रांची। झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज हो रही हैं। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा का मेनिफेस्टो जारी करते हुए राज्य की सोरेन सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस अवसर पर शाह ने झारखंड में केंद्र की योजनाओं के ठप होने और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। शाह के हमलों के जवाब में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भाजपा और केंद्र सरकार को सोशल मीडिया पर तीखा जवाब देते हुए उनकी नाकामियों को उजागर किया। झामुमो ने ‘रोटी-बेटी-माटी’ के मुद्दे पर भाजपा पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड अब इन अन्यायों को और बर्दाश्त नहीं करेगा।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयानों पर कड़ा पलटवार किया। शाह द्वारा राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर किए गए हमले के जवाब में झामुमो ने शाह के बयानों को 'झारखंडियों की गरिमा का अपमान' बताया।
हेमंत सोरेन के बकाया राशि पर बयान को शाह ने बताया ‘बचकानी बात’
संकल्प पत्र जारी करते हुए शाह ने झारखंड की जनता से अपील की कि वे इस चुनाव को केवल सरकार बदलने के नजरिये से न देखें, बल्कि इसे झारखंड के भविष्य को सुरक्षित करने का चुनाव मानें। उन्होंने कहा, "झारखंड की महान जनता को तय करना है कि उन्हें भ्रष्टाचार में डूबी हुई सरकार चाहिए या विकास के रास्ते पर चलती हुई पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार। उन्हें ऐसी सरकार चाहिए जो घुसपैठ कराकर झारखंड की अस्मिता को खतरे में डालती है या फिर ऐसी सरकार चाहिए जो परिंदा भी पर न मार सके, ऐसी सरहद की सुरक्षा करने का वादा करती है।"
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा केंद्र सरकार से एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये के बकाया भुगतान की मांग पर भी शाह ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोरेन के इस बयान को ‘बचकानी बात’ करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने झारखंड को साढ़े चार लाख करोड़ रुपये दिए हैं, लेकिन राज्य सरकार उसका सही उपयोग करने में असमर्थ रही है। शाह ने राज्य की युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा, "आपने कहा था कि युवाओं को नौकरी देंगे, लेकिन आपने क्या किया? आपके पास इसका कोई जवाब नहीं है। इस सरकार में सबसे ज्यादा पेपर लीक की घटनाएं हुई हैं। अगर हमारी सरकार में पेपर लीक होता, तो इन माफियाओं को उल्टा लटकाकर सीधा कर देते।"
'झारखंड को कोई भीख नहीं, यह हमारा अधिकार है': झामुमो
झामुमो ने सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में स्पष्ट किया कि झारखंड को केंद्र से मिलने वाला धन भीख नहीं, बल्कि राज्य का संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा, "जब भाजपा नेता यह कहते हैं कि वे झारखंड को पैसे दे रहे हैं, तो उन्हें याद रखना चाहिए कि ये पैसे झारखंडवासियों का हक है, कोई एहसान नहीं।" झामुमो के अनुसार, राज्य के लोगों को दैनिक उपयोग की वस्तुओं, खाद्य सामग्री और अन्य वस्तुओं पर टैक्स देना पड़ता है, जिसका एक हिस्सा केंद्र से राज्य को वापस मिलता है।
झारखंड की अहमियत को रेखांकित करते हुए झामुमो ने राज्य के प्राकृतिक संसाधनों के योगदान का भी जिक्र किया। झामुमो ने कहा, "झारखंड अपने कोयला, लौह अयस्क और यूरेनियम के जरिए देश के ऊर्जा, औद्योगिक और सुरक्षा जरूरतों को पूरा करता है। लेकिन राज्य को इन संसाधनों पर भी पूरी रॉयल्टी नहीं मिलती।" झामुमो ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि झारखंड के योगदान को नज़रअंदाज़ कर उस पर एहसान जताना राज्य के सम्मान के खिलाफ है।
एक अन्य पोस्ट में झामुमो ने लिखा- " महिला अपराध पर आज गृह मंत्री जी बड़का झूठ बोलकर चले गए। आदरणीय अमित शाह जी जवाब दें, भाजपा शासित प्रदेश तो महिला अपराध पर शर्मनाक कीर्तिमान बना ही रहा है, दिल्ली में जहां आपके अधीन पुलिस हैं, वहां भी माताएं-बहनें सुरक्षित क्यूँ नहीं हैं? झारखण्ड आने से पहले लज्जा गुजरात के समुद्र में फेंक आये हैं क्या?"