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असम: तिनसुकिया के ऐतिहासिक बौद्ध मठ में मुख्य भिक्षु की निर्मम हत्या; खून से सनी कुल्हाड़ी बरामद, लोगों में भारी आक्रोश

तिनसुकिया/मार्घेरिटा: असम के तिनसुकिया जिले के मार्घेरिटा में शांति और अध्यात्म के केंद्र, 'इन्थेम मुंगोंग बुद्ध विहार' (Inthem Mungong Buddha Vihar) में रविवार की सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। 1885 में स्थापित इस ऐतिहासिक मठ के मुख्य भिक्षु, 58 वर्षीय इंद्रवंश भिक्खु (Indrabonsho Bhikkhu) का शव उनके बिस्तर पर संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। पुलिस ने शव के पास से एक खून से सनी कुल्हाड़ी बरामद की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह एक सुनियोजित और जघन्य हत्या है।

सोते समय हुआ बर्बर हमला

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, भिक्षु के चेहरे और शरीर पर गहरे जख्मों के निशान पाए गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि हत्यारे ने उन्हें तब निशाना बनाया जब वे गहरी नींद में थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमें सुबह घटना की सूचना मिली और हमने तुरंत हत्या की जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और घटनास्थल से सबूत जुटाने के लिए खोजी कुत्तों (Sniffer dogs) की मदद ली जा रही है।"

"मानवता के लिए शर्मनाक घटना" - बढ़ा आक्रोश

इस क्रूर हत्या ने न केवल असम बल्कि अरुणाचल प्रदेश के बौद्ध समुदायों को भी झकझोर कर रख दिया है। एक ऐसे धर्मगुरु की हत्या, जिन्होंने अपना पूरा जीवन करुणा और मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया, ने लोगों के मन में गहरा रोष पैदा कर दिया है।

ऑल असम बुद्धिस्ट एसोसिएशन (तिनसुकिया) के महासचिव शशिधर श्याम ने कहा, "हमारे शांतिपूर्ण क्षेत्र में यह अभूतपूर्व है। अपने ही मठ में एक पवित्र आत्मा की इस तरह हत्या करना अकल्पनीय है। हम उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं।"

अखिल असम छात्र संघ (AASU) ने भी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। आसू महासचिव कोनसेंग गोगोई ने कहा, "मठ के प्रधान भिक्षु की हत्या मानव समाज के लिए शर्मनाक है। हम इस बर्बर कृत्य की घोर निंदा करते हैं और तत्काल न्याय की मांग करते हैं।"

न्याय की मांग और सुरक्षा पर सवाल

सिंगफो नेशनल काउंसिल (Singpho National Council) सहित कई नागरिक संगठनों और बौद्ध संस्थाओं ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि इस हिंसा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने एक स्वर में निम्नलिखित मांगें रखी हैं:

  1. दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी।

  2. मामले की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच।

  3. दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए फास्ट-ट्रैक अभियोजन।

  4. सभी मठों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाए।

नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने निर्णायक कार्रवाई नहीं की, तो इससे क्षेत्र की नाजुक शांति व्यवस्था को खतरा हो सकता है। मार्घेरिटा शहर से लगभग 22 किलोमीटर दूर स्थित यह मठ सदियों से लोगों की आस्था का केंद्र रहा है, लेकिन आज यह शोक और भय के साये में है।

फिलहाल पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की है, लेकिन जांच एजेंसियां हर संभावित पहलू को खंगाल रही हैं ताकि इस जघन्य अपराध के पीछे की सच्चाई सामने आ सके।

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