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MPUAT पेंशनरों ने की ये डिमांड: हमें भी मिले राजस्थान सरकार के पेंशनरों के बराबर स्वास्थ्य योजना का लाभ

उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पेंशनर वेलफेयर सोसाइटी ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि राज्य स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) के तहत विश्वविद्यालय के पेंशनरों को भी सरकार के पेंशनरों के बराबर चिकित्सा सुविधाएं दी जाएं। सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. एस.के. भटनागर ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) एवं परियोजना निदेशक (आरजीएचएस) को पत्र लिखकर इस संबंध में औपचारिक मांग की है। उन्होंने आग्रह किया है कि ओपीडी में औषधियों की वित्तीय सीमा राज्य सरकार के पेंशनरों के समान 50,000 रुपये तय की जाए।

सोसाइटी के उपाध्यक्ष डॉ. पी.सी. कंठालिया ने बताया कि आरजीएचएस के नियम लागू होने से पहले विश्वविद्यालय के पेंशनरों को राज्य सरकार के नियमानुसार ओपीडी और इंडोर रोगी सुविधाएं मिल रही थीं। उपचार पर हुए खर्च का पुनर्भुगतान भी राज्य सरकार के नियमों के अनुसार किया जाता था। इसके लिए पेंशनरों के सेवा काल के दौरान उनके वेतन से प्रति माह पेंशनर मेडिकल फंड (पीएमएफ) के तहत कटौती की गई थी।

इसके लिए पेंशनरों ने अपनी सेवा काल में राज्य सरकार के नियमों के अनुसार ही वेतन में से प्रति माह PMF (पेंशनर मेडिकल फण्ड ) के लिए कटौती करवाई थी I अतः सरकार के भांति चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो रही थी I राज्य सरकार के आदेश के अनुसार कृषि विश्वविधालय में फरवरी 2022 से राजस्थान राज्य स्वास्थ्य योजना लागू की गई है I इसके लिए वि.वि. के आदेश के अनुसार RGHS की सुविधा प्राप्त करने के लिए वि.वि. ने प्रति पेंशनर रु.75000 / वसूल किये और वि.वि.के पेंशनर मेडिकल फण्ड से 30000 रु. मिला के कुल रु. 105000 ( एक लाख पांच हजार रुपये ) परियोजना निदेशक (RGHS) को भेजे I

इस तरह पूरी सेवा काल में सरकार के नियमों के अनुसार PMF में कटौती कटवाने के साथ राज्य कर्मी की तुलना में 75000 रु अतिरिक्त जमा करवाए I इसके बावजूद वि.वि. के पेंशनरों को राज्य कर्मी पेंशनरों के बराबर सुविधा नहीं दी जा रही है. सोसाइटी ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि पेंशनरों के साथ हो रहे इस भेदभाव को समाप्त करते हुए उन्हें आरजीएचएस के तहत राज्य सरकार के पेंशनरों के समान सुविधाएं दी जाएं।

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