Rajasthan: शिक्षकों के पहनावे पर सरकार की नजर! जल्द आ सकता है ड्रेस कोड

12:49 AM Feb 16, 2025 | Geetha Sunil Pillai

बांसवाड़ा: राजस्थान सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने की दिशा में काम कर रही है। सरकार का मानना है कि शिक्षकों के पहनावे और व्यवहार में शालीनता से विद्यालयों में सकारात्मक वातावरण बनेगा।

राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम ने इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे आज की महत्वपूर्ण आवश्यकता बताया है। संगठन ने मांग की है कि सरकार शिक्षकों के लिए निर्धारित गणवेश की व्यवस्था करे। संघ के प्रदेश शैक्षिक प्रकोष्ठ सह-सचिव अरुण व्यास ने कहा कि पुरुष और महिला शिक्षकों के लिए अलग-अलग रंगों के गणवेश तय किए जाने चाहिए। साथ ही, विधवा महिला कर्मचारियों के लिए विशेष गणवेश निर्धारित करने की भी मांग की गई है, जिससे उनकी सामाजिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए विद्यालय संचालन को सुचारू बनाया जा सके।

शिक्षा विभाग फिलहाल इस प्रस्ताव की व्यवहारिकता का अध्ययन कर रहा है। यदि यह निर्णय लागू होता है, तो राजस्थान महाराष्ट्र और असम के बाद शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने वाला तीसरा राज्य बन जाएगा। इस नीति को इसी शैक्षणिक सत्र से सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों में लागू करने पर विचार किया जा रहा है।

Trending :

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हाल ही में शिक्षकों को साधारण और शालीन वस्त्र पहनने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के पहनावे का प्रभाव छात्रों पर पड़ता है, इसलिए एक निश्चित ड्रेस कोड से विद्यालय में अनुशासन और सकारात्मक माहौल बनाया जा सकता है।

गौरतलब है कि वर्ष 2017 में वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में भी शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों के लिए ड्रेस कोड लागू करने की कवायद हुई थी, लेकिन अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका था। अब भजनलाल सरकार इस प्रस्ताव को दोबारा अमल में लाने की योजना बना रही है।

शिक्षाविद बदनलाल डामोर ने सुझाव दिया है कि शिक्षकों के साथ-साथ अखिल भारतीय सेवाओं के आईएएस, आईपीएस अधिकारियों, राजस्थान के कोष कार्यालयों से वेतन, पेंशन, मानदेय प्राप्त करने वाले सभी कर्मचारियों, विधायकों और सांसदों के लिए भी समान ड्रेस कोड लागू किया जाना चाहिए, जिससे उनकी स्पष्ट पहचान हो सके।

सरकार की इस पहल को लेकर शिक्षकों और शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों के बीच चर्चाएं जारी हैं। अब देखना होगा कि यह प्रस्ताव कितनी जल्दी और किस रूप में अमल में आता है।