जम्मू: जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए राज्य के दूरस्थ और आदिवासी बहुल इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए 6 अत्याधुनिक मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (MMUs) को रवाना किया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, जनजातीय मामलों के मंत्री जावेद अहमद राणा और मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम सोगामी ने सोमवार को इन यूनिट्स को हरी झंडी दिखाई।
इन मोबाइल यूनिट्स का उद्देश्य उन क्षेत्रों तक जांच और प्राथमिक इलाज की सुविधाएं पहुंचाना है, जहां अभी तक सामान्य अस्पतालों की पहुंच बेहद सीमित है, खासकर खानाबदोश जनजातियों और हिमालयी चरवाहों के लिए।
₹5 करोड़ की लागत से शुरू हुई योजना
इस योजना को जनजातीय मामलों विभाग द्वारा शुरू किया गया है और इसे स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ मिलकर लागू किया जा रहा है। इसके लिए ₹5 करोड़ की राशि एडवांस में जारी की गई थी ताकि यूनिट्स को समय पर खरीदा और तैनात किया जा सके।
“हर मोबाइल यूनिट को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि वह कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी सुचारु रूप से काम कर सके,” – जनजातीय मामलों विभाग के प्रवक्ता।
मोबाइल यूनिट्स में कौन-कौन सी सुविधाएं हैं?
हर यूनिट में अत्याधुनिक उपकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद हैं:
1000 VA सोलर इन्वर्टर और 5.5 kVA जनरेटर – बिजली की लगातार आपूर्ति के लिए
छत पर पानी की टंकी – फील्ड में उपयोग के लिए
ऑटो-एनालाइज़र – ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल, लिवर और किडनी फंक्शन टेस्ट
माइक्रोस्कोप – मलेरिया, टीबी और यूरिन जांच के लिए
ECG मशीन – दिल की स्क्रीनिंग के लिए
पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन – पेट, प्रजनन और गर्भावस्था की जांच के लिए
ऑटोक्लेव मशीन – उपकरणों की सैनिटाइजेशन के लिए
स्वास्थ्य शिविरों के लिए चलती-फिरती क्लिनिक
ये मोबाइल मेडिकल यूनिट्स दूर-दराज़ के गांवों में नियमित मेडिकल कैंप लगाएंगी, जहां पर बीमारियों की शुरुआती जांच, सामान्य इलाज और गंभीर मरीजों को रेफर करने की सुविधा दी जाएगी।
इससे न केवल दूर स्थित अस्पतालों पर निर्भरता घटेगी, बल्कि समय रहते इलाज मिलने से बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण में मदद मिलेगी।
संयुक्त निगरानी और संचालन
इन यूनिट्स का संचालन और निगरानी निम्नलिखित विभागों के बीच समन्वय से की जाएगी:
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग
जनजातीय मामलों विभाग
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM), जम्मू-कश्मीर
यह इंटर-डिपार्टमेंटल कोऑर्डिनेशन संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल सुनिश्चित करेगा और स्वास्थ्य सेवाओं की दीर्घकालिक स्थायित्व को बनाए रखेगा।