बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मंगलवार को वक्फ भूमि विवाद को लेकर उठे विवाद पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी किसान को उसकी जमीन से बेदखल नहीं किया जाएगा। यदि किसानों को कोई नोटिस जारी किया गया है तो उसे वापस ले लिया जाएगा।
सीएम ने ये टिप्पणियां विजयपुरा, यादगीर और धारवाड़ जिलों के किसानों को भेजे गए नोटिसों के संबंध में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए की, जिनमें दावा किया गया है कि उनकी जमीन वक्फ बोर्ड की है।
सीएम सिद्दारमैया ने यह भी बताया कि राजस्व मंत्री कृष्णा बायर गौड़ा, विजयपुरा जिला प्रभारी मंत्री एमबी पाटिल और वक्फ मंत्री जमीर अहमद ने सोमवार को मामले को स्पष्ट करने के लिए संयुक्त रूप से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था।
अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणी के भीतर आंतरिक आरक्षण के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में आंतरिक आरक्षण लागू करने का फैसला किया गया। मामले की समीक्षा करने और तीन महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए एक सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक एकल सदस्यीय आयोग का गठन किया जाएगा।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले से जारी अधिसूचनाओं को छोड़कर, आयोग की ओर से अपनी रिपोर्ट पेश किए जाने तक कोई भी नई सरकारी भर्ती अधिसूचना जारी नहीं की जाएगी।
इस बीच, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने चेतावनी दी है कि वाणिज्यिक कर संग्रह (कमर्शियल टैक्स कलेक्शन) लक्ष्य पूरा करने में विफल रहने वाले अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी परिस्थिति में टैक्स कलेक्शन कम नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में कमर्शियल टैक्स कलेक्शन की प्रगति पर चर्चा की गई। राज्य ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1,10,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है।
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