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MP: नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, कहा 'निवेश नहीं, सिर्फ़ इवेंट'

भोपाल। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि प्रदेश में निवेश के नाम पर केवल इवेंट हो रहे हैं, जबकि ज़मीनी सच्चाई इससे कोसों दूर है। उन्होंने कहा कि घोषणाओं की चकाचौंध में असल निवेश कहीं दिखाई नहीं देता। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा बेंगलुरु में आयोजित ‘इनवेस्ट इन एमपी’ सत्र और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) जैसे आयोजनों को उन्होंने “झूठी ब्रांडिंग” और “जनता को गुमराह करने वाला इवेंट मैनेजमेंट” करार दिया।

घोषणाओं का अंबार, ज़मीनी सच्चाई नदारद

सिंघार ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में बेंगलुरु में 7,935 करोड़ के निवेश और 18,975 नौकरियों का वादा किया, लेकिन इन वादों की कोई ठोस योजना ज़मीन पर नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “मध्यप्रदेश में निवेश सम्मेलन ऐसे हैं जैसे शादी के कार्ड बांटे जाएँ, लेकिन दूल्हा-दुल्हन का अता-पता ही न हो!”

उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले GIS 2025 में घोषित 30.77 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों में से कितने धरातल पर उतर पाए हैं — इसका जवाब सरकार जनता को अब तक नहीं दे पाई है।

एफ़डीआई में मध्यप्रदेश की स्थिति बेहद ख़राब

सिंघार ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि वर्ष 2019 से 2024 के बीच मध्यप्रदेश में कुल 4,563 करोड़ का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया, जो पूरे देश के FDI का मात्र 0.22% है। इस आंकड़े के साथ राज्य देश में 15वें स्थान पर है। इसके मुकाबले महाराष्ट्र को ₹6.71 लाख करोड़ और कर्नाटक को ₹4.27 लाख करोड़ का निवेश मिला है। उन्होंने सरकार से पूछा, “क्या प्रदेश की यह स्थिति ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ में ठोस नीतिगत बदलावों की मांग नहीं करती?”

MSME इकाइयों को सरकार की अनदेखी

नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि प्रदेश में कुल 18.10 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 17.9 लाख सूक्ष्म इकाइयाँ हैं। इसके बावजूद सरकार ने इनके लिए महज 1,785 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मुख्यमंत्री देश-विदेश से निवेश लाने की बात कर रहे हैं, तो प्रदेश के अपने उद्यमियों को क्यों नज़रअंदाज़ किया जा रहा है?

राष्ट्रीय रैंकिंग्स में पिछड़ता मध्य प्रदेश

उमंग सिंघार ने विभिन्न रिपोर्टों का हवाला देते हुए बताया कि, आर्थिक सर्वेक्षण 2023 में मध्यप्रदेश का स्थान 10वां रहा, नीति आयोग के एक्सपोर्ट प्रिपेयरनेस इंडेक्स 2022 में भी 10वां, CRISIL की स्टेट ऑफ स्टेट्स रिपोर्ट 2022 में 7वां स्थान मिला।

दावोस में MP की अनुपस्थिति पर सवाल

सिंघार ने विश्व आर्थिक मंच (WEF) के दावोस सम्मेलन 2025 का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब महाराष्ट्र, तेलंगाना और केरल को वैश्विक निवेशकों के सामने प्रस्तुत होने का अवसर मिला, तब मध्यप्रदेश उस मंच से गायब रहा। उन्होंने सवाल किया कि जब देश के अन्य राज्य 15 लाख करोड़ तक के निवेश प्रस्ताव ला रहे हैं, तो मध्यप्रदेश क्यों पीछे है?

आईटी और स्टार्टअप क्षेत्र में पिछड़ता प्रदेश

नेता प्रतिपक्ष ने आउटलुक बिज़नेस की “स्टार्टअप आउटकम रैंकिंग” का हवाला देते हुए कहा कि मार्च 2025 की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश 15वें स्थान पर है। भोपाल और इंदौर जैसे शहर आईटी हब बनने के दावे करते हैं, लेकिन आज भी बेंगलुरु, पुणे और चेन्नई से कोसों दूर हैं। “पढ़ा-लिखा युवा नौकरी की तलाश में बाहर पलायन कर रहा है — यह कैसा विकास?” उन्होंने तीखे सवाल पूछे।

सरकार से मांगा जवाब

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि भाजपा सरकार केवल आयोजन करके अख़बारों की सुर्खियाँ बटोर रही है, जबकि प्रदेश की जनता को रोजगार, आर्थिक सशक्तिकरण और स्थायी विकास की जरूरत है। उन्होंने सरकार से पूछा कि इतने बड़े-बड़े निवेश के वादों का ज़मीनी सच क्या है, और क्या वास्तव में प्रदेश निवेश के लिए तैयार है या सिर्फ़ इवेंट का बहाना बनाकर आंकड़ों का खेल खेला जा रहा है?

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