मई में बेरोजगारी ने तोड़ा रिकॉर्ड! हर चौथा युवा शहरों में बेरोज़गार, महिलाओं की हालत और भी बुरी

11:55 AM Jun 18, 2025 | Rajan Chaudhary

नई दिल्ली: 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए भारत की बेरोजगारी दर मई 2025 में बढ़कर 5.6% हो गई, जो अप्रैल में 5.1% थी। यह जानकारी सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के ताज़ा आंकड़ों से सामने आई है। इस दौरान श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) में भी गिरावट दर्ज की गई, जो देश के विभिन्न हिस्सों में पड़ी लू और मौसमी कृषि गतिविधियों में कमी जैसे कारणों से श्रम बाजार पर दबाव को दर्शाती है।

ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में 15 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों की बेरोजगारी दर मई में 5.6% रही, जो अप्रैल में 5.2% थी। महिलाओं में यह दर 5.8% पहुंच गई, जबकि अप्रैल में यह 5.0% थी।

युवाओं में बेरोजगारी दर में भारी इजाफा

ग्रामीण क्षेत्रों में 15 से 29 वर्ष के आयु वर्ग में बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। पुरुषों के बीच यह दर अप्रैल के 13% से बढ़कर 14% हो गई, जबकि महिलाओं में यह 10.7% से बढ़कर 13% दर्ज की गई।

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शहरी क्षेत्रों में भी युवाओं में बेरोजगारी का स्तर ऊंचा रहा। इस आयु वर्ग में कुल बेरोजगारी दर 15.8% रही, जो अप्रैल में 15% थी। वहीं, महिला युवाओं में बेरोजगारी दर 24.4% रही, जो अप्रैल में 23.7% थी।

श्रम बल भागीदारी दर में गिरावट

15 वर्ष और उससे ऊपर की आयु के व्यक्तियों में श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) मई में घटकर 54.8% रह गई, जबकि अप्रैल में यह 55.6% थी। ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 56.9% और शहरी क्षेत्रों में 50.4% दर्ज की गई।

इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं:

  • रबी फसल की कटाई के बाद कृषि कार्यों में कमी

  • ग्रामीण रोजगार में प्राथमिक क्षेत्र (कृषि) से सेकेंडरी और सेवा क्षेत्रों की ओर स्थानांतरण (अप्रैल में 45.9% से मई में 43.5%)

  • लू के प्रकोप के कारण बाहरी श्रम कार्यों में गिरावट

  • ग्रामीण उच्च आय वाले परिवारों में महिलाओं का घरेलू कार्यों में लौटना और अप्रशिक्षित सहायिकाओं की संख्या में कमी

महिलाओं की भागीदारी में भारी गिरावट

PLFS सर्वे के अनुसार, खासकर ग्रामीण महिलाओं की श्रम बल भागीदारी में एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। इसका मुख्य कारण है ग्रामीण क्षेत्रों में कैजुअल मजदूरी और बिना वेतन काम करने वाली महिलाओं की संख्या में गिरावट।

रिपोर्ट में कहा गया है, “रबी फसल के खत्म होने के बाद कृषि गतिविधियों में कमी आने से ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों और महिलाओं—दोनों की कामकाजी संख्या में गिरावट आई है।”

सर्वेक्षण

जनवरी 2025 से PLFS सर्वेक्षण को नए प्रारूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसका उद्देश्य शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए मासिक स्तर पर श्रम बाजार के आंकड़े प्रदान करना है। इससे नीति निर्धारण में अधिक तत्काल और प्रभावी हस्तक्षेप संभव हो सकेगा।