तिरुपति (आंध्र प्रदेश) – आंध्र प्रदेश के तिरुपति से जाति आधारित हिंसा का एक गंभीर मामला सामने आया है। यहां एक दलित युवक का अपहरण कर उसके साथ मारपीट की गई। इस घटना में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक भूम्मना करुणाकर रेड्डी के करीबी लोगों के शामिल होने का आरोप है।
पुलिस के अनुसार, पीड़ित युवक पवन कुमार, जो पुलिचर्ला गांव का निवासी है और माला (अनुसूचित जाति) समुदाय से ताल्लुक रखता है, को बुधवार को अनिल रेड्डी और उसके साथी दिनेश ने निशाना बनाया। अनिल रेड्डी पूर्व विधायक भूम्मना करुणाकर रेड्डी का निजी ड्राइवर है और उस पर पहले से छह आपराधिक मामले दर्ज हैं।
आरोप है कि दोनों आरोपियों ने पवन को एक कमरे में बंद कर लाठियों से बुरी तरह पीटा और इस पूरी घटना का वीडियो बनाया। इसके बाद यह वीडियो पवन के पिता नीलम जयराजू को भेजा गया, जिसे पुलिस डराने-धमकाने की कार्रवाई मान रही है।
पीड़ित की मां ने बताया कि आरोपियों ने उनके पति को फोन कर 5 लाख रुपए की फिरौती मांगी। उन्होंने कहा, "उन्होंने धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए तो बेटे की किडनी बेच देंगे और उसकी लाश भेज देंगे।"
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब आरोपी भूम्मना करुणाकर रेड्डी के कार्यालय में मौजूद थे। उस दौरान उनके बेटे अभिनय रेड्डी की उपस्थिति की भी बात सामने आ रही है।
तिरुपति ईस्ट डीएसपी भक्त वत्सलम ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि अनिल रेड्डी और दिनेश घटना में शामिल थे। अनिल को गिरफ्तार कर लिया गया है, और उससे पूछताछ के बाद एक और आरोपी जग्गारेड्डी उर्फ जगदीश को भी हिरासत में लिया गया है। अनिल, 'एसवीबी बाइक राइडर्स एंड रेंटल्स' नाम से बाइक किराए पर देने का व्यवसाय भी चलाता है।
हालांकि विवाद की शुरुआत किराए की मोटरसाइकिल को लेकर हुई थी, लेकिन पुलिस के अनुसार यह मामला जल्द ही जातीय नफरत और राजनीतिक प्रभाव के चलते हिंसक रूप में बदल गया।
मारपीट के बाद पवन को रिहा कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के मंत्री अनगनी सत्य प्रसाद ने कहा, "हम राज्य में किसी भी तरह की गुण्डागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे। पुलिवेन्दुला में भी लोग अब इस तरह की हरकतों से तंग आकर टीडीपी की ओर रुख कर रहे हैं। तिरुमला और तिरुपति जैसे पवित्र स्थानों पर इस प्रकार की घटनाएं स्वीकार्य नहीं हैं। हम इसे हल्के में नहीं लेंगे, सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
इस घटना को लेकर दलित संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में रोष है। वे आरोपियों पर सख्त कार्रवाई और राजनीतिक संरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे हैं।