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MP: मंत्री विजय शाह गायब! नेता प्रतिपक्ष सिंघार बोले – “अगर सरकार नहीं पकड़ सकती तो सेना को सौंपे जिम्मा”

भोपाल। मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने राज्य के मंत्री विजय शाह के कथित 'लापता' होने और सेना को लेकर उनके विवादित बयान पर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोला। उमंग सिंघार ने कहा, “अगर सरकार विजय शाह को नहीं पकड़ सकती, तो यह काम सेना को सौंप देना चाहिए, वो ये जिम्मा भी बखूबी निभा लेगी।”

हाल ही में मंत्री विजय शाह और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा सेना और महिलाओं को लेकर कथित अपमानजनक बयान दिए गए थे, जिन्हें लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस पूरे मामले को लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी पर भी विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। उमंग सिंघार ने कहा, “मुख्यमंत्री को बखूबी पता है कि उनके मंत्री कहां हैं, लेकिन उन्हें बचाने के प्रयास हो रहे हैं। भाजपा नेतृत्व की चुप्पी ये दिखाती है कि उन्हें इन बयानों पर मौन स्वीकृति प्राप्त है।”

भाजपा सिर्फ आम जनता पर कानून चलाती है, अपने नेताओं को देती है संरक्षण: सिंघार

उमंग सिंघार ने भाजपा पर दोहरी मानसिकता का आरोप लगाते हुए कहा कि “ये तानाशाही सरकार है जो कानून का उपयोग सिर्फ निर्दोष जनता पर करती है। भाजपा के बेलगाम नेताओं पर कोई सख़्त कार्रवाई नहीं होती, उल्टा उन्हें सुरक्षा दी जाती है।” उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष या जनता कोई छोटी बात भी कह दे, तो प्रशासन तुरंत कार्रवाई करता है, लेकिन भाजपा के मंत्री खुलेआम संवैधानिक संस्थाओं और सेना जैसे अनुशासित बल पर बयान देकर बच निकलते हैं।

उमंग सिंघार ने तंज कसते हुए कहा, “भाजपा को अपने मंत्रियों की एक ट्रेनिंग क्लास लगानी चाहिए, ताकि वे समझें कि क्या कहना है और क्या नहीं। अगर अपनी ज़ुबान पर लगाम नहीं कस सकते तो कम से कम उन्हें इतना सिखा दें कि सेना और महिलाओं जैसे संवेदनशील विषयों पर गैरज़िम्मेदार बयान न दें।”

उन्होंने आगे कहा, “भाजपा अब पूरी तरह दिशाहीन हो चुकी है। वह सिर्फ अपने छोटे कार्यकर्ताओं पर ही कार्रवाई करती है, लेकिन बड़े नेताओं और मंत्रियों को हमेशा बचाती है। इससे साफ है कि पार्टी में जवाबदेही का कोई सिस्टम नहीं बचा।”

क्या है विवाद?

11 मई 2025 को महू में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि "जिन लोगों ने हमारी बेटियों का सिंदूर उजाड़ा था, मोदी जी ने उन्हीं की बहन भेजकर उनकी ऐसी की तैसी करा दी," जिसे कई लोगों ने सांप्रदायिक और महिला विरोधी माना।

इस बयान के बाद, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। शाह ने इस एफआईआर को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा, "आप मंत्री होकर कैसी भाषा का इस्तेमाल करते हो?" इधर विपक्षी पार्टियां मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही हैं।

19 मई को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट 19 मई को सुनवाई करेगा। विजय शाह ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख निर्णायक माना जा रहा है। अगर कोर्ट से शाह को राहत नहीं मिलती, तो भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उन पर कार्रवाई कर सकता है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।

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