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MP: छतरपुर में आदिवासी पटवारी और साथी की संदिग्ध मौत, पत्नी ने BJP विधायक पर लगाए गंभीर आरोप

भोपाल। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में शुक्रवार सुबह एक खेत में दो लोगों के शव मिलने से हड़कंप मच गया। मृतकों की पहचान उमरिया हल्के में पदस्थ पटवारी प्राण सिंह (50) और उनके करीबी दोस्त छन्नू यादव (45) के रूप में हुई है। दोनों के शव पटवारी के खेत में बने निर्माणाधीन मकान से बरामद किए गए, जिन पर गंभीर चोटों के निशान पाए गए हैं।

यह मामला तब और गंभीर हो गया जब प्राण सिंह की पत्नी पार्वती आदिवासी—जो कि बीजेपी की जिला उपाध्यक्ष और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं, उन्होंने सीधे तौर पर राजनगर से बीजेपी विधायक अरविंद पटेरिया पर उनके पति का जबरन ट्रांसफर कराने का आरोप लगाया। पार्वती ने इसे एक सोची-समझी साजिश बताया है और मामले में हत्या की आशंका जताई है।

शव खेत से बरामद, शरीर पर चोटों के निशान

पुलिस के मुताबिक, दोनों शव पटवारी प्राण सिंह के खेत में स्थित अधूरे मकान से मिले हैं। बमीठा थाना प्रभारी आशुतोष श्रुतिया ने बताया कि शवों की स्थिति और शरीर पर मिले खून के निशान से प्रथम दृष्टया मारपीट की आशंका है। घटनास्थल पर एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम को बुलाया गया है और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।

खराब मौसम के कारण नहीं खोज पाए परिजन

प्राण सिंह के बेटे कमलेश ने मीडिया को बताया कि गुरुवार शाम को उनके पिता अपने दोस्त छन्नू यादव के साथ खेत की ओर निकले थे। जब देर रात तक वे नहीं लौटे, तो परिजनों ने फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन दोनों के मोबाइल बंद मिले। भारी बारिश और खराब मौसम के कारण रात में तलाश संभव नहीं हो सकी।

सुबह खेत में खोज के दौरान दोनों के शव मिले। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। कमलेश ने दावा किया कि उनके पिता के गले और दोस्त छन्नू यादव के कान और पैरों पर खून के निशान मिले हैं, जो हिंसा की ओर संकेत करते हैं।

पार्वती आदिवासी के आरोप: ट्रांसफर एक राजनीतिक साजिश, आदिवासी होने के कारण नहीं मिल रहा न्याय

मृतक पटवारी की पत्नी पार्वती आदिवासी ने कहा कि उनके पति को हाल ही में 80 किमी दूर बक्सवाहा ट्रांसफर कर दिया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि यह ट्रांसफर बीजेपी विधायक अरविंद पटेरिया के हस्तक्षेप से हुआ था, और इसमें उनका लेटरहेड भी लगा हुआ है।

पार्वती का आरोप है कि उन्होंने विधायक पटेरिया से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। उन्होंने कहा, “हमने उनसे सिर्फ यह कहा था कि हम पार्टी से जुड़े हैं, छतरपुर या सटई ट्रांसफर कर दें, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।”

उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी होने के कारण पार्टी के लोग अब साथ नहीं दे रहे हैं और इस मामले में हत्या की साजिश रची गई है।

विधायक पटेरिया का जवाब: “आदमी खत्म होता है तो राजनीति दिखती है”

विवाद में घिरने के बाद विधायक अरविंद पटेरिया ने कहा, “आदमी खत्म होता है तो राजनीति दिखती है। पता है, सब ज्ञान है मेरे को।"

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का सरकार पर हमला

इस घटना पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तीखा बयान जारी किया। उन्होंने लिखा, “घोटालों और अपराधों का प्रतीक बन चुकी है भाजपा सरकार! प्रदेश में आदिवासी कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। छतरपुर में एक आदिवासी पटवारी और उनके मित्र की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। यह केवल एक हादसा नहीं, एक गहरी साज़िश की ओर इशारा करता है। भाजपा की जिला उपाध्यक्ष पार्वती सिंह ने साफ आरोप लगाए हैं कि भाजपा विधायक अरविंद पटेरिया के लेटरहेड पर उनके पति का ट्रांसफर कराया गया और उनके खिलाफ साजिश की गई। क्या आदिवासियों की जान भाजपा सरकार में सूखी लकड़ियों से भी सस्ती हो गई है? क्या मुख्यमंत्री निष्पक्ष जांच कराएंगे या एक बार फिर चुप्पी साध लेंगे जैसे पहले करते रहे हैं?

पुलिस ने जांच की शुरू

फिलहाल पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। एफएसएल रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।टीआई बमीठा ने कहा है कि सभी पहलुओं से जांच की जा रही है, जिसमें राजनीतिक संबंधों को भी खंगाला जाएगा।

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