लखनऊ: आजमगढ़ के नौशेरा गांव में सोमवार को उस वक्त तनाव का माहौल पैदा हो गया, जब एक 24 वर्षीय दलित लोको पायलट की बेरहमी से हत्या कर दी गई। आरोप है कि प्रेम प्रसंग के विवाद को लेकर छह लोगों ने युवक को पहले बुरी तरह पीटा और फिर उसे जबरन जहर पिला दिया। इस घटना के बाद मृतक के परिवार और स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए आजमगढ़-गोरखपुर नेशनल हाईवे को जाम कर दिया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तीन थानों की पुलिस फोर्स और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देकर प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाया।
बुलाकर पीटा और फिर पिला दिया जहर
मृतक की पहचान जियानपुर थाना क्षेत्र के नौशेरा गांव निवासी इंदल राम के बेटे दुर्गेश कुमार के रूप में हुई है। दुर्गेश 2021 से रेलवे में लोको पायलट के पद पर कार्यरत थे और उनकी तैनाती गोरखपुर व चंडीगढ़ में रही थी। बताया जा रहा है कि उनका गांव के ही गणेश यादव की बेटी के साथ प्रेम संबंध था, जिसका लड़की का परिवार लगातार विरोध कर रहा था।
मृतक के छोटे भाई अजीत कुमार के मुताबिक, शनिवार की शाम को ज्ञानेंद्र मिश्रा नाम के एक व्यक्ति ने दुर्गेश को "मामला सुलझाने" के बहाने फोन करके बुलाया था। जब दुर्गेश बताई गई जगह पर पहुंचे, तो वहां गणेश यादव, अजय यादव, श्रवण यादव, शेरू यादव, गोविंद यादव और मिश्रा ने उन्हें घेर लिया। इस घटना का एक वीडियो क्लिप भी सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि कई लोग मिलकर युवक को थप्पड़ मार रहे हैं और उसे जमीन पर गिराकर पीट रहे हैं। अजीत ने आरोप लगाया कि इसके बाद आरोपियों ने दुर्गेश को जबरन कोई जहरीला पदार्थ पिलाया और उसे एक सुनसान जगह पर फेंककर फरार हो गए।
मौत से पहले आखिरी फोन कॉल
हमलावरों से छूटने के बाद दुर्गेश ने किसी तरह अपनी जेब में रखे दूसरे मोबाइल फोन से भाई अजीत को फोन किया। उसने अपने साथ हुई दरिंदगी की पूरी कहानी सुनाई और अपने ऊपर हमला करने वालों के नाम भी बताए। भाई का फोन आते ही अजीत तुरंत मौके पर पहुंचे और दुर्गेश को अस्पताल ले गए, लेकिन वहां पहुंचने के कुछ ही मिनटों के भीतर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
शव रखकर हाईवे किया जाम, भारी पुलिस बल तैनात
पोस्टमार्टम के बाद, जब दुर्गेश का शव घर पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। दुखी परिजनों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर शव को हाईवे पर रख दिया और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए एक बड़ा विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस चक्काजाम के कारण हाईवे पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं।
पुलिस ने भीड़ को शांत करने की बहुत कोशिश की, लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं थे। इलाके में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए तीन थानों की पुलिस और पीएसी के जवानों को तैनात किया गया। अपने बेटे का शव देखकर पिता बिलख पड़े और कहा, "वो मेरे परिवार का इकलौता कमाने वाला था। उन्होंने मेरा बेटा, मेरी आँखों की रोशनी छीन ली।"
पुलिस की कार्रवाई
एसपी (ग्रामीण) चिराग जैन ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि हत्या और संबंधित धाराओं के तहत छह नामजद आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। उन्होंने कहा, "पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि उसे पीटा गया और जहर पीने के लिए मजबूर किया गया। वीडियो सबूत में आरोपी साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।"
वहीं, वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने जानकारी दी कि ऑटोप्सी रिपोर्ट में मौत का कारण जहर ही बताया गया है और आगे की जांच के लिए विसरा को सुरक्षित रख लिया गया है। फिलहाल गांव में पुलिस बल तैनात है और आरोपियों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।