रांची। महान जनजातीय नायक और स्वतंत्रता संग्राम के अजेय योद्धा धरतीआबा भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर सोमवार को झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन सहित कई प्रमुख लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके संघर्ष एवं योगदान को याद किया।
रांची के कोकर स्थित उनके समाधि स्थल पर फूल चढ़ाकर नमन करने के बाद राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि देश की आजादी में हमारे राज्य झारखंड के योद्धाओं का योगदान अतुलनीय है। आज हम भगवान बिरसा मुंडा को उनकी पुण्यतिथि पर याद कर रहे हैं, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचारों के खिलाफ न सिर्फ लड़ाई लड़ी, बल्कि अपने प्राणों की आहुति दी। उन्हें हम भगवान बिरसा मुंडा कहते हैं। उनका बलिदान हमेशा हम सभी को प्रेरित करता रहेगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी भगवान बिरसा मुंडा की समाधि पर पहुंचकर शीश नवाया और माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बाद में उन्होंने समाधि स्थल की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, “धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा अमर रहें! धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान दिवस पर शत-शत नमन। झारखंड के वीर शहीद अमर रहें! जय बिरसा! जय झारखंड!”
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में झारखंड सरकार के कई मंत्री, विधायक, अधिकारी और स्थानीय लोग भी शामिल हुए। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता चंपई सोरेन ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा ने इस झारखंड की धरती पर आदिवासी अस्मिता को बचाने की लड़ाई लड़ी थी। आज भी उनके संघर्ष से प्रेरणा लेकर आदिवासियों-मूलवासियों को अपनी पहचान और अस्मिता बचाने के लिए एक बार फिर से उलगुलान (क्रांति) की जरूरत है। झारखंड अलग राज्य बनने के बाद 25 साल हो गए, लेकिन आज भी आदिवासियों की जमीन की खुलेआम लूट हो रही है। उनका अस्तित्व खतरे में है। उन्हें बचाने की लड़ाई के लिए हमें एकजुट होना पड़ेगा।