झालावाड़ हादसे से शिक्षकों में गुस्सा, बोले- 'जी हजूरी से फुरसत मिले तो स्कूल भवन देखे शिक्षा अधिकारी'

05:54 PM Jul 25, 2025 | Geetha Sunil Pillai

बांसवाडा- राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम ने झालावाड़ जिले के मनोहर थाना के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पिपलोदी गांव में स्कूल अध्ययन के समय छत ढहने ,गिरने से 60 विद्यार्थियो के दबने , सात बच्चों की मौत होने, 29 से अधिक गंभीर रूप से घायल होने पर दुःख जताते हुए मतृक बच्चों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए समसा निदेशक ओर शिक्षा अधिकारीयो के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की मांग की है। संघ ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया को भेजे पत्र में यह मांग की है।

सियाराम संगठन के वरिष्ठ नेता और प्रदेश संरक्षक दिनेश भट्ट ने बताया कि प्रदेश की डबल इंजन सरकार ने शिक्षा का बेड़ा गर्ग कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घड़ियाली आंसू बहाने ओर दूसरों को आरोपित करने की जगह बताए कि उसने क्या किया?

सियाराम संगठन ने सरकारी रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राजस्थान में हर दूसरी सरकारी स्कूल खस्ताहाल खंडहर जर्जर है और जनजाति परिक्षेत्र बांसवाड़ा जिले के हालत तो ओर अधिक विकट स्थिति में है। यहां कई सरकारी स्कूल खुले में, मन्दिर प्रांगण,या अभिभावकों के आंगन में संचालित हो रहे हैं। अधिकारी सब कुछ जानते हुए मौन क्यों है सरकार को वास्तविक धरातल की स्थिति क्यों नहीं बताई जा रही हैं। जी हजूरी ओर चमचागिरी कर जिले में तो रह सकते हैं किन्तु जनजाति बच्चों के साथ न्याय नहीं कर रहे हो।

संगठन के अरुण व्यास ने कहा, " आज की पिपलोदी गांव की यूपीएस स्कूल की घटना तो सरकार को आईना दिखाने का सबूत मात्र है क्योंकि इस बड़ी दुखद घटना के बाद राज्य सरकार ओर इनके बड़बोले शिक्षामंत्री नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने का साहस करेंगे?

यदि नैतिकता नहीं बची हो तो शिक्षा अधिकारीयो के विरुद्ध ही कार्यवाही कर दो ?

वो भी नहीं कर सकते हो तो संकल्प लेकर वर्तमान में सभी जर्जर खंडहर खस्ताहाल भवनों किचन शेड, भोजन शालाएं , चारदीवारी मरम्मत ही राजस्थान में करवा दीजिए।

इस सरकार ओर बड़बोले नेताओं को जमीनी हकीकत दिखाने हेतु पिपली यूपीएस स्कूल की दुखद घटना उदाहरण मात्र है ।" भट्ट ने कहा कि जनजाति परिक्षेत्र बांसवाड़ा जिले में भी सरकारी स्कूलों के खस्ता हालत जगजाहिर है किन्तु उन्हें सुधारने मरम्मत करने हेतु कोई पहल विभाग नहीं कर रहा है ।

उल्टे पीओ प्रधानाचार्य से भवन उपयोगी सुरक्षित होने के प्रमाण पत्र तत्काल मांगे जा रहे हैं ।

बांसवाड़ा में 297 सीनियर सेकंडरी स्कूलों की हालत बहुत खराब

सियाराम संगठन के शैक्षिक प्रकोष्ठ ने राजस्थान भर के सर्वे कर रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत की गई है जिसमें बांसवाड़ा जिले में 297 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में तत्काल मेजर रिपेयरिंग कराने की जरूरत है ।

इनमें घाटोल उपखण्ड की स्कूल भी काफी संख्या में है। बांसवाड़ा जिले में पांच कमरों में बारह कक्षाएं लगाई जाती हैं, जिले में कई सीनियर सेकंडरी स्कूलों में चार से पांच कक्षा कक्ष में सीनियर सेकंडरी स्कूल की पहली से बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई चल रही हैं अर्थात बारह कक्षाएं लगाई जा रही हैं। इसके अलावा जिले में 164 सीनियर सेकंडरी स्कूलों में माइनर मरम्मत और रंगरोगन कराने की आवश्यकता है।

इसके अलावा सभी नोडल केंद्र राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में दस - दस कक्षा कक्ष ओर सुविधाए मूत्रालय शौचालय किचन शेड भोजन शालाएं चारदीवारी की कमी है।

इसी तरह बांसवाड़ा जिले में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में 89 विद्यालय अत्यधिक जर्जर ओर खंडहर खस्ताहाल भवनों में विद्यार्थी पढ़ रहे हैं जिनमें सभी में मेजर रिपेयरिंग कराने ओर रंग रोगन मरम्मत की सख्त आवश्यकता है।

इसके अलावा बांसवाड़ा जिले भर में राजकीय प्राथमिक विद्यालय जिनकी संख्या एक हजार से ऊपर है उनमें स्थिति अत्यन्त गम्भीर है मेजर रिपेयरिंग कराने के साथ रंगरोगन की सख्त आवश्यकता होगी । साथ ही प्राईमरी स्कूलो में कम्प्यूटर मेन विथ मशीन प्रिंटर जरूरी हैं।

सियाराम संगठन ने चार दशक से अधिक समय से बांसवाड़ा जिले सहित राज्य भर में सरकारी स्कूलों में रंग रोगन मरम्मत कार्य की राशि स्वीकृत नहीं कराने पर चिन्ता जताते हुए डबल इंजन सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि तत्काल बांसवाड़ा जिले सहित सभी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में दस - दस कक्षा - कक्ष, मिडिल स्कूलों में 7 कक्षा कक्ष , प्राईमरी स्कूलो में पाच पांच कक्षा कक्ष की तत्काल जरूरत है ।

प्रति वर्ष राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा एक ही सर्कुलर जारी किया जाता हैं कि जर्जर खंडहर खस्ताहाल भवनों में विद्यार्थियो स्टॉफ को नहीं बैठाया जाए और अपनी जिम्मेदारी से मुक्त कर लिया जाता है। किन्तु बारिश में जर्जर खंडहर खस्ताहाल भवनों की जगह कहा बैठाया जाए उसकी कोई सूचना नहीं दी जाती है। उल्टे सीनियर सेकंडरी स्कूलों सहित सभी संस्था प्रधानो,पीओ प्रधानाचार्य से लिखित में भवन उपयोगी सुरक्षित होने का प्रमाण पत्र तत्काल हार्ड कॉपी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

सियाराम संगठन का मानना है कि नव निर्माण ओर मरम्मत कार्य के बाद विभाग तकनीकी अधिकारियों से प्रमाणित करवाता है जिसमें ठेकेदार ओर शिक्षा अधिकारीयो,तकनीकी अधिकारियों की आपस में साठ गांठ,बंदरबाट होती है। किन्तु 10 से 15 साल बाद तकनीकी अधिकारियों की जगह संस्था प्रधान से भवन उपयोगी सुरक्षित होने का प्रमाण मांगना न्यायोचित नहीं होगा।

संगठन ने तत्काल बांसवाड़ा जिले की सभी सरकारी स्कूलों के भवनों की ब्लॉक वाइज तकनीकी अधिकारियों की टीम बना कर जांच करवाने ओर समस्त जर्जर खंडहर खस्ताहाल विद्यालयों के भवनों की मरम्मत , सुविधाओं मूत्रालय शौचालय सहित चार दिवारी किचन शेड भोजन शालाएं की दुरुस्तीकरण अभियान चला कर मरम्मत करवाने की मांग की है ।