+

कौन हैं प्रियंका भारती जिन्होंने टीवी चैनल के लाइव डिबेट में “मनुस्मृति” के कर दिए चिथड़े?

नई दिल्ली: मनुस्मृति को महिला स्वतंत्रता विरोधी बताते हुए, इंडिया टीवी (India TV) के “विजय चौके से मुकाबला” कार्यक्रम में बीते 18, दिसंबर को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका भारती ने उसकी प्रतियों के दो फाड़ कर दिया. जिसकी 02 मिनट 01 सेकेण्ड की वीडियो क्लिप को उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर भी साझा किया है. इस दो मिनट के वीडियो पर कुछ ही देर में तेजी से प्रतिक्रियाएं आने लगीं. कईयों ने “मनुस्मृति” को महिला विरोधी किताब करार देते हुए इसे फाड़ने और जलाने का समर्थन किया, जबकि कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने प्रियंका को शारीरिक छति पहुंचाने और उनके खिलाफ नेरेटिव बनाना शुरू कर दिया. 

बीते बुधवार को इंडिया टीवी पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के डॉ. आंबेडकर से सम्बंधित बयान पर बहस चल रही थी. जिसे चैनल की एंकर मीनाक्षी जोशी होस्ट कर रहीं थीं. दो मिनट की वीडियो क्लिप को प्रियंका भारती ने अपने एक्स हैंडल पर इस कैप्शन के साथ पोस्ट किया कि: 

“आंबेडकर जैसा व्यक्ति भिक्षु आंबेडकर हो जाए तो किसी हिन्दू को सूतक नहीं लगने वाला... जहां बुद्ध स्वयं हार गए वहां अंबेडकर किस झाड़ की पत्ती है" ~सावरकर, इसी सावरकर से प्रेरित अमित शाह ने बाबा साहेब का अपमान करने की जुर्रत की है। इनके भगवान मनु के मनुस्मृति को हर बार फाड़ुंगी.

उक्त पोस्ट के बारे में नाम लिए बिना अजीत भारती नाम के सोशल मीडिया यूजर ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया कि, "कोई चलती डिबेट में यदि हिन्दू ग्रंथों के पन्ने फाड़े तो किसी भी स्वाभिमानी हिन्दू को वहीं उसे कनटाप जड़ देना चाहिए. ये दो-चार बार होगा तो लोग संभल जाएंगे. बाद में उन पर ब्लासफेमी का केस भी चलना चाहिए."

जाहिर है कि अजीत भारती नाम का यूजर प्रियंका भारती के खिलाफ सोशल मीडिया पर लोगों को उकसा रहा था ताकि ऐसा करने वालों के साथ हिंसात्मक व्यव्हार किया जाए. हालांकि, यहां यह उल्लेख करना जरुरी है कि 25 दिसंबर, 1927 को डॉ. भीमराव अंबेडकर ने मनुस्मृति का सार्वजनिक दहन किया. तभी से उनके अनुयायी व उनके प्रति श्रद्धा रखने वाले लोग इसे “मनुस्मृति दहन दिवस” के रूप में मनाते आ रहे हैं.

साथ ही, डॉ. अंबेडकर मनुस्मृति को जातिवादी और पितृसत्तात्मक मानदंडों के खिलाफ मानते थे. उनके अनुसार, मनुस्मृति ऐसा हिंदू ग्रंथ है, जो जाति उत्पीड़न को संस्थागत बनाता था. निचली जातियों, विशेषकर दलितों और महिलाओं के शोषण और भेदभाव को उचित ठहराता था.

अजीत भारती के उक्त पोस्ट को कोट करते हुए इंडिया टीवी की पत्रकार मीनाक्षी जोशी ने लिखा, “अजीत जी मन तो कर सकता है, क्या पता किया भी हो! लेकिन धर्म कुधर्म तो नहीं सिखाता। ईश्वर ने आत्मसंयम दिया है और स्वाभिमान किसी के सम्मान और अपमान पर आश्रित नहीं है।”

समाचार चैनल की पत्रकार ने अपने उक्त पोस्ट से इक्षा जाहिर की कि जैसा अजीत भारती नाम का यूजर कह रहा है वैसा करने का उनका मन हो सकता था. लेकिन ईश्वर ने उन्हें आत्मसंयम दिया है. 

आरजेडी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका भारती से सम्बंधित मामले पर द मूकनायक ने सवाल किया कि ऐसी घटना के बाद वह निकट भविष्य में उक्त टीवी चैनल के डिबेट्स में जाने को लेकर क्या विचार रखती हैं..? इसपर उन्होंने बताया कि, “पार्टी के प्रवक्ता खुद यह निर्णय नहीं करते हैं कि उन्हें कहां जाना है, कहां नहीं. पार्टी द्वारा एक चैनल बना हुआ है उनके माध्यम से हमें जाना होता है. हमें नहीं लगता है कि हमें कहीं जाने से बचना चाहिए. बल्कि ऐसी जगहों पर और जाना चाहिए. ये अपना इको चैंबर बना कर रखे हुए हैं. जहां इन्ही के कास्ट के लोग जाएंगे, इन्हीं के कास्ट के लोग बात भी करेंगे, इन्हीं के कास्ट के लोगों का मोनोपली चलेगा, इन्हीं के कास्ट के लोग अपनी बात रखेंगे. इसलिए इन सब चीजों को तोड़ने के लिए उनके वहां उस इकोसिस्टम में घुसना बहुत जरुरी है.”

प्रियंका ने आगे कहा कि, “मेरी ही नहीं तमाम महिलाओं की भी जिम्मेदारी बनती है कि इस तरह की जो भी स्मृति हो, जहां महिलाओं के साथ अमानवीयता करने की बात कही गई हो, या उन्हें जानवर, शुद्र समझा जा रहा हो उसे जला देना चाहिए”. 

आरजेडी प्रवक्ता ने मनुस्मृति की प्रकृति के बारे में समझाते हुए कहा, “मीनाक्षी जी ने उस दिन डिबेट में कहा कि मनुस्मृति में महिलाओं की पूजा करने की बात भी कही गई है. लेकिन मनुस्मृति ऐसी किताब है कि, आप किसी महिला से कहिए कि वह बहुत अच्छी महिला है, फिर मन में उसे गुलाम बनाने का ख्याल पाले रहिये.”

प्रियंका ने समाज में अपने कार्यों से ऐतिहासिक महत्त्व रखने वाली महिलाओं, फातिमा शेख और फूलन देवी के हिम्मत और साहस का हवाला देते हुए कहा कि जब वह नहीं डरीं तो हम कैसे डरकर पीछे हर सकते हैं. उनका खून हमारे पीढ़ी के लोगों में है. 

अजीत भारती के पोस्ट, कनटाप मारने (थप्पड़ मारने), के उकसावे का जवाब देते हुए प्रियंका द मूकनायक से कहती हैं, “वह ऐसे चीजें खुद नहीं कर सकते, वह बस दूसरों को उकसा रहें हैं. लेकिन उस दिन की घटना से मेरे मन में तनिक भी डर नहीं है. हम उन मुट्ठी भर लोगों से क्यों डरेंगे. हम 90 फीसदी लोग हैं, जो हमारे हैं. हमें उनका सुरक्षा प्राप्त है.”

“अगर आप हमसे शिक्षाबल में लड़ना चाहेंगे तो हम शिक्षा में लड़ेंगे. अगर आप लैपटॉप में लड़ना चाहेंगे तो हम उसमे भी लड़ने के लिए तैयार हैं”, प्रियंका भारती ने कहा. उन्होंने कहा कि, लालू जी का कथन है कि हम लैपटॉप से लेकर लाठी तक लड़ने के लिए तैयार हैं. 

मनुस्मृति पर टिप्पणी के बाद एक्शन में बिहार पुलिस

बिहार निवासी प्रियांशु कुशवाहा के खिलाफ कथित रूप से बिहार पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. हालांकि, एफआईआर की कॉपी मांगे जाने पर प्रियांशु ने द मूकनायक को बताया कि उन्हें FIR की कॉपी नहीं मिली है.

दरअसल, प्रियांशु ने प्रियंका भारती से सम्बंधित मामले पर अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया था कि, “राजद के सभी सम्मानित प्रवक्ताओं से अनुरोध है, अगली बार जब मीनाक्षी जोशी के कार्यक्रम में जाएं तो बिना संदेह किए मनुस्मृति की प्रतियां में आग लगाए। धर्म-कुधर्म का पालन होना ही चाहिए। कोई बोलने या रोकने आए तो बगैर गिने जूतों की बारिश हो। लाइव टीवी पर मनुवादियों की धुलाई जरूरी है।”

इस उक्त टिप्पणी के बाद भूमिहार सागर नाम के एक्स यूजर ने प्रियांशु के पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए बिहार पुलिस से कार्रवाई करने की मांग की. जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार पुलिस ने तुरंत जवाब दिया कि, “यदि आपके पास भी उक्त सामग्री/प्रोफ़ाइल/कोई अन्य प्रासंगिक जानकारी का सटीक URL/LINK है, तो आवश्यक कार्रवाई करने में सहायता के लिए कृपया हमारे साथ साझा करें।”

मामले के बारे में प्रियांशु ने द मूकनायक को बताया कि, बिहार पुलिस जाति देखकर कार्रवाई कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि, “एसपी स्तर से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक जो भी अधिकारी बैठे हैं, सब एक ही जाति के हैं. उन सबका मनुस्मृति में अपार प्रेम है. ऐसा लगता है कि वो सब संविधान नहीं, मनुस्मृति पढ़कर आए हैं. समय-समय पर जब उनके अन्दर का सवर्णवाद हिलकोरे मरता है तब जो भी कोई मनुस्मृति के खिलाफ बोलता या लिखता है उनके ऊपर वो एफआईआर कर देते हैं.”

प्रियांशु ने आगे बताया कि, “मोतिहोरी एसपी ने थानाध्यक्ष झरोखर को एफआईआर करने का आदेश दिया है. अभी मेरे घर पर पुलिस आई थी. उन्होंने कहा है कि प्रिवेंटिव एक्शन लेंगे.”

प्रियांशु के आरोपों की पड़ताल के लिए हमने उसी सोशल मीडिया प्लेटफोर्म पर जब शिकायतकर्ता द्वारा पूर्व में की गई कुछ अन्य पोस्टों पर नजर दौड़ाई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. जिसमें भूमिहार सागर नाम के यूजर ने डॉ. आंबेडकर के बारे में बेहद अपमानित शब्दों का प्रयोग करते हुए पोस्ट किया था. भूमिहार सागर के इस विवादित पोस्ट पर कई यूजर्स द्वारा कार्रवाई की अपील करने के बावजूद बिहार पुलिस की कोई प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है. 

जेएनयू में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते समय प्रियंका को पकड़ कर ले जाती हुई पुलिस, जिसे एक मीडिया समूह ने कवर किया था.

कौन हैं प्रियंका भारती?

प्रेरणादायक बहुजन महापुरुषों व महिलाओं - सावित्री-फातिमा-फुले की बेटी बताने वाली प्रियंका भारती बिहार की रहने वाली हैं. पेरियार और आंबेडकर की विचारधारा से प्रेरित प्रियंका जगदेव बाबू, कांशीराम, मुलायम सिंह यादव और लालू यादव को अपना आइडिया मानती हैं. इसके साथी ही वह प्रसिद्द बहुजन नेता कर्पूरी ठाकुर की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी जाहिर करती हैं.

प्रियंका भारती ने 12वीं तक की शिक्षा अपने गांव में ही रहकर हासिल की. इसके बाद उन्होंने जेई-मेंस क्लियर किया जिससे आईआईटी में जाने का भी मौका मिला. लेकिन आर्थिक चुनौतियों के कारण वह आईआईटी में नहीं जा सकीं. इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए जेएनयू को चुना. 12वीं के बाद की पढ़ाई प्रियंका ने ट्यूशन पढ़ाकर कमाए पैसे से की. वह अब PhD स्कालर हैं. साथ ही आरजेडी के लिए राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में सामाजिक लड़ाई लड़ते हुए पढ़ाई भी कर रहीं हैं. जेएनयू में ही, प्रियंका 2018 में गोदावरी में प्रेसिडेंट चुनी गईं थी. उसके बाद 2019 में उन्होंने फिर प्रेसिडेंट का चुनाव लड़ा. हालांकि, वह हार गई थीं लेकिन उनके भाषणों की खूब चर्चा हुई थी.

facebook twitter