डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर बना MP का 25वां अभयारण्य: 258 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वन्यजीवों के लिए रिजर्व

02:00 PM Apr 12, 2025 | Ankit Pachauri

भोपाल। मध्यप्रदेश में राज्य शासन ने सागर जिले के 258.64 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को नया वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया है, जो अब "डॉ. भीमराव अंबेडकर अभयारण्य" के नाम से जाना जाएगा। इस ऐलान के साथ ही यह प्रदेश का 25वां अभयारण्य बन गया है। शासन द्वारा इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह अभयारण्य वन एवं वन्यजीव संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र के सुदृढ़ीकरण और स्थानीय रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। लेकिन इसका नाम डॉ. अंबेडकर के नाम पर रखा जाना एक ऐसा कदम है जो पर्यावरणीय सरोकारों के साथ सामाजिक न्याय के मूल्यों को भी सामने लाता है।

अभयारण्य की भौगोलिक सीमा

यह अभयारण्य सागर जिले के उत्तर सागर वन मंडल की बंडा और शाहगढ़ तहसील के 25,864 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। यह संपूर्ण क्षेत्र पूर्व में आरक्षित वन क्षेत्र रहा है। अब इसके अभयारण्य घोषित हो जाने से यहां वन्यजीवों को संरक्षित वातावरण मिलेगा और अवैध शिकार व वनों की कटाई पर रोक लग सकेगी।

डॉ. अंबेडकर के नाम पर नामकरण का महत्व

डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन सामाजिक न्याय, समानता, और प्रकृति से जुड़ी मानव गरिमा की रक्षा का प्रतीक रहा है। अभयारण्य का नाम उनके नाम पर रखे जाने से यह संदेश जाता है कि पर्यावरण संरक्षण केवल पारिस्थितिक जिम्मेदारी नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है। अंबेडकर का दृष्टिकोण विकास में वंचितों की भागीदारी पर आधारित था, और इस अभयारण्य के ज़रिए स्थानीय आदिवासी और ग्रामीण समुदायों को पर्यटन व रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

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वन विभाग के अनुसार इस अभयारण्य के गठन से निम्नलिखित लाभ होंगे

  • वन्यजीव संरक्षण: दुर्लभ वन्य प्रजातियों के संरक्षण की संभावना बढ़ेगी।

  • पारिस्थितिकीय संतुलन: खाद्य श्रृंखला और जैव विविधता को संरक्षित रखने में मदद मिलेगी।

  • स्थानीय रोजगार: पर्यावरणीय पर्यटन के ज़रिए स्थानीय युवाओं को गाइड, होमस्टे, ट्रेकिंग जैसी सेवाओं में रोजगार मिलेगा।

  • शैक्षणिक शोध: वन्यजीव और पर्यावरण अध्ययन से जुड़े विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण स्थल बन सकता है।

डॉ. अंबेडकर अभयारण्य के जुड़ने के साथ प्रदेश में कुल 25 वन्यजीव अभयारण्य हो गए हैं। इनमें कुछ प्रमुख हैं:

  • नौरादेही अभयारण्य (प्रदेश का सबसे बड़ा)

  • घाटीगांव (ग्वालियर)

  • करैरा (शिवपुरी)

  • बगदरा (सीधी)

  • बोरी (नर्मदापुरम)

  • गांधी सागर (मंदसौर)

  • गंगऊ (पन्ना)

  • पचमढ़ी (नर्मदापुरम)

  • पनपथा (उमरिया)

  • पेंच-मोगली (सिवनी)