मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश: मिर्जापुर जिले के सुदूर मरिहान क्षेत्र स्थित एक सरकारी आवासीय स्कूल की दलित और पिछड़े वर्ग की 12 छात्राओं ने NEET-UG 2024 परीक्षा पास कर क्षेत्र में शिक्षा की दिशा में नया इतिहास रच दिया है। इन छात्राओं की सफलता को समाज के कई वर्गों ने “मील का पत्थर” बताया है।
अधिकारियों के अनुसार, मरिहान के सरवोदय विद्यालय से कुल 25 छात्राओं ने NEET-UG परीक्षा दी थी, जिसके परिणाम 14 जून को घोषित हुए। इनमें से 12 छात्राओं ने सफलता हासिल की। सफल होने वाली छात्राओं में श्वेता पाल, कुमारी पूजा रंजन, प्रिंसी, मालती, कोमल कुमारी, लक्ष्मी, अनुराधा, कोमल, लक्ष्मी, सभ्या प्रजापति, दीप्ति गुप्ता और पूजा सोनकर शामिल हैं। ये सभी अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से आती हैं।
कड़ी मेहनत और स्कूल के सहयोग का नतीजा
सफल छात्रा श्वेता पाल ने कहा, “हमारे शिक्षक और वार्डन हमेशा हमें पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित रखने के लिए प्रेरित करते थे। हमारे केमिस्ट्री के शिक्षक अरविंद सर और बायोलॉजी के शिक्षक सुधीर सर हमेशा मार्गदर्शन के लिए उपलब्ध रहते थे। स्कूल में मानसिक ताजगी के लिए इनडोर और आउटडोर गेम्स की सुविधा भी थी।”
श्वेता के पिता हीरा लाल ने भी स्कूल की तारीफ करते हुए कहा, “स्कूल और हॉस्टल की व्यवस्था बहुत अच्छी थी। शिक्षक बहुत सहयोगी और प्रोत्साहित करने वाले थे।”
एक अन्य छात्रा पूजा रंजन के पिता रमेश रंजन ने बताया कि उनकी बेटी ने पहली ही कोशिश में परीक्षा पास की। उन्होंने कहा, “पूजा पहले सोनभद्र के सरवोदय विद्यालय में पढ़ती थी, लेकिन कक्षा 11 और 12 के लिए मरिहान आई। उसने यूपी बोर्ड में 81% अंक प्राप्त किए। वह दिन में 16 से 18 घंटे पढ़ाई करती थी — 6 घंटे स्कूल, 5 घंटे कोचिंग और 6-7 घंटे स्वअध्ययन।”
अधिकारियों और नेताओं ने दी बधाई
इन छात्राओं की सफलता ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं का ध्यान खींचा है। उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने इन छात्राओं को बधाई दी। उन्होंने इसे "शानदार सफलता" बताते हुए कहा, “कुछ वर्षों बाद ये बेटियाँ डॉक्टर बनकर लोगों की जान बचाएंगी। हम सुनिश्चित करेंगे कि इनकी छात्रवृत्ति में कोई बाधा न आए।”
मिर्जापुर की जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने कहा, “यह इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। मरिहान का सरवोदय विद्यालय सरकारी स्कूलों के लिए एक आदर्श मॉडल बनकर उभरा है। यह एक आवासीय विद्यालय है, जहां छात्राएं दो साल या उससे अधिक समय से रहकर पढ़ रही हैं। उन्हें नियमित शिक्षा के साथ-साथ NEET और JEE की कोचिंग भी दी गई। रहना, खाना और पढ़ाई — सब कुछ मुफ्त था।”
जिला समाज कल्याण अधिकारी त्रिनेत्र सिंह ने कहा, “मरिहान के सरवोदय विद्यालय को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। डिप्टी डायरेक्टर और मैं स्वयं इन छात्राओं की तैयारी और सुविधाओं पर निगरानी रखते थे। उन्हें किताबें, कोचिंग, भोजन, खेल और अन्य सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए गए।”
सार्वजनिक-निजी साझेदारी से सफलता
समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि मरिहान के सरवोदय विद्यालय में उत्कृष्टता केंद्र की पहल एक्स-नवोदयन फाउंडेशन, वाराणसी और टाटा AIG के सहयोग से चलाई जा रही है। इसके तहत 39 छात्राओं को NEET और JEE की मुफ्त कोचिंग दी गई, जिनमें से 26 ने NEET के लिए पंजीकरण कराया, 25 ने परीक्षा दी और 12 ने सफलता पाई।
वर्तमान में समाज कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश में लगभग 100 सरवोदय विद्यालय आवासीय परिसर संचालित करता है, जो कक्षा 6 से 12 तक के आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित समुदायों के छात्रों को मुफ्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग प्रदान करते हैं। यह संस्थान इन समुदायों के बच्चों के लिए उज्ज्वल भविष्य के नए द्वार खोल रहे हैं।