Dalit History Month: कर्नाटक सरकार ने शिक्षण संस्थानों में भेदभाव खत्म करने के लिए 'रोहित वेमुला एक्ट' का मसौदा तैयार करने के दिए आदेश

09:59 AM Apr 20, 2025 | Geetha Sunil Pillai

बेंगलुरु – कर्नाटक सरकार ने शनिवार को शिक्षण संस्थानों में दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के छात्रों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने के लिए 'रोहित वेमुला एक्ट' का मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को लिखे पत्र में कहा, "मैंने अपने कानूनी सलाहकार और टीम को रोहित वेमुला एक्ट का मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया है। यह कानून शिक्षण संस्थानों में भेदभाव के खिलाफ एक सख्त चेतावनी होगा।"

आपको बता दें हैदराबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी में पीएचडी के दलित छात्र रोहित चक्रवर्ती वेमुला  ने 17 जनवरी 2016 को युनिवर्सिटी के होस्टल के एक कमरे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी. उनकी आत्महत्या का मामला लंबे वक़्त तक सुर्खियों में रहा और आज भी इस बारे में बात होती है. रोहित युनिवर्सिटी में आंबेडकर स्टूडेंट्स असोसिएशन के सदस्य थे. वो कैंपस में दलित छात्रों के अधिकार और न्याय के लिए भी लड़ते रहे थे.

सिद्धारमैया ने राहुल गांधी के 16 अप्रैल के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि डॉ. बी.आर. अंबेडकर के साथ हुए भेदभाव की घटना आज भी एक कड़वी सच्चाई है।

राहुल गांधी ने अपने पत्र में अंबेडकर के बचपन के दर्दनाक अनुभवों का जिक्र करते हुए लिखा, "डॉ. अंबेडकर ने अपने स्कूल के दिनों में जिस तरह का भेदभाव झेला, वह आज भी दलित, आदिवासी और ओबीसी छात्रों को सहना पड़ता है। रोहित वेमुला, पायल ताड़वी और दर्शन सोलंकी जैसी मौतों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।"

उन्होंने कर्नाटक सरकार से 'रोहित वेमुला एक्ट' लागू करने की मांग की ताकि किसी भी छात्र को जाति के आधार पर अपमान न झेलना पड़े।

सिद्धारमैया ने कहा, "राहुल गांधी के पत्र का हम आभारी हैं। हमारी सरकार जाति, वर्ग या धर्म के आधार पर भेदभाव खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कानून डॉ. अंबेडकर के समानता के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।"

सिद्धारमैया ने कहा, "हम रोहित, पायल और दर्शन जैसे छात्रों के सपनों को साकार करेंगे। अब किसी को जाति के नाम पर अपमान नहीं झेलना पड़ेगा।"

सामाजिक संगठनों ने सराहना की

Babasaheb Ambedkar Engineers Association  (BANAE) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागसेन सोनारे ने द मूकनायक को बताया, "राहुल गांधी से हमारी मुलाकात का यह सकारात्मक परिणाम है। हम मुख्यमंत्री से मिलकर इस कानून को और मजबूत बनाने के लिए सुझाव देंगे।"

क्या होगा इस कानून में?

प्रस्तावित कानून में शामिल होंगे:

  • शैक्षणिक संस्थानों में जातिगत भेदभाव पर पूर्ण प्रतिबंध

  • छात्रों के लिए शिकायत निवारण तंत्र

  • दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा के प्रावधान

यदि यह कानून बनता है, तो कर्नाटक देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में जातिगत उत्पीड़न के खिलाफ एक मिसाल कायम करेगा।