नई दिल्ली। यूपी में कांग्रेस के खाते में आई सीटों में से दो हॉट सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान अभी भी नहीं हुआ है जो कि अमेठी और रायबरेली हैं। इन दो सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर राहुल और प्रियंका की चर्चा लंबे समय से चल रही है, लेकिन अभी आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा थी कि केरल में वायानाड का चुनाव खत्म हो जाने के बाद राहुल गांधी उत्तर प्रदेश लौटेंगे। अब वायनाड में 26 तारीख को वोटिंग हो चुकी है, जिसके बाद आज 27 तारीख को दिल्ली में अमेठी और रायबरेली को लेकर के बैठक है, जिसमें इन दोनो सीटों पर नाम तय होंगे।
दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक है, जिसमें अमेठी और रायबरेली को लेकर के चर्चा होगी और इस बात कि उम्मीद जताई जा रही है कि इन दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर मोहर लग जाएगी। आज होने वाली इस बैठक में दिल्ली के नेताओं के अलावा यूपी से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, यूपी प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और कांग्रेस विधायक दल के नेता आराधना मिश्रा मोना हिस्सा लेंगी। दोनों लोकसभा सीटों की बात करें तो अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा चल रही है।
स्थानीय कार्यकर्ताओं की मानें तो बूथ स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और अब बस प्रत्याशियों के नाम का इंतजार है। इन दोनों सीटों पर बूथवार तैयारी होने के साथ-साथ कमेटियां भी गठित कर ली गई हैं। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि हम सभी कार्यकर्ताओं का मन है कि हमारे राष्ट्रीय नेता अमेठी और रायबरेली से लड़े पर फैसला सीईसी की बैठक में होना है और आज वह बैठक दिल्ली में है। कांग्रेस नेता अंशु अवस्थी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि बैठक में कार्यकर्ताओं के दिल की बात सुनी जाएगी और हमारे नेता यहां से चुनाव लड़ेंगे और राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने से लोकसभा चुनाव पर बड़ा व्यापक असर पड़ेगा और हम 2024 में बड़ी जीत जीतेंगे।
अमेठी सीट लोकसभा सीट का इतिहास
अमेठी उत्तर प्रदेश का 72वां जिला है,जिसे बहुजन समाज पार्टी सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर 1 जुलाई 2010 को अस्तित्व में लाया गया था। शुरुआत में इसका नाम छत्रपति साहूजी महाराज नगर था, लेकिन इसे बदलकर अमेठी कर दिया गया। यह भारत के नेहरू-गांधी परिवार की राजनैतिक कर्मभूमि रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु, उनके पोते संजय गांधी, राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी ने इस जिले का प्रतिनिधित्व किया है। 2014 आम चुनाव में राहुल गांधी यहां से सांसद चुने गए लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें भारतीय जनता पार्टी की स्मृति ईरानी ने पराजित कर दिया। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक अमेठी की 72.16 फीसदी जनसंख्या साक्षर है। इनमें पुरुष 83.85 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 60.64 फीसदी है।
रायबरेली सीट से पांच बार सांसद रहीं सोनिया गांधी
निर्वाचन क्षेत्र के रूप में रायबरेली को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है। यह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का निर्वाचन क्षेत्र रहा है और 1999 से लगातार पांचवीं बार सोनिया गांधी यहां से सांसद चुनी गईं। यहां से तीन बार कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। रायबरेली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधान सभा क्षेत्र आते हैं। 2011 जनगणना के मुताबिक लगभग 35 लाख जनसंख्या वाले इस जिले में प्रति वर्ग किलोमीटर 739 लोग रहते हैं। रायबरेली की 67.25 फीसदी जनसंख्या साक्षर है। इनमें पुरुष 77.63 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 56.29 फीसदी है।