MPPSC अभ्यर्थियों का आंदोलन चौथे दिन भी जारी, जानिए क्या हैं प्रमुख मांगें?

04:31 PM Dec 22, 2024 | Ankit Pachauri

भोपाल। इंदौर में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन शनिवार को चौथे दिन भी जारी रहा। इस आंदोलन में करीब 5 हजार से अधिक छात्र शामिल हुए, जिन्होंने आंदोलन स्थल पर ही सोने और खाने की व्यवस्था कर ली है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे।

शनिवार को प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और सैलाना के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने अभ्यर्थियों से बातचीत की और उनकी मांगों को समर्थन दिया। दोनों विधायकों ने आश्वासन दिया कि वे छात्रों की समस्याओं को विधानसभा में उठाएंगे।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, "यह सरकार छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। हम इस मुद्दे को विधानसभा में मजबूती से उठाएंगे।" वहीं, कमलेश्वर डोडियार ने कहा कि यह आंदोलन छात्रों के भविष्य के लिए है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

अनशन पर बैठे छात्रों की बिगड़ी तबीयत

गुरुवार रात से आमरण अनशन पर बैठे अभ्यर्थियों में से अरविंद सिंह की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता दी गई। उनके साथ अनशन पर बैठे राधे जाट की भी स्थिति नाजुक बनी हुई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब तक प्रशासन और MPPSC के प्रतिनिधियों से हुई बातचीत बेनतीजा रही है। प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन और तेज होगा।

प्रशासन पर आंदोलन खत्म कराने का आरोप

प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर आंदोलन को बलपूर्वक खत्म कराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कुछ अज्ञात लोग आंदोलन में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे अपने प्रदर्शन को पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से जारी रखेंगे।

कांग्रेस ने किया समर्थन

इस आंदोलन को राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिल रहा है। युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर छात्रों का समर्थन किया और कहा, "अगर सरकार ने अभ्यर्थियों की मांगें नहीं मानीं, तो युवक कांग्रेस पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री के पुतले का दहन करेगी।" मितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि यह आंदोलन युवाओं के भविष्य की लड़ाई है, और कांग्रेस पार्टी इसमें पूरी तरह छात्रों के साथ खड़ी है।

अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें-

1. उत्तरपुस्तिकाओं का अवलोकन और मार्कशीट जारी करना: परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए यह कदम जरूरी है।

2. 87% और 13% प्रणाली को समाप्त कर 100% परिणाम घोषित करना।

3. 2025 की राज्य सेवा परीक्षा में 700 से अधिक पदों पर भर्ती।

4. राज्य वन सेवा और अन्य परीक्षाओं में पदों की संख्या बढ़ाना।

5. सहायक प्राध्यापक सहित अन्य परीक्षाओं का कैलेंडर जारी करना।

6. MPPSC में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग जैसी सुधार प्रणाली लागू करना।

सरकार की चुप्पी पर सवाल

छात्रों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है। प्रदर्शन में शामिल एक छात्र ने कहा, "MPPSC में पारदर्शिता नहीं है। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो मजबूरन हमें और बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा।"

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रदेश की युवाओं की समस्याओं को लेकर सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश का युवा राज्य की आत्मा और भविष्य है, और उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने में हर संभव मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार सरकार को युवाओं से जुड़े मुद्दों पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

उन्होंने युवाओं की आर्थिक स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि कई परिवार कर्ज लेकर बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर रही। उन्होंने सवाल किया कि जब सरकार 2 लाख रोजगार देने की बात करती है, तो MPPSC में मात्र 700 पदों पर भर्ती क्यों नहीं हो रही।

सिंघार ने कहा कि विपक्ष ने विधानसभा में भी इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया था और बताया था कि सरकार की नीतियां युवाओं को चाय बेचने पर मजबूर कर रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से छात्रों की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान की अपील की।