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राजस्थान के दलित युवकों के साथ छत्तीसगढ़ में हैवानियत—मजदूरी मांगने पर निर्वस्त्र कर दिया करंट का झटका,नाखून उखाड़े,वीडियो वायरल

भीलवाड़ा- छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में राजस्थान के दो दलित युवाओं के साथ अमानवीय अत्याचार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। राजस्थान के भीलवाड़ा से इन लड़कों को कोरबा की एक आइसक्रीम फैक्ट्री में काम करने के लिए बुलाया गया था। पूरे महीने मेहनत करने के बाद जब इन दोनों ने अपने वेतन की मांग की, तो फैक्ट्री संचालक ने उन पर 30 हजार रुपये की चोरी का झूठा आरोप लगा दिया।

विरोध करने पर दोनों को बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा गया, बिजली का करंट लगाया गया और प्लायर से उनके नाखून उखाड़ दिए गए। इस क्रूर घटना का वीडियो भी बनाया गया, जिसमें पीड़ित लड़के दया की भीख मांगते नजर आ रहे हैं, लेकिन आरोपी उन्हें बर्बरता से प्रताड़ित करते दिख रहे हैं।

पीड़ित अभिषेक भांबी और विनोद भांबी किसी तरह अपनी जान बचाकर भीलवाड़ा पहुंचे और वहां गुलाबपुरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। गुलाबपुरा पुलिस ने शून्य में अपराध दर्ज कर कोरबा पुलिस को सूचना दी। अभिषेक कानिया गाँव का निवासी है जबकि विनोद आसीन्द तहसील का रहने वाला है. शिकायत भीलवाड़ा निवासी छोटू गुर्जर और चित्तोड़गढ़ रहवासी मुकेश शर्मा के विरूद्ध है. वीडियो देखने से पीड़ितों की उम्र कम प्रतीत होती है हालाँकि पुलिस को दी शिकायत में दोनों ने स्वयं को बालिग़ बताया है।

वीडियो वायरल होने के बाद भीलवाड़ा पुलिस ने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि उक्त घटना छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से संबंधित होने से मामले में जीरो FIR दर्ज की जाकर अग्रिम विधिक कार्यवाही जारी है। उधर, कोरबा पुलिस ने कारवाई करते हुए आइसक्रीम फैक्ट्री को सील किया और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया।

दस हजार मासिक वेतन और खाने रहने की व्यवस्था का था वादा

पुलिस को दी लिखित शिकायत में पीड़ितों ने बताया कि, " हमारे ही गांव के व्यक्ति जो कि छत्तीसगढ़ में आईसकीम की लारीयों पर काम करते है जिनके मार्फत अभियुक्तगण से सम्पर्क हुआ तथा अभियुक्तगण ने हमें नौकरी पर रखने हेतु कहा तथा बताया कि कोरबा में आइसक्रीम बेचने का काम है जिसपर अभियुक्त छोटू गुर्जर फरवरी 2025 में हमारे गांव आया और बताया कि 10,000 रूपये मासिक वेतन मिलेगा, खाना रहना भी दिया जायेगा. हम बेरोजगार होने की वजह से अभियुक्तगण की बातो में आकर 12 फरवरी को कोरबा चले गये जहां पर जाते ही हमें काम पर लगा दिया. हम लगातार मजदूरी कर रहे थे. लेकिन 14 अप्रैल को हमारे द्वारा मजदूरी के रूपये मागने पर अभियुक्तगण रात्रि के 11.00 बजे हमें गोदाम पर ले गये और वहां हमारे साथ गाली गलोच करते हुए कपडे उतरवा दिये व मारपीट की व हम दोनो के पैरो की अंगुलियों को लोहे प्लायर से पकड़कर खिंचकर प्रताडित किया व नंगा कर हमारे निजी अंगो को भी प्लायर से पकडकर खींचा जिसपर हम चीखे- चिल्लाये तो हमारे इलेक्ट्रिक वायर से करंट लगाये और हमारे उक्त घटनाकम का विडियो भी बनाया और हमें धमकी दी कि तुम्हे एक रूपया नहीं मिलेगा. यहां बन्दी बनकर मजदूरी करनी पड़ेगी तथा अभियुक्तगण ने प्रताडना के वीडियो को हमारे गांव परिवार में भेजा जिससे हमारे परिजन द्वारा अभियुक्तगण से सम्पर्क करने पर रूपयो की मांग की.

शिकायत में बताया गया कि, " 15 अप्रैल को सुबह 10 बजे छोटू गुर्जर को फोन पे पर राशि 23,950 रूपये ट्रान्सफर किये जिसके बाद अभियुक्तगण ने हम पर दबाव बनाया जिसपर विनोद ने बैंक खाते से 20,000 रूपये नकद निकलाकर व 3000 रूपये फोन पे उपरोक्त नम्बर पर छोटू गुर्जर को अदा किये. हम मौका पाकर वहां से भाग आये जिसकी जानकारी अभियुक्तगण को होने पर हमारा पीछा करते हुए हमारे गांव कानिया आगये और 17 अप्रैल को सुबह हमारे साथ मारपीट की व धमकी दी कि मारपीट व रूपयों के बारे में किसी को बताया तो जिंदा नहीं छोडेंगे, चाकू दिखाकर धमकी देकर वहां से भाग गये। अभियुक्तगण नौकरी पर रखने के लिए साथ लेकर गये जिन्होने मजदूरी नहीं दी व मांग करने पर हमे शारिरिक यातनाएं देकर प्रताडित किया व हमारे रूपये छीन लिये व घरवालों पर दबाव बनाकर रूपये मंगवा लिये।

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