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नेशनल दस्तक के बैंक खाते सीज: बहुजन मुद्दों को दबाने का आरोप

नई दिल्ली। बहुजन समाज की समस्याओं और उनके मुद्दों को उठाने वाले प्रमुख डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म 'नेशनल दस्तक' के बैंक अकाउंट को आयकर विभाग ने फ्रीज कर दिया है। इस घटना ने मीडिया स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नेशनल दस्तक के फाउंडर और एडिटर शंभु कुमार ने इसे सरकार द्वारा बहुजन आवाज़ दबाने की साजिश करार दिया है।

नेशनल दस्तक के संपादक शंभु कुमार ने बताया कि, आयकर विभाग ने बिना कोई सुनवाई का समय दिए उनकी मीडिया कंपनी के बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए। सामान्य प्रक्रिया के अनुसार, नोटिस के बाद कम-से-कम एक महीने का समय दिया जाता है, लेकिन यहां सीधे कार्रवाई की गई। शंभु कुमार ने इसे "बहुजन समाज की आवाज़ को दबाने और सरकार से सवाल पूछने वालों पर बेवजह कार्रवाई" का हिस्सा बताया।

कर्मचारियों की सैलरी होल्ड

नेशनल दस्तक की संवाददाता निधि रतन ने द मूकनायक को बताया कि उनकी टीम में कुल 10 लोग काम करते हैं, जिन्हें हर महीने नियमित रूप से सैलरी दी जाती है। उन्होंने कहा कि इस महीने भी सैलरी देने का समय था, लेकिन आयकर विभाग ने बिना किसी नोटिस और पक्ष जाने उनके बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया, जिससे कर्मचारियों की सैलरी अटक गई है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई सिर्फ इसलिए की गई है क्योंकि नेशनल दस्तक वंचित और शोषित समाज की आवाज़ उठाता है। निधि ने कहा, "सरकार हमें चुप कराने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है, ताकि हम समाज के सवालों और उनकी समस्याओं को उठाने से रोक दिए जाएं।"

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने भेजा था नोटिस

यह पहली बार नहीं है जब नेशनल दस्तक को इस तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। इससे पहले लोकसभा चुनाव के समय सूचना एवं प्रसारण विभाग, दिल्ली ने नेशनल दस्तक को नोटिस भेजा था और उनका यूट्यूब चैनल बंद करने की बात कही थी।

शंभु कुमार का मानना है कि नेशनल दस्तक वंचित और शोषित समाज की आवाज़ उठाने का काम करता है, जो सरकार को असहज करता है। उन्होंने कहा, "सरकार के खिलाफ सवाल पूछने और बहुजन समाज के मुद्दे उठाने वालों को चुप कराने के लिए यह हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।"

संविधान का अनुच्छेद 19(1)(ए) प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है। ऐसे में बिना उचित प्रक्रिया के मीडिया संस्थानों पर कार्रवाई करना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। शंभु कुमार ने कहा कि नेशनल दस्तक इस अन्यायपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगा।

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