उदयपुर- जिले के गोगुन्दा गांव में करीब 200 परिवारों वाले खटीक समुदाय के लिए आर्थिक तंगी के कारण अपने बच्चों को विदेश में शिक्षा पाने के लिए भेजने किसी सपने से कम नहीं था। लेकिन गांव की एक होनहार बेटी पायल ने सभी बाधाओं को पार कर उंची उड़ान के सपने को हकीकत में बदल दिया था। पायल को लंदन में एमएससी में दाखिला मिल गया था, उसकी सफलता ने पूरे गांव को गौरव से भर दिया था; अब यह गांव गम में डूबा हुआ है।
पायल उन 241 पैसेंजेर्स में हैं जिन्होंने 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जाने वाली एयर इण्डिया की ड्रीम लाइनर विमान (एआई-171) दुर्घटना में अपनी जान गवां दी। पायल को विदा करने उसके माता पिता सहित अन्य रिश्तेदार एअरपोर्ट गये थे और ख़ुशी ख़ुशी बिटिया को रवाना किया था लेकिन किसे मालूम था ये उड़ान उसके सपनों की उड़ान ना होकर आखिरी उड़ान बन जाएगी.
पायल मूल रूप से राजस्थान के उदयपुर जिले में गोगुन्दा की रहने वाली थीं पर वर्तमान में हिम्मतनगर (गुजरात) में परिवार के साथ रहती थीं. उनके पिता सुरेशभाई खटीक लोडिंग रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालते थे. तंगी के बावजूद उन्होंने बेटी की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी.पायल पढ़ाई में शुरू से तेज थीं।
पायल के पैतृक गाँव गोगुन्दा में उसकी दादी सोसर बाई को अभी भी नहीं पता कि उनकी प्यारी पोती चली गई है। पड़ोसी भी बुजुर्ग महिला को यह बात बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। गाव वालों के अनुसार सोसर बाई के तीन बेटे जगदीश, सुरेश और कैलाश हैं, तीनों ही अपनी आजीविका के लिए गुजरात में बस गए हैं।
जगदीश सूरत में रहते हैं जबकि अन्य दो बेटे हिम्मत नगर में रहते हैं। सुरेश की दो बेटियाँ पायल और कोमल हैं और एक बेटा शुभराज है, जो 11वीं कक्षा का छात्र है। पायल ने उदयपुर के डबोक में एक कॉलेज से नर्सिंग की डिग्री पूरी की थी। वह नौकरी भी करती थी और बच्चों को ट्यूशन देती थी लेकिन उसका सपना विदेश से मास्टर्स डिग्री हासिल करने का था। पिता सुरेश ने बहुत मुश्किल से लोन आदि जुटाकर पायल को विदेश भेजने की व्यवस्था की थी, उन्हें उम्मीद थी पायल उच्च तालीम हासिल कर परिवार का मान बढ़ाएगी। लंदन में नर्सिंग में एमएससी करने के लिए पायल ने अपनी नौकरी छोड़ दी - एक सपना जो उसने काम के बाद देते हुए संजोया था। पड़ोसी बताते हैं , "पायल मेहनती और महत्वाकांक्षी थी। वह अपने परिवार को गौरवान्वित करना चाहती थी।"
गोगुन्दा में खटीक समुदाय से कोई भी कभी पढ़ाई के लिए विदेश नहीं गया था। लेकिन पायल ने इस बाधा को तोड़ दिया। उसकी सफलता ने पूरे गांव को ख़ुशी से भर दिया था, लेकिन इस विमान हादसे ने पायल के परिवार के साथ पूरे समुदाय को शोक मग्न कर दिया है।

इधर, अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 की दुखद दुर्घटना के मद्देनजर, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने शुक्रवार को पीड़ितों के परिवारों पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए तत्काल उपायों की घोषणा की। बीमाकर्ता ने कहा कि वह दावों के निपटान में तेजी लाएगा और प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए कई रियायतें देगा। एलआईसी ने दुर्घटना में मारे गए यात्रियों, क्रू मेंबर्स सहित घटना के समय जमीन पर मौजूद लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया।
कंपनी ने एक बयान में कहा, "भारतीय जीवन बीमा निगम अहमदाबाद में विमान दुर्घटना के कारण एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 के यात्रियों और क्रू मेंबर्स और हादसे के समय जमीन पर मौजूद लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करता है।" बीमाकर्ता ने आश्वासन दिया कि वह प्रभावित लोगों की सहायता करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और वित्तीय राहत प्रदान करने के लिए दावों के निपटान में तेजी लाएगा। एलआईसी ने पीड़ितों के परिवारों के लिए दावा प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद करने के लिए कई विशेष रियायतें शुरू की हैं।
बयान में कहा गया है, "मृत्यु प्रमाण पत्र के बदले, विमान दुर्घटना के कारण पॉलिसीधारक की मृत्यु का सरकारी रिकॉर्ड में कोई भी सबूत या केंद्र/राज्य सरकार या एयरलाइन अधिकारियों द्वारा भुगतान किया गया कोई भी मुआवजा मृत्यु के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा।" एलआईसी ने यह भी कहा कि दावेदारों तक पहुंचने और दावों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। आगे की सहायता के लिए परिवार निकटतम एलआईसी ब्रांच, डिवीजन या कस्टमर जोन से संपर्क कर सकते हैं। एलआईसी कॉल सेंटर पर 022-68276827 पर भी संपर्क किया जा सकता है। निजी बीमा कंपनी बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस ने भी दुर्घटना से प्रभावित अपने पॉलिसीधारकों के लिए विशेष उपायों की घोषणा की। कंपनी ने प्रभावित लोगों के मृत्यु और विकलांगता दावों को प्राथमिकता देने के लिए एक डेडिकेटेड क्लेम सेटलमेंट डेस्क स्थापित किया है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दुर्घटना स्थल का दौरा किया और अहमदाबाद सिविल अस्पताल में घायल पीड़ितों से भी मुलाकात की।
(अहमदाबाद अपडेट ईएएनएस से प्राप्त इनपुट के आधार पर)