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"ब्राह्मणवाद ही ब्राह्मण है तब तो उन्हें पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए..", बस्ती के सरकारी शिक्षक विजय पटेल की टिप्पणी पर क्यों मचा है विवाद?

उत्तर प्रदेश: जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के सम्बन्ध में बस्ती जिले के गौर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय रामापुर में तैनात सहायक अध्यापक विजय पटेल ने ब्राह्मणवाद की तुलना आतंकवाद से कर डाली. शिक्षक ने यह टिप्पणी एक WhatsApp ग्रुप में की थी, जिसके बाद उसका स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा और ब्राह्मण समाज के लोग आक्रोशित होकर शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करने लगे।

शिक्षक विजय पटेल ने बीआरसी संचालित शारदा कंप्यूटर व्हाट्सएप ग्रुप में यह टिप्पणी की थी. ग्रुप में शामिल कुछ लोगों ने उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जताई और कुछ ही घंटों में वह सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया.

screenshot of whatsapp group
व्हाट्सएप ग्रुप का स्क्रीनशॉट

इस घटना पर जिले के भाजपा नेता और समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय 'सुदामा' ने शिक्षक के खिलाफ प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने शिक्षक की बर्खास्तगी और आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। पाण्डेय ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है, तो वे जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना देंगे।

हालांकि, सोमवार को चंद्रमणि पांडेय ‘सुदामा’ जैसे ही कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे, जिलाधिकारी ने उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रित किया। इस बीच विजय शंकर त्रिपाठी, वेदप्रकाश त्रिपाठी, संतोष पाठक व विमलेंद्र सिंह आदि के साथ करीब आधे घंटे वार्ता हुई।

अमर उजाला के हवाले से जिलाधिकारी ने बताया कि, "आरोपी शिक्षक को जवाब देने के लिए बीएसए ने दो दिन का समय दिया था। यदि शनिवार तक जवाब दिया गया होगा तो सोमवार को डाक से मिल जाएगा अथवा दोबारा नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद निलंबन की कार्रवाई होगी।"

24 अप्रैल को बस्ती के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षक को भेजे गए कारण बताओ नोटिस में कहा गया कि, "सोशल मीडिया व कई लोगों से प्राप्त दूरभाष पर सूचना के अनुसार आप द्वारा मोबाइल नम्बर- 9451****** से शिक्षकों के व्हॉट्सएप ग्रुप पर लिखा गया है कि "आतंकी धर्म पूछते हैं ब्राम्हणवाद जाति पूछते हैं दोनों में कोई अन्तर नही है इंसानियत के लिए बहुत जरूरी है दोनों को उखाड़ फेकों।" आप के उक्त कृत्य से ब्राम्हण समाज के प्रति गलत सन्देश गया है। आप का उक्त कृत्य शिक्षक आचरण नियमावली के विरूद्ध है। आतंकवाद सम्पूर्ण विश्व, देश और समाज सबके के लिए विष के समान एवं घातक तथा अमानवीय है, जिसकी तुलना आप द्वारा ब्राम्हणवाद से किया गया है। आप द्वारा एक जाति समुदाय को अपमानित करने का कार्य किया गया है, जिससे ब्राम्हण समाज में आप के टिप्पणी के प्रति काफी रोष है एवं आप के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की जा रही है।"

नोटिस में आगे लिखा गया कि, "आप को निर्देशित किया जाता है कि उक्त कृत्य के सम्बन्ध में अपना स्पष्टीकरण 02 दिवस के अन्दर साक्ष्य सहित उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। यह भी स्पष्ट करें कि आप के उक्त कृत्य के आलोक में क्यों न आप के विरूद्ध अग्रेत्तर कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जाय?"

'ब्राह्मणवाद ही ब्राह्मण है तब तो उन्हें पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए दलितों के शोषण की'

ब्राह्मणवाद पर टिप्पणी के बाद शिक्षक को नोटिस जारी किये जाने की घटना पर प्रोफेसर व भारत आदिवासी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, डॉक्टर जितेन्द्र मीणा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, “आतंकी धर्म पूछते है और ब्राह्मणवादी जाति” बस इतना लिखना काफ़ी है कारण बताओ नोटिस भेजने के लिए। यदि ब्राह्मणवाद ही ब्राह्मण है तब तो उन्हें पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए दलितों के शोषण की, महिलाओं के दमन की, आदिवासियों की लूट की, ग़ैर बराबरी का समाज बनाने की और भारत को गुलाम बनाने की। और यदि ब्राह्मणवाद ब्राह्मण नहीं है तो ऐसे नोटिस समय और सरकारी संसाधनों की बर्बादी है और विजय पटेल को सम्मानित करके अपनी गलती सुधारनी चाहिए।"

इसी मामले पर चर्चित मोटिवेशनल स्पीकर और एजूकेटर विजेंद्र चौहान लिखते हैं कि, "क्या आप इसकी कल्पना कर सकते हैं? राज्य अब यह मानता है कि 'ब्राह्मणवाद' की रक्षा करना उसका कर्तव्य है? ब्राह्मणवाद का विरोध करना अब नियमों के विरुद्ध होगा।"

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