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"BJP किसी भी ऐसी राय से कितना डरती है जो..." अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर की गिरफ्तारी पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कही ये बात

नई दिल्ली, 19 मई 2025 – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है, जिन्हें हरियाणा पुलिस ने ऑपरेशन सिंदूर पर उनके सोशल मीडिया पोस्ट के लिए रविवार 18 मई को गिरफ्तार किया था। खड़गे ने इसे भारतीय जनता पार्टी द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने और असहमति को कुचलने का प्रयास करार दिया। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह उन लोगों को निशाना बना रही है जो सरकार से सवाल उठाते हैं, बहुलवाद का प्रतिनिधित्व करते हैं, या राष्ट्रीय हित में अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं।

खड़गे ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमारे सशस्त्र बलों, नौकरशाहों, शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों और उनके परिवारों के साथ खड़ी है। मैं किसी भी व्यक्ति के चरित्र हनन, बदनामी, ट्रोलिंग, उत्पीड़न, गैरकानूनी गिरफ्तारी या किसी व्यावसायिक इकाई के खिलाफ तोड़फोड़ की निंदा करता हूं, चाहे वह अतिवादी तत्वों के माध्यम से हो या आधिकारिक सरकारी तंत्र के जरिए।”

उन्होंने आगे कहा, “अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि बीजेपी किसी भी ऐसी राय से कितना डरती है जो उन्हें पसंद नहीं। यह उस शृंखला का हिस्सा है जिसमें हमारे शहीद नौसैनिक अधिकारी की विधवा, विदेश सचिव और उनकी बेटी, और भारतीय सेना में सेवारत कर्नल के खिलाफ बीजेपी के एक मंत्री द्वारा की गई निंदनीय टिप्पणियों को निशाना बनाया गया।”

खड़गे ने बीजेपी पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया, विशेष रूप से मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और मंत्री विजय शाह के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए, जिन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा, “हमारे सशस्त्र बलों और सरकार का समर्थन करना, जब राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हो, का मतलब यह नहीं कि हम सरकार से सवाल नहीं कर सकते। राष्ट्रीय एकता कांग्रेस पार्टी के लिए सर्वोच्च है, लेकिन बीजेपी को यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि वह मौजूदा घटनाओं के आड़ में तानाशाही को बढ़ावा दे सकती है। लोकतंत्र को मजबूत रहना चाहिए।

मामले का पृष्ठभूमि

अली खान महमूदाबाद, जो अशोका यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख हैं, को हरियाणा पुलिस ने 18 मई को दिल्ली में उनके आवास से गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी बीजेपी युवा मोर्चा के महासचिव और जठेरी गांव के सरपंच योगेश जठेरी की शिकायत पर आधारित थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि महमूदाबाद की 8 मई की सोशल मीडिया पोस्ट ने सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने और राष्ट्रीय एकता को खतरे में डालने का प्रयास किया। इसके अलावा, हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने भी उनकी टिप्पणियों का स्वत: संज्ञान लेते हुए एक अलग प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की थी।

महमूदाबाद ने अपने पोस्ट में ऑपरेशन सिंदूर की रणनीतिक सफलता की सराहना की थी, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। यह अभियान 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। उन्होंने लिखा था, “पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों के बीच का अंतर अब खत्म हो गया है। संदेश स्पष्ट है: अगर आप अपने आतंकवाद की समस्या से नहीं निपटते, तो हम निपटेंगे!” हालांकि, उन्होंने युद्ध की वकालत करने वालों की आलोचना की और कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह द्वारा दी गई प्रेस ब्रीफिंग को “प्रतीकात्मक” करार देते हुए कहा कि यह भारत की विविधता में एकता के सपने को दर्शाता है, लेकिन इसे जमीनी हकीकत में बदलना होगा, अन्यथा यह “पाखंड” है।

हरियाणा राज्य महिला आयोग ने उनकी टिप्पणियों को भारतीय सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों का अपमान करने वाला और सांप्रदायिक असामंजस्य को बढ़ावा देने वाला माना। आयोग ने 12 मई को उन्हें समन जारी किया था, जिसका जवाब महमूदाबाद ने 14 मई को देते हुए कहा कि आयोग ने उनकी पोस्ट को “गलत पढ़ा” और उनके अर्थ को “पूरी तरह उलट दिया।”

तत्काल सुनवाई को राजी सुप्रीम कोर्ट

19 मई को CJI बी.आर. गवई ने अली खान महमूदाबाद की याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के मौखिक अनुरोध को स्वीकार कर लिया। सिब्बल ने तर्क दिया कि प्रोफेसर की गिरफ्तारी “पूरी तरह से देशभक्ति भरे बयान” के लिए हुई है और यह उनके अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि याचिका को 20 या 21 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। महमूदाबाद को रविवार शाम को सोनीपत की एक अदालत में पेश किया गया था, जहां उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। अगली सुनवाई 20 मई को दोपहर 2 बजे निर्धारित है।

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