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पीएम मोदी के दौरे से पहले असम में गरमाया माहौल, ST दर्जे की मांग को लेकर 20,000 से ज़्यादा लोग सड़कों पर उतरे

गुवाहाटी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के असम दौरे से कुछ ही दिन पहले, बुधवार को तिनसुकिया में एक ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। मोरान समुदाय ने अपनी पुरानी मांग को दोहराते हुए अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के तहत शामिल किए जाने के लिए अपनी आवाज़ बुलंद की।

मोरान स्टूडेंट्स यूनियन के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में 20,000 से भी ज़्यादा लोगों की भीड़ उमड़ी। यह विशाल रैली बोरगुरी के आईटीआई मैदान से शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुई, जहाँ प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर तख्तियां ले रखी थीं और नारे लगा रहे थे।

इस मौके पर भीड़ को संबोधित करते हुए मोरान स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष पालिंद्र बोराह और महासचिव जयकांत मोरान ने कहा कि मोरान समुदाय असम के सबसे पुराने स्वदेशी समुदायों में से एक है और वह अपने अधिकारों की मान्यता और सुरक्षा चाहता है। उन्होंने अपनी भूमि, पहचान और संस्कृति के संरक्षण को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और इस बात पर ज़ोर दिया कि उनके अस्तित्व और सम्मान के लिए संवैधानिक सुरक्षा बेहद आवश्यक है।

छात्र संघ के नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाती, उनका यह आंदोलन अलग-अलग चरणों में जारी रहेगा। उन्होंने अधिकारियों से बातचीत का रास्ता खोलने और एक रचनात्मक समाधान खोजने का आग्रह करते हुए दोहराया कि उनका यह आंदोलन पूरी तरह से लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीकों पर आधारित है।

जानकारों का मानना है कि ऊपरी असम में इस बड़े पैमाने पर हुई लामबंदी यह दर्शाती है कि समुदाय अपनी मांगों को लेकर कितना गंभीर है। यह प्रदर्शन संवैधानिक ढांचे के भीतर मान्यता और सुरक्षा हासिल करने के उनके दृढ़ संकल्प को भी उजागर करता है।

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