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दलित छात्र को 4 दिन तक बनाया बंधक, पेशाब पिलाया गया, बेरहमी से पीटा गया – तिरुपति से रूह कंपा देने वाला मामला!

तिरुपति, आंध्र प्रदेश – तिरुपति ज़िले में एक दलित इंजीनियरिंग छात्र के कथित अपहरण और कई दिनों तक शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न की घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश पैदा कर दिया है। तिरुचनूर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyay Sanhita) के तहत अपहरण, गंभीर चोट पहुंचाना, जातिसूचक हमले, तीन दिन से अधिक अवैध बंधक बनाना और मौत की धमकी देने जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है।

पीड़ित छात्र ने लगाया जातिगत प्रताड़ना का आरोप

यह मामला 16 मई को दर्ज हुआ, जिसमें पीड़ित की पहचान ए. जेम्स (22 वर्ष) के रूप में हुई है। वह श्री विद्या निकेतन कॉलेज का अंतिम वर्ष का बी.टेक छात्र है और नेल्लूर ज़िले के रेड्डीपालेम गांव का निवासी है। जेम्स और उसके मित्र गुरु साई रेड्डी का अपहरण हॉस्टल के बाहर से किया गया। आरोपियों का नेतृत्व मुख्य आरोपी यशवंत कर रहा था। अन्य नामजद आरोपियों में किरण, जग्गा, ललित, साई गौड़ा, वंशी, रूपेश और कुछ अज्ञात लोग शामिल हैं।

जेम्स ने एक वीडियो बयान में कहा, “मैं अपने कजिन से मिलने जा रहा था तभी एक ग्रुप जिसमें केटी रोड कट्टी, नानी, जग्गा जैसे लोग थे, ने मुझे रोक लिया और एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया। उन्होंने मुझे तीन-चार दिन तक बेरहमी से पीटा।”

पीड़ित ने आरोप लगाया कि उसे जातिसूचक गालियाँ दी गईं और पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया। उसने कहा, “उन्होंने कहा – ‘तू SC जाति का होकर इतनी हिम्मत कैसे कर सकता है?’ मुझे बहुत मारा गया। मैं इंसाफ चाहता हूं।”

होटल के कमरे में रखा गया बंधक, जान से मारने की धमकी

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने जेम्स और उसके दोस्त को बाइक पर जान से मारने की धमकी देकर एलीट पार्क होटल, श्रीनिवासपुरम के कमरा नंबर 209 में बंद कर दिया। पीड़ितों को हाथ, लात, बेल्ट और लोहे की रॉड से मारा गया। जेम्स की आंख के पास गंभीर चोटें आई हैं, वहीं उसके दोस्त को भी कई जगहों पर चोटें लगीं। बताया गया कि दोनों किसी तरह तिरुपति लौटते समय भाग निकले।

पुलिस ने कहा कि जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अन्य आरोपियों की पहचान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने की घटना की निंदा

पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे राज्य में दलितों पर बढ़ते अत्याचार और बिगड़ती कानून व्यवस्था का उदाहरण बताया।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “राज्य में दलितों के लिए कोई सुरक्षा नहीं बची है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे कमजोर वर्गों को सुरक्षा देने में कानून व्यवस्था विफल हो रही है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण पुलिस ने समय पर उचित कार्रवाई नहीं की।

उन्होंने मांग की कि दोषियों के खिलाफ तत्काल केस दर्ज किया जाए और दलित छात्र को न्याय दिलाया जाए।

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