भोपाल। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में नौगांव थाना पुलिस की बर्बरता का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। चोरी के शक में आदिवासी समाज के चार युवकों को हिरासत में लेकर न सिर्फ बेरहमी से पीटा गया, बल्कि उनके गुप्तांग में मिर्च पाउडर डालकर अमानवीय यातनाएं दी गईं। घटना के विरोध में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने शनिवार शाम छतरपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव किया। मामले ने तूल पकड़ा तो तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। इधर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पीड़ितों से फोन पर बात कर न्याय का भरोसा दिलाया है।
क्या है पूरा मामला?
नौगांव थाना क्षेत्र के ग्राम धर्मपुरा निवासी प्रताप आदिवासी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि 15 जुलाई की शाम करीब साढ़े सात बजे वह अपने साथी श्रीराम, रितु, मीरा और बालंदी आदिवासी के साथ शिकारपुरा रोड की ओर गए थे। इसी दौरान नौगांव पुलिस ने उन्हें पकड़कर थाने ले गई।
प्रताप के अनुसार, पुलिस ने 15 जुलाई की रात 10:30 बजे उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया। मगर 16 जुलाई को फिर थाने बुलाकर रात 11 बजे तक बैठाया गया। 17 जुलाई को दिन में 12 बजे दोबारा हिरासत में लेकर ट्रांसफार्मर से तेल चोरी के शक में चारों युवकों को बेरहमी से पीटा गया। इतना ही नहीं, युवकों के अनुसार पुलिस ने उनके गुप्तांगों में मिर्च पाउडर डालकर बर्बरता की हदें पार कर दीं। इसके बाद उन्हें बिना किसी केस के थाने से भगा दिया गया। पीड़ितों की हालत बिगड़ने पर मामला सामने आया।
भीम आर्मी ने किया पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव
भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने शनिवार देर शाम पीड़ितों को साथ लेकर पुलिस अधीक्षक आगम जैन के कार्यालय का घेराव किया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि आदिवासी समाज के युवकों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया गया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तीन पुलिसकर्मी निलंबित, जांच शुरू
मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक आगम जैन ने नौगांव थाने के एएसआई शिव दयाल वाल्मीकि, प्रधान आरक्षक राम जाट और आरक्षक अरविंद शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
थाना प्रभारी सतीश सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि चोरी के संदेह में कुछ लोगों से पूछताछ की गई थी, लेकिन किसी तरह की मारपीट या अमानवीय व्यवहार नहीं किया गया। हालांकि पीड़ितों और प्रत्यक्षदर्शियों के आरोपों के बाद पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है।
दिग्विजय सिंह और उमंग सिंघार ने कार्रवाई की मांग की
घटना की जानकारी मिलते ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने पीड़ित युवकों से फोन पर बात की और न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आदिवासी और कमजोर वर्ग के साथ लगातार अत्याचार हो रहे हैं, और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी मामले को गंभीर बताते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में पुलिस बेलगाम होती जा रही है और आदिवासी समाज को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।