आगरा: ताजगंज इलाके में 21 वर्षीय बिरयानी विक्रेता की हत्या के पांच दिन बाद पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है—दो को हत्या में शामिल होने और एक को सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो पोस्ट करने के आरोप में पकड़ा गया है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान प्रियांश यादव (21) और शिवम बघेल (20) के रूप में हुई है। दोनों पर 23 अप्रैल की रात ताजमहल से महज 1.5 किलोमीटर दूर स्थित एक खाने के ठिकाने पर गुलफाम अली और उनके सहकर्मी साई अली पर गोली चलाने का आरोप है।
उत्तर प्रदेश के आगरा में 3 लोगों ने रेस्टोरेंट वर्कर गुलफाम की गोली मारकर हत्या कर दी। फायरिंग में सैफ अली के सीने पर भी गोली के छर्रे लगे हैं।
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) April 24, 2025
क्षत्रिय गौरक्षा दल से जुड़े मनोज चौधरी ने एक Video जारी करके कहा– "ताजनगरी आगरा में 2 कटु* मारे गए। क्षत्रिय गोरक्षा दल इसकी… pic.twitter.com/qhNj8pw5b8
पुलिस ने मनोज चौधरी (25) को भी गिरफ्तार किया है, जो पहले से एक हत्या के मामले में वांछित है और कथित तौर पर "गौरक्षा दल" से जुड़ा हुआ है। मनोज पर आरोप है कि उसने इस घटना का वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कर साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश की। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड पहले से मौजूद है।
इसके अलावा, पुलिस ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो फैलाने के आरोप में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की है।
आगरा पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि हत्या के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक अन्य आरोपी पुष्पेंद्र बघेल अब भी फरार है।
पुलिस ने बताया, “प्रियांश और शिवम को हमारी एसआईटी टीम के साथ हुई मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया। इस दौरान एक एसआईटी कांस्टेबल भी घायल हो गया।”
#Agra : स्कूटी सवार ने की थी गुलफाम की हत्या
— News1India (@News1IndiaTweet) April 29, 2025
बिरयानी शॉप पर हुई हत्या के आरोपी पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस ने मनोज चौधरी नाम के युवक को किया गिरफ्तार
सौहार्द बिगाड़ने के इरादे से घटना के बाद 1 वीडियो थी वायरल
वायरल वीडियो में हथियार लगाकर ली थी हत्या की जिम्मेदारी
पुलिस ने… pic.twitter.com/G2htzgM0cR
आयुक्त ने स्पष्ट किया कि हत्या किसी साम्प्रदायिक कारण से नहीं, बल्कि निजी रंजिश के चलते की गई थी। उन्होंने कहा, "हत्या के बाद आरोपियों ने एक वीडियो बनाकर उसे पहलगाम हमले और महाराणा सांगा विवाद से जोड़ने की कोशिश की, ताकि साम्प्रदायिक भावनाओं का फायदा उठाया जा सके।"