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गुजरात में डॉ. अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी के खिलाफ बहुजन समुदाय का विरोध तेज, यूं दिखा रहे नाराज़गी...

अहमदाबाद /हैदराबाद - केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की संसद में की गई टिप्पणी पर बहुजन समुदाय का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। गुजरात में स्वयम सैनिक दल (SSD) के नेतृत्व में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने अमित शाह की टिप्पणियों को डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान का अपमान बताते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है।

इस बीच, हैदराबाद के वकील डॉ. बी. कार्तिक नवायन ने शाह के खिलाफ अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत पुलिस को शिकायत दी है।

गुजरात में SSD और अन्य बहुजन संगठनों ने बड़े पैमाने पर रैलियों का आयोजन किया है। इन प्रदर्शनों के दौरान "जय भीम, जय संविधान" के नारे गूंजे। SSD ने जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपते हुए अमित शाह को उनके मंत्री पद से हटाने और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की।

SSD के संजय बौद्ध ने द मूकनायक को बतया कहा, गुजरात भर में शाह की बयानों की कड़ी निंदा हो रही है, बहुजन समाज के लिए बाबा साहब की क्या अहमियत है , यह जानकर भी शाह ने इस प्रकार का ब्यान दिया है जो समुदाय की भावना को आहत कर रहा है, गृह मंत्री ने अब तक अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी भी नहीं मांगी है जो और निंदनीय है.
"डॉ. अंबेडकर का योगदान केवल संविधान तक सीमित नहीं है; वह सामाजिक न्याय और समानता के प्रतीक हैं। अमित शाह का बयान उनकी छवि को नीचा दिखाने का प्रयास है और यह हमारे समाज के बहुजन प्रतीकों का अपमान है।"

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर इस मामले पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे विरोध को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाएंगे। SSD ने यह भी आरोप लगाया कि अमित शाह का बयान बहुजन समुदायों की गरिमा और उनके प्रतीकों के महत्व को नजरअंदाज करता है।

पाटन में ADM सिटी को ज्ञापन देते हुए बच्चे

अमितशाह के विरोध में राजकोट जिले में स्वयम् सैनिक दल के माध्यम से विरोध किया गया जिसमे "कांशीराम साहब की कही हुई बात - तिलक तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार" के नारे लगाये गये.

बाबासाहब के सम्मान में SSD मैदान में पाटन जिले में स्वयम् सैनिक दल के माध्यम से अमितशाह का पुतला दहन किया गया। यहाँ कलेक्टर कचहरी का घेराव किया गया और अमितशाह मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।

जिला कच्छ में शाह के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया। उचित कार्यवाही की मांग की गई और कहा कि यदि कारवाई नहीं है तो पूरे भारत में बहुत बड़ा आंदोलन होगा।

भावनगर जिले में हुए विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में महिलाएं शामिल हुई और जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया गया। गीर सोमनाथ जिले में ब्लॉक तलाला गिर में स्वयम् सैनिक दल के माध्यम से धरना प्रदर्शन किया गया। 'अमितशाह तड़ीपार' अंकित पुतला दहन किया गया। अमितशाह और बीजेपी मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। इनके अलावा मोरबी, सूरत, अहमदाबाद आदि कई शहरों में SSD ने रैली, पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम आयोजित किये. राष्ट्रपति के नाम से ज्ञापन दिए जा रहे हैं जिसमे अमित शाह को मंत्री पद से हटाने की मांग की जा रही है .

डॉ. अंबेडकर के प्रति अमित शाह की टिप्पणी ने सामाजिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। आलोचकों का कहना है कि यह बयान बहुजन आइकनों और उनके योगदान के प्रति असंवेदनशीलता दर्शाता है।

SSD के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा:"अगर अमित शाह को यह समझ नहीं है कि डॉ. अंबेडकर का नाम लेना किस तरह से हमारे समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, तो उन्हें संसद में इस तरह के बयान देने का कोई अधिकार नहीं है।"

सूरत के अमरोली में विरोध के बाद सभा की गई

हैदराबाद के वकील की कानूनी पहल

इस बीच, हैदराबाद के वकील डॉ. बी. कार्तिक नवायन ने अमित शाह के खिलाफ पुलिस आयुक्त को शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में उन्होंने शाह की टिप्पणी को अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के लिए अपमानजनक और संविधान के निर्माता डॉ. अंबेडकर के प्रति असम्मानजनक बताया।

डॉ. नवायन ने अपनी शिकायत में लिखा:
"अमित शाह द्वारा डॉ. बी.आर. अंबेडकर का उल्लेख अपमानजनक और आपत्तिजनक है। यह अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1)(र), 3(1)(स), और भारतीय न्याय संहिता की धारा 352 के तहत अपराध है।"

उन्होंने आगे कहा कि अनुसूचित जाति समुदाय डॉ. अंबेडकर को किसी भी देवी-देवता से अधिक सम्मान देता है। "डॉ. अंबेडकर को आधुनिक भारत और संविधान का निर्माता माना जाता है। अमित शाह की टिप्पणी केवल उनके प्रति नहीं, बल्कि पूरे अनुसूचित जाति समुदाय की भावनाओं के प्रति असंवेदनशीलता दिखाती है।"

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