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MP कांग्रेस की 177 सदस्यीय कार्यकारिणी घोषित, दलित/आदिवासी नेताओं को यह मिली जिम्मेदारी!

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की 177 सदस्यीय कार्यकारिणी शनिवार को घोषित कर दी गई। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अध्यक्ष बनने के लगभग 10 महीने बाद यह कार्यकारिणी घोषित की है, जिसमें विभिन्न वर्गों के नेताओं को प्रतिनिधित्व देने पर खास जोर दिया गया है। इस कार्यकारिणी में अनुभवी और युवा नेताओं का संतुलन साधा गया है, जिसमें अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) से जुड़े कई प्रमुख नेताओं को भी शामिल किया गया है।

इस कार्यकारिणी में कुल 16 सदस्यों की कार्यकारी समिति बनाई गई है, जिसमें कमल नाथ और दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं, तो वहीं नीलांशु चतुर्वेदी और कुणाल चौधरी जैसे युवा चेहरे भी जगह पाने में सफल रहे हैं। इस समिति में 17 उपाध्यक्ष, 71 महासचिव, 33 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 40 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं। कार्यकारिणी के गठन में प्रदेश कांग्रेस ने महिलाओं को भी 15% प्रतिनिधित्व देकर पहली बार हर पद पर उनका महत्वपूर्ण योगदान सुनिश्चित किया है।

दलित और आदिवासी नेताओं को प्रतिनिधित्व

कांग्रेस ने इस कार्यकारिणी में दलित और आदिवासी समाज के नेताओं को प्रमुख स्थान दिया है। कार्यकारिणी में फूल सिंह बरैया, विक्रांत भूरिया, बाला बच्चन, लखन घनघोरिया, सुरेश राजे और विपिन बानखेड़े जैसे नाम प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं। यह कदम कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें पार्टी समाज के हाशिये पर रहने वाले वर्गों को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास कर रही है। इस कार्यकारिणी में, कांग्रेस ने दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, महिला, युवा, और सामान्य वर्ग को भी समान रूप से प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है।

महिला और युवा नेताओं की भागीदारी

कांग्रेस की इस नई टीम में 50% से अधिक पद युवा चेहरों को दिए गए हैं, जो पार्टी की नई सोच और बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, कांग्रेस ने इस कार्यकारिणी में महिलाओं को भी हर स्तर पर प्रतिनिधित्व दिया है। उपाध्यक्ष, महासचिव और विशेष आमंत्रित सदस्य पदों पर भी महिलाओं की सहभागिता बढ़ाई गई है, जिससे स्पष्ट है कि कांग्रेस महिलाओं की राजनीतिक भूमिका को मजबूत करना चाहती है।

जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का प्रयास

इस कार्यकारिणी में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का भी विशेष ध्यान रखा गया है। कार्यकारिणी में भाजपा और अन्य दलों से आए नेताओं को भी उचित स्थान दिया गया है। यह कदम मध्यप्रदेश कांग्रेस की व्यापक राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें सभी समुदायों और क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने पर जोर दिया गया है।

कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, विधानससभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव और अन्य प्रमुख नेताओं को शामिल किया गया है। वहीं, उपाध्यक्ष के रूप में जयवर्धन सिंह, फूल सिंह बरैया, हिना कावरे, झूमा सोलंकी जैसे अनुभवी चेहरों को शामिल किया गया है। महासचिव पदों पर भी कई प्रभावशाली नामों को जगह दी गई है, जिसमें युवा और वरिष्ठ नेताओं का संतुलन साधा गया है।

इस कार्यकारिणी में जयवर्धन सिंह (पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र) को उपाध्यक्ष बनाया गया है, जबकि विक्रांत भूरिया (पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के पुत्र) को महासचिव के रूप में शामिल किया गया है। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ को इस टीम में शामिल नहीं किया गया है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। इस कदम को पार्टी की आंतरिक संतुलन साधने की रणनीति माना जा रहा है, जिसमें वरिष्ठ और युवा नेताओं को समान रूप से तवज्जो दी गई है।

समाज और समुदाय पर ध्यान केंद्रित

प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई कार्यकारिणी में सभी समुदायों को साधने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा, दलित, आदिवासी, और पिछड़े वर्ग से जुड़े नेताओं को भी कार्यकारिणी में प्रमुख स्थान देकर कांग्रेस ने इस वर्ग की चिंताओं को ध्यान में रखने का संकेत दिया है। यह कदम विधानसभा चुनाव से पहले समाज के विभिन्न वर्गों को अपने पक्ष में करने का प्रयास है।

प्रदेश सचिव की सूची का इंतजार

हालांकि, प्रदेश सचिव की सूची अब तक जारी नहीं की गई है। इससे कार्यकारिणी की पूरी संरचना अभी सामने नहीं आई है, लेकिन इस घोषणा के बाद कार्यकारिणी को लेकर कार्यकर्ताओं और नेताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। कांग्रेस के कई कार्यकर्ता इस नई टीम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं और इसे कांग्रेस के पुनर्गठन का संकेत मान रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस की यह 177 सदस्यीय कार्यकारिणी विधानसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे पार्टी संगठन को मजबूती मिलने की संभावना है। जीतू पटवारी की अगुआई में इस कार्यकारिणी में समाज के सभी वर्गों, महिलाओं, और युवाओं को महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है, जो प्रदेश कांग्रेस की व्यापक राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस नई कार्यकारिणी के जरिए कांग्रेस आने वाले चुनावों में कैसा प्रदर्शन करती है और क्या यह दलित, आदिवासी, और पिछड़े वर्ग के वोट बैंक को अपने पक्ष में करने में सफल होती है!

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