लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में गत बुधवार को अम्बेडकर पर सेमिनार करने से दलित छात्रों को रोक दिया गया। छात्रों का आरोप है कि कालेज परिसर में रामनवमी का उत्सव मनाया गया। इस घटना को लेकर दलित छात्र आक्रोशित हो गए। जिसके बाद कुलपति का आवास घेरने पर स्टूडेंट्स और सुरक्षाकर्मियों में नोकझोंक हो गई। इस दौरान गुस्साए कुछ सुरक्षाकर्मियों ने एक छात्र की जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद कैंपस में छात्रों का जोरदार प्रदर्शन और धरना शुरू हो गया।
देर रात तक स्टूडेंट्स कुलपति आवास का घेराव करते हुए गेट के सामने धरने पर बैठे हुए थे। वहीं शुक्रवार को भी यह प्रदर्शन जारी है। इस मामले में सिक्योरिटी सुपरवाइजर की तरफ से सुरक्षाकर्मियों से मारपीट करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
एसएफआई से जुड़े छात्र अखिल सिंह ने द मूकनायक को बताया- "14 अप्रैल को बाबा साहब अंबेडकर की जयंती के कार्यक्रम के लिए स्टूडेंट्स को साउंड और स्पीकर ले जाने की अनुमति नहीं दी गई थी, जबकि बुधवार को रामनवमी पर विश्वविद्यालय परिसर के मंदिर में स्पीकर और साउंड ले जाया गया। इस बात की भनक जब एक गुट को लगी तो स्टूडेंट्स प्रदर्शन करने लगे। शाम करीब साढ़े 6 से 7 बजे के बीच अचानक से कुलपति आवास के बाहर स्टूडेंट्स और वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों में नोकझोंक होने लगी।"
छात्रों का आरोप हैं कि प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में तैनात निजी सुरक्षा गार्ड एजेंसी के सुपरवाइजर और अन्य गार्डों ने मिलकर मारपीट की। इससे जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हुआ। इसमें राहुल नाम के एक छात्र को सुरक्षाकर्मियों ने मारपीट की।
इसके बाद से कुलपति आवास पर धरने पर बैठे स्टूडेंट्स में और आक्रोश बढ़ गया। कुछ और छात्र भी मौके पर पहुंच कर प्रदर्शन करने लगे। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कोई सुनवाई नहीं हो रही।
इस बीच देर रात तक छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा। वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर विश्वविद्यालय प्रशासन फिलहाल चुप्पी साधे है। मेसेर्स सिक्योरिटी एंड इंटेलीजेंस सर्विसेस के एरिया मैनेजर धर्मेंद्र सिंह की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आशियाना थाने में दर्ज हुई इस एफआईआर में छात्र अश्वनी कुमार,विकास कुमार,राहुल कुमार,अलोक कुमार राव को नामजद किया गया है जबकि 25 अज्ञात छात्र भी इस घटना में आरोपी बनाये गए हैं।