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प्रयागराज में शादी के कुछ घंटे बाद ही दुल्हन फरार, नकली आधार कार्ड और गहनों समेत लाखों की ठगी, 'लूटेरी दुल्हन' गैंग का भंडाफोड़

प्रयागराज: राजस्थान के अलवर से आई एक परिवार की खुशियां उस वक्त मातम में बदल गईं जब उनके बेटे की शादी के कुछ ही घंटों बाद नई नवेली दुल्हन नगदी और गहनों को लेकर फरार हो गई। यह विवाह प्रयागराज के एक मंदिर में गुरुवार को पूरे रीति-रिवाज से संपन्न हुआ था।

शादी के बाद जब बारात लौट रही थी, तभी दुल्हन ने पेट्रोल पंप के पास वाशरूम जाने का बहाना बनाया और कार से उतरकर भाग गई। काफी देर तक खोजबीन के बाद जब दुल्हन का कोई सुराग नहीं मिला, तो दूल्हे के परिवार ने खुल्दाबाद थाने में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस जांच में सामने आया कि दुल्हन द्वारा दिए गए आधार कार्ड सहित सभी दस्तावेज फर्जी थे।

पहले से शादीशुदा, चार बच्चों की मां निकली 'दुल्हन'

खुल्दाबाद थाना प्रभारी सुरेंद्र वर्मा के मुताबिक, अलवर के अकबरपुर निवासी गोपाल गुर्जर ने पुलिस को बताया कि उन्होंने प्रयागराज के एक मंदिर में अपने बेटे की शादी करवाई थी, लेकिन वापसी के समय दुल्हन फरार हो गई।

शिकायतकर्ता के अनुसार, दुल्हन के परिवार ने शादी की व्यवस्था के नाम पर 1.75 लाख रुपए लिए थे और नकली दस्तावेज उपलब्ध कराए थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने एक राजस्थान के ब्रोकर को भी 20,000 रुपए दिए थे, जिसने यह रिश्ता तय कराया था और दावा किया था कि लड़की गरीब है और उसे मदद की जरूरत है।

पुलिस जांच में दुल्हन की असल पहचान शहाना (32) के रूप में हुई, जो कि चार बच्चों की मां और विधवा है। उसने खुद को "प्रीति" बताकर फर्जी आधार कार्ड के जरिए शादी रचाई। पुलिस पूछताछ में शहाना ने खुलासा किया कि वह एक बड़े ‘लूटेरी दुल्हन’ गैंग की सदस्य है और अब तक 20 से अधिक लोगों को ठग चुकी है।

गैंग के 7 सदस्य गिरफ्तार, नकली दस्तावेज और नकदी बरामद

शनिवार शाम प्रयागराज के घनश्याम नगर रेलवे क्रॉसिंग के पास पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गैंग के सात सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया, जो फरार होने की फिराक में थे। इनके पास से 35,000 रुपए नकद और छह नकली आधार कार्ड बरामद हुए हैं।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इस प्रकार है:

  • शहाना (32) – तुलसी नगर

  • निशा (35) – पीपलगांव

  • ममता भारतीय (30) – झूंसी

  • प्रीति देवी (34) – पीपलगांव

  • आशिफ़ खान (27) – शाहगंज

  • मो. जुनैल (56) – दराशाह अजमल

  • श्रीराम गुर्जर (31) – अलवर

पुलिस के अनुसार, यह गैंग एक संगठित तरीके से काम करता था। मो. जुनैल (56) दुल्हन के पिता का रोल निभाता था, जबकि आशिफ़ को भाई की भूमिका दी जाती थी। वहीं शहाना, निशा, ममता और प्रीति—जो पहले से शादीशुदा थीं—दुल्हनों की भूमिका निभाती थीं।

शादी के बाद ‘बिदाई’ के दौरान होती थी साजिश

गैंग का तरीका बेहद चौंकाने वाला था। शादी के बाद जब दुल्हन विदा होकर दूल्हे के साथ जाती थी, तब गैंग के सदस्य पीछे-पीछे गाड़ी से पीछा करते थे। जैसे ही कोई मौका मिलता—पेट्रोल पंप पर या फिर दुल्हन द्वारा टॉयलेट का बहाना बनाने पर—उसे वापस गाड़ी में बैठाकर फरार हो जाते थे। अगर यह योजना सफल नहीं होती, तो वे दो दिन के भीतर दूल्हे के घर पहुंचकर 'बिदाई' की जिद करते थे और दुल्हन को वापस ले जाते थे।

और भी बड़े गैंग की आशंका, पुलिस जांच में जुटी

पुलिस को शक है कि यह गैंग और भी कई राज्यों में इसी तरह की धोखाधड़ी को अंजाम दे चुका है। शादी में मौजूद सभी 'रिश्तेदार' जैसे मामा-मामी भी फर्जी निकले। फिलहाल पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

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