MP उपचुनाव: बुधनी, विजयपुर से बीजेपी प्रत्याशी घोषित , जानिए क्या होंगे राजनीतिक समीकरण और चुनौतियां?

02:49 PM Oct 20, 2024 | Ankit Pachauri

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में उपचुनाव हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं, और इस बार भी बुधनी और विजयपुर विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव ने राजनीतिक पटल पर हलचल मचा दी है। शनिवार शाम को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने इन दोनों सीटों के प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए, जो आगामी चुनावी परिदृश्य पर गहरी छाप छोड़ सकते हैं। बुधनी से रमाकांत भार्गव को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि विजयपुर से वन मंत्री रामनिवास रावत भाजपा के प्रत्याशी होंगे।

रमाकांत भार्गव का चुनाव शिवराज सिंह चौहान के उत्तराधिकारी के रूप में हुआ है। भार्गव न केवल शिवराज के करीबी माने जाते हैं, बल्कि उनकी विदिशा से लोकसभा सदस्यता भी उनके राजनीतिक कद को दर्शाती है। भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति ने रमाकांत का नाम पैनल में शीर्ष स्थान पर रखा, जबकि दूसरे स्थान पर शिवराज के बेटे कार्तिकेय चौहान का नाम था। यह संकेत देता है कि पार्टी ने शिवराज के विश्वासपात्रों में से ही किसी को यह जिम्मेदारी सौंपने का फैसला लिया है। भार्गव का चयन शिवराज के प्रभाव को पुनः मजबूत करता है और यह भी संकेत देता है कि शिवराज सिंह चौहान अब भी पार्टी की केंद्रीय धारा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

विजयपुर से रामनिवास रावत बने प्रत्याशी

विजयपुर विधानसभा क्षेत्र से वन मंत्री रामनिवास रावत को भाजपा ने टिकट दिया है। रावत ने हाल ही में कांग्रेस से भाजपा का दामन थामा था, और यह उपचुनाव उनके लिए एक बड़ी राजनीतिक परीक्षा साबित होगा। पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में रामनिवास रावत कांग्रेस के टिकट पर विजयपुर से चुनाव जीते थे, लेकिन भाजपा में शामिल होकर उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। यह राजनीतिक समीकरण उस वक्त से ही चर्चाओं में था, जब रावत ने अपनी निष्ठा बदली थी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके क्षेत्र में उनकी नई राजनीतिक पारी को जनता किस नजरिए से देखती है।

इन दोनों सीटों पर उपचुनावों की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि शिवराज सिंह चौहान ने सांसद बनने के बाद बुधनी से इस्तीफा दे दिया, और रामनिवास रावत ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद विजयपुर की सीट खाली कर दी। यह उपचुनाव प्रदेश की राजनीति में नया समीकरण बनाने की कोशिश है, जिसमें भाजपा अपने नेताओं के भरोसे मैदान में है।

शिवराज सिंह ने दी शुभकामनाएँ

शिवराज सिंह चौहान ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर रमाकांत भार्गव और रामनिवास रावत को बधाई दी और उनके विजय की कामना की। शिवराज का संदेश केवल उम्मीदवारों के लिए नहीं, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए भी था, जो आगामी चुनावी चुनौती के लिए एकजुट होने का आह्वान करता है। यह उनके अपने प्रभाव क्षेत्र बुधनी में पार्टी को मजबूत करने का संकेत भी देता है। शिवराज के इस समर्थन से साफ है कि वह अब भी प्रदेश की राजनीति में केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं।

बुधनी और विजयपुर में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी तक किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुखवीर सिंह ने जानकारी दी कि दोनों क्षेत्रों में नामांकन की प्रक्रिया के दूसरे दिन भी कोई प्रत्याशी सामने नहीं आया। यह धीमी शुरुआत राजनीतिक दलों की रणनीति का हिस्सा हो सकती है, क्योंकि आमतौर पर बड़े नेता अंतिम समय में नामांकन दाखिल करते हैं, ताकि चुनाव प्रचार की गति को अंतिम चरण में तेज किया जा सके।

निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 25 अक्टूबर है, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 28 अक्टूबर को होगी। उम्मीदवार 30 अक्टूबर तक अपने नाम वापस ले सकते हैं। मतदान 13 नवंबर को होगा और 23 नवंबर को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे। यह तिथियाँ राजनीतिक दलों के लिए समय सीमा भी तय करती हैं, जिसके अनुसार उन्हें अपने चुनाव प्रचार और रणनीति को अमल में लाना होगा।

भाजपा के लिए परीक्षा की घड़ी

यह उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। जहां भाजपा सत्ता में है और अपने मजबूत गढ़ों को बरकरार रखने की कोशिश करेगी, वहीं कांग्रेस इन सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास करेगी। कांग्रेस के लिए यह चुनाव इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि यदि वे विजयपुर जैसी सीट पर वापसी करने में सफल होते हैं, तो पार्टी को प्रदेश में एक नई ऊर्जा मिल सकती है। दूसरी ओर, भाजपा को रमाकांत भार्गव और रामनिवास रावत पर भरोसा है, जो पार्टी के पुराने और भरोसेमंद चेहरे हैं।

इस उपचुनाव में जातिगत समीकरण भी अहम भूमिका निभाएंगे, खासकर बुधनी में जहां शिवराज सिंह चौहान का प्रभाव और रमाकांत भार्गव की राजनीतिक साख दोनों दांव पर हैं। वहीं, विजयपुर में रामनिवास रावत का कांग्रेस से भाजपा में शामिल होना भी चुनावी चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है।

बुधनी और विजयपुर के उपचुनाव केवल दो सीटों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह प्रदेश की राजनीति की दिशा तय करने वाले निर्णायक चुनाव हो सकते हैं। भाजपा की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब चुनावी माहौल गरम हो गया है, और दोनों दलों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।