“कहां मर गए सब आरक्षण जीवी…”, शक्ति दूबे के UPSC टॉप करने के बाद आरक्षण के नाम पर सोशल मीडिया पर किसे दी जा रहीं गालियां?

03:27 PM Apr 26, 2025 | Rajan Chaudhary

नई दिल्ली: यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के नतीजों में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की शक्ति दूबे को बड़ी सफलता मिली है. भारत की सबसे कठिन मानी जाने वाली परीक्षा में शक्ति ने टॉप किया है. इस सफलता से आंकलन लगाया जा सकता है कि उन्होंने इस सफलता के लिए कितनी मेहनत की होगी. लेकिन, जहां एक ओर पूरा देश शक्ति दूबे को इस परीक्षा में प्रथम रैंक हासिल करने के लिए बधाईयां दे रहा हैं, वहीं दूसरी ओर शक्ति दूबे की फोटो लगाकर सोशल मीडिया पोस्टों में देश की आधी से अधिक आबादी को आरक्षण के नाम पर गालियां दी जा रहीं हैं.

अधिकांश सोशल मीडिया पोस्ट में UPSC टॉपर शक्ति दूबे की फोटो के साथ एक ही कैप्शन लिखा गया है. जिसे एक विशेष समुदाय द्वारा खूब पोस्ट किया जा रहा है. 

“ब्राह्मण एकता मंच” नाम के एक फेसबुक पेज, जिसके लगभग 77 हजार फोलोवर्स हैं, पर 23 अप्रैल को पोस्ट करके शक्ति को बधाईयां और आरक्षण लेने वाले लोगों को निशाना बनाया गया है. पोस्ट में लिखा गया है कि, “यह है ब्राह्मणों का तेज...अरे कहां मर गए सब आरक्षण जीवी..! बहुत गर्व की बात है कि #बलिया के अंतर्गत #बैरिया #रामपुर_गांव की बेटी श्री मुन्ना दुबे की बेटी शक्ति दुबे #यूपीएससी_2024 में पूरे #भारत में सर्वोच स्थान प्राप्त कर बैरिया और जिले और अपने समाज का नाम रोशन की है। बहन को समाज का नाम गर्व से ऊंचा करने के लिए हृदय से बहुत बहुत बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं??”

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जाहिर है कि एक समुदाय विशेष के नाम पर बने इस पेज के पोस्ट द्वारा आरक्षण प्राप्त करने वाले दलित, पिछड़े और आदिवासियों को सीधे तौर पर निशाना बनाया गया है. जैसा की इस पोस्ट के नीचे देखा जा सकता है.

आरक्षण पर सोशल मीडिया पोस्ट्स

हालांकि, ब्राह्मण एकता मंच मात्र अकेला पोस्ट नहीं है, इसके अलावा अनगिनत सोशल मीडिया पोस्ट में भी यही बात लिखी गई है. ऐसे में यह सवाल उठ रहें हैं कि अगर शक्ति दूबे ने अपनी मेहनत से टॉप रैंक हासिल की है तो आरक्षण लेने वाले हाशिए के समुदाय के लोगों ने किसी का क्या बिगाड़ा है. जबकि, आरक्षण संवैधानिक व्यवस्था है. 

संघ लोक सेवा आयोग ने बीते 22 अप्रैल को यूपीएससी रिजल्ट 2024 जारी किया था. जिसमें सामान्य वर्ग के 335, EWS के 109, ओबीसी के 318, अनुसूचित जाति (SC) के 160 और अनुसूचित जनजाति (ST) के 87 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए हैं. 

सोशल मीडिया पर आरक्षण विरोधी टिप्पणियां

यहां यह उल्लेखनीय है कि, ईडब्ल्यूएस — सामान्य वर्ग को दिया जाने वाला आरक्षण — के तहत भी 109 उम्मीदवारों का चयन यूपीएससी में हुआ है. उसके बावजूद आरक्षण के नाम पर एक विशेष समुदाय आरक्षण लेने वाले लोगों को गालियां दे रहा है. ऐसा जाहिर हो रहा है कि, सामान्य वर्ग द्वारा भी ईडब्ल्यूएस के माध्यम से आरक्षण लेने के बाद भी अगर आरक्षण लेने वालों को निशाना बनाया जा रहा है तो उनके निशाने पर सामान्य वर्ग को छोड़कर अन्य वह सभी समुदाय हैं जो संविधान प्रदत्त आरक्षण का लाभ प्राप्त करते हैं.