नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने तमिल मैगजीन वेब पोर्टल विकटन.कॉम (Vikatan.Com) को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा ब्लॉक किए जाने पर गहरा आक्रोश और चिंता व्यक्त की है। यह निर्णय, बिना किसी पूर्व प्रक्रिया का पालन किए, प्रधानमंत्री के एक कार्टून पर की गई शिकायत के आधार पर लिया गया।
गिल्ड ने इस कदम को "अधिकारियों द्वारा किया गया एक खुला अतिक्रमण" करार दिया और पूरे वेब पोर्टल को अचानक ब्लॉक करने की निंदा की। बयान के अनुसार, यह कार्रवाई एक राजनीतिक दल के राज्य प्रमुख द्वारा सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) में की गई शिकायत के बाद की गई, और आनंद विकटन समूह को कोई पूर्व सूचना या निष्पक्ष सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया।
प्रेस निकाय ने इस प्रक्रिया की अनियमितताओं की भी कड़ी आलोचना की। गिल्ड ने कहा, "यह चौंकाने वाला है कि वेबसाइट को ब्लॉक करने के बाद, प्रकाशकों को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (आईटी नियम 2021) के तहत गठित एक अंतर-विभागीय समिति द्वारा सुनवाई के लिए बुलाया गया। वास्तव में, दंडात्मक कार्रवाई पहले कर दी गई और प्रक्रिया बाद में शुरू की गई।"
संपादकों की गिल्ड ने यह भी बताया कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने पहले ही आईटी नियम 2021 के नियम 9(1) और (3) पर रोक लगा रखी है, जिससे अंतर-विभागीय समिति की प्रकाशकों के खिलाफ शिकायतों की जांच करने की शक्ति सीमित हो जाती है। गिल्ड ने तर्क दिया कि वेबसाइट को ब्लॉक करना "दमनकारी रवैया" दर्शाता है और स्वतंत्र प्रेस के मूल सिद्धांतों को कमजोर करता है, जिससे भारत में मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर नई चिंताएँ उत्पन्न हो रही हैं।
इसके अलावा, गिल्ड ने कार्टूनिस्ट के खिलाफ सोशल मीडिया पर की जा रही ट्रोलिंग और मौत की धमकियों पर भी गहरी चिंता व्यक्त की।
एडिटर्स गिल्ड ने MeitY से इस ब्लॉकिंग आदेश को तुरंत वापस लेने और यह सुनिश्चित करने की अपील की कि इसके निर्णय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिद्धांतों का पालन करें और मनमाने ढंग से न लिए जाएँ। बयान में कहा गया, "ऐसी कार्रवाइयाँ भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों, निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए हानिकारक हैं।"