर प्रदेश: गोरखपुर में आज उस समय तनाव बढ़ गया जब दलित छात्रों ने उत्तर प्रदेश सरकार के एक नए आदेश के खिलाफ सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्रों का यह विरोध प्रदर्शन सरकार के उस फैसले के खिलाफ हो रहा है, जिसमें राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावासों में 30% सीटें अन्य वर्गों के छात्रों के लिए आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने टाउनहॉल चौक से अंबेडकर चौक तक मार्च निकाला और सरकार विरोधी नारे लगाए। उनका तर्क है कि यह छात्रावास विशेष रूप से दलित समुदाय के विद्यार्थियों के लिए बनाए गए थे, और इसमें अन्य वर्गों को आरक्षण देना उनके अधिकारों का हनन है। छात्रों ने चिंता जताई कि इस कदम से न केवल उनके रहने की जगह कम होगी, बल्कि छात्रावास का एकाग्रतापूर्ण शैक्षिक माहौल भी प्रभावित होगा।
इस विरोध प्रदर्शन को स्थानीय MLC देवेंद्र प्रताप सिंह ने भी अपना समर्थन दिया। एक दिन पहले सड़क दुर्घटना में घायल होने के बावजूद, वे छात्रों का साथ देने के लिए व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहे। उन्होंने सरकार के इस आदेश को "अन्यायपूर्ण" और दलित छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन बताया।
राणा सांगा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "जैसे 80 घाव लगने पर भी राणा सांगा ने युद्ध जारी रखा, वैसे ही मैं भी इन छात्रों के हक की लड़ाई के लिए खड़ा रहूँगा।"
छात्रों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस आदेश को तत्काल वापस नहीं लिया, तो वे अपने आंदोलन को और भी व्यापक और उग्र रूप देने के लिए मजबूर होंगे।