प्रतापगढ़, राजस्थान – प्रतापगढ़ के धरियावद ब्लाक में रामेर तालाब गांव की रहने वाली सुशीला मीणा, जो अब एक इंटरनेट सेंसेशन बन चुकी हैं, क्रिकेट दिग्गज सचिन तेंदुलकर द्वारा उनकी गेंदबाजी का वीडियो साझा करने के बाद सुर्खियों में आ गई हैं। सुशीला की बाएं हाथ की गेंदबाजी शैली की तुलना पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान से की जा रही है। हालांकि, इस वायरल प्रसिद्धि के बावजूद, सुशीला के पिता रतनलाल पारगी ने बताया कि उनकी बेटी सचिन तेंदुलकर को नहीं जानती।
रतनलाल ने द मूकनायक से बात करते हुए बताया कि उन्हें अपनी बेटी की इस प्रसिद्धि पर बहुत गर्व है। उन्होंने कहा, "सुशीला को क्रिकेट के बारे में सिर्फ उसके कोच ईश्वरलाल ने सिखाया है। हमारे पास टीवी नहीं है, न ही कोई साधन है जिससे हम क्रिकेट मैच देख सकें। सुशीला ने क्रिकेट के बारे में जो भी सुना है, वह अपने कोच से ही सीखा है।" रतनलाल ने बताया की सुशीला का विडियो कोच ईश्वरलाल ने ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था जो रातों रात वायरल हो गया.
तेंदुलकर का पोस्ट और वायरल प्रसिद्धि
शुक्रवार 20 दिसंबर को तेंदुलकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर सुशीला की गेंदबाजी का वीडियो साझा किया। उन्होंने इसे "स्मूद, इफर्टलेस और देखने में बहुत प्यारा" बताया और जहीर खान को टैग करते हुए उनकी गेंदबाजी की तुलना की।
जहीर खान ने भी तेंदुलकर से सहमति जताते हुए कहा, "आप बिल्कुल सही कह रहे हैं। उनकी गेंदबाजी का एक्शन बहुत स्मूद (smooth)और प्रभावशाली है। वह पहले से ही काफी संभावनाएं दिखा रही हैं।"
यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और सुशीला को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। सोशल मीडिया पर उनके और अन्य स्कूली लड़कियों के क्रिकेट खेलने के वीडियो सामने आए, जो ग्रामीण भारत की छिपी हुई प्रतिभा को दिखाते हैं।
तेंदुलकर के पोस्ट ने राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी का भी ध्यान खींचा। उन्होंने मीणा परिवार से वीडियो कॉल पर बात की और सुशीला को जयपुर बुलाया। साथ ही, उन्होंने स्कूल के मैदान को बेहतर बनाने का आश्वासन भी दिया।
सोमवार को जब द मूकनायक ने सुशीला के पिता से बात की तो परिवार दिया कुमारी से मिलने जयपुर के लिए निकला था लेकिन पारगी ने बताया कि उपमुख्यमंत्री की व्यस्तता के कारण मुलाकात का कार्यकम निरस्त हो गया और इसलिए वे आधे रास्ते से घर लौट रहे हैं.
22 दिसंबर को बीजेपी नेता कन्हैया लाल मीणा ने स्कूल जाकर सुशीला से मुलाकात की। उन्होंने सुशीला को एक नया क्रिकेट किट और कुछ आर्थिक सहायता दी। इसके अलावा, उन्होंने मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और सांसद मन्नालाल रावत से वीडियो कॉल के जरिए सुशीला की बातचीत कराई।
इसके अलावा, भारत आदिवासी पार्टी के कई पदाधिकारी भी सुशीला से मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सांसद राजकुमार रोत से भी वीडियो कॉल के जरिए सुशीला की बातचीत कराई।
सांसद राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया पर लिखा, "सुशीला पारगी-मीणा जैसी आदिवासी छात्राओं की प्रतिभा को निखारने के लिए मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बांसवाड़ा-डूंगरपुर संसदीय क्षेत्र में एक खेल विश्वविद्यालय और कौशल विकास कॉलेज खोलने का अनुरोध किया है। आदिवासी बहुल इलाकों में बहुत प्रतिभा है। सरकार को बस थोड़ी सकारात्मक सोच के साथ इस दिशा में काम करना चाहिए।"
अभावग्रस्त जीवन और बड़ी उम्मीदें
सुशीला, तीन भाई-बहनों में इकलौती बहन, धरियावद ब्लॉक के रामेर तालाब सरकारी स्कूल में पांचवीं कक्षा की छात्रा है। उनके माता-पिता रतनलाल और उनकी पत्नी, मजदूरी कर के परिवार चलाते हैं। वे महीने में मुश्किल से 5,000 से 10,000 रुपये कमा पाते हैं।
उनका कच्चा मकान है लेकिन रतनलाल का कहना है ये प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना है और शौचालय भी है। रतनलाल ने बताया कि वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने की इच्छा रखते हैं ताकि उन्हें अपने माता-पिता की तरह संघर्ष न करना पड़े ।
रतनलाल ने कहा, "हमारे तीनों बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं, इसलिए उनकी पढ़ाई पर कोई खर्च नहीं होता। लेकिन हम चाहते हैं कि वे आगे पढ़ाई करें और अच्छा करियर बनाएं। हम नहीं चाहते कि वे हमारी तरह संघर्ष करें।"
सुशीला के दो भाई, रविंद्र (कक्षा 8) और जितेंद्र (कक्षा 3) भी स्कूल में पढ़ते हैं।
सुशीला सुबह और शाम, कुल मिलाकर दो घंटे क्रिकेट का अभ्यास करती हैं। क्रिकेट के अलावा वह पढ़ाई में भी अच्छी है और पेंटिंग करना भी पसंद करती है।
उनके पिता ने कहा, "वह एक क्रिकेटर बनना चाहती है और हम चाहते हैं कि वह अपने सपने को पूरा करे।"
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने परिवार को आश्वासन दिया है कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) सुशीला को गोद लेकर उसकी कोचिंग का पूरा ध्यान रखेगा। इस वादे ने परिवार को उम्मीद दी है।
रतनलाल ने कहा, "सीपी जोशी ने हमें आश्वासन दिया है कि सुशीला को आरसीए गोद लेगी और उसकी कोचिंग का पूरा ख्याल रखेगी। इससे ज्यादा हम और क्या मांग सकते हैं?"