भोपाल। शिक्षा जैसे पेशे को शर्मसार करने वाले दो गंभीर मामले सामने आये हैं, एक मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के सिवनी मालवा का है जबकि दूसरा राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से जुड़ा है। मध्य प्रदेश में एक शासकीय स्कूल में कार्यरत, राष्ट्रपति से सम्मानित शिक्षक राम आशीष पाण्डेय पर छात्राओं ने यौन उत्पीड़न और अनुचित छूने के गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 74 और पॉक्सो एक्ट की धाराओं 7/8 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शिकायत लेकर थाने पहुंचीं छात्राएं
शनिवार को लगभग छह छात्राएं सिवनी मालवा थाना पहुंचीं और अपने साथ हो रही लगातार छेड़छाड़ की आपबीती सुनाई। छात्राओं का आरोप है कि इतिहास विषय पढ़ाने वाले शिक्षक राम आशीष पाण्डेय कई महीनों से उन्हें अनुचित ढंग से छूने की कोशिश करते थे और बार-बार परेशान करते थे।
छात्राओं ने यह भी बताया कि उन्होंने इस व्यवहार की जानकारी स्कूल प्राचार्य को पहले ही दे दी थी, लेकिन वहां से कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूरी में उन्होंने अपने परिवार को इस उत्पीड़न के बारे में बताया और थाने में शिकायत दर्ज कराई।
छात्राएं बोलीं - डर और शर्म के कारण शुरू में चुप रहीं
पीड़ित छात्राओं ने पुलिस को बताया कि शुरुआत में वे डर और सामाजिक शर्म के कारण चुप रहीं। लेकिन जब हालात असहनीय हो गए, तो उन्होंने परिजनों को विश्वास में लेकर कार्रवाई का निर्णय लिया।
एक छात्रा ने बयान में कहा, "सर पढ़ाते समय जानबूझकर छूने की कोशिश करते थे। हमें बहुत असहज महसूस होता था। पहले लगा शायद हम गलत समझ रहे हैं, लेकिन यह बार-बार हुआ।"
पीड़ित छात्राओं ने पुलिस को बताया, "राम आशीष पाण्डेय सर हमें इतिहास पढ़ाते थे, लेकिन पढ़ाई के दौरान वे बार-बार हमें अनुचित तरीके से छूने की कोशिश करते थे। कभी कंधे पर, तो कभी पीठ पर हाथ रखते थे। कई बार जब हम नोटबुक दिखाने खड़े होते थे, तो वो बहुत नजदीक आ जाते और हमें असहज महसूस होता था। पहले हमें लगा शायद हम ही कुछ गलत समझ रहे हैं, लेकिन जब यह व्यवहार लगातार होने लगा, तो हमें यकीन हो गया कि यह जानबूझकर किया जा रहा है।
हमने इस बारे में स्कूल की प्राचार्या को भी बताया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हम डर और शर्म की वजह से कुछ समय तक चुप रहे, लेकिन जब सर की हरकतें बढ़ती गईं और हमें स्कूल आना भी डरावना लगने लगा, तब हमने अपने माता-पिता को सारी बात बताई। फिर मिलकर हम थाने आए हैं ताकि कानूनी कार्रवाई हो और ऐसे शिक्षक को सजा मिले।"
पुलिस ने गंभीरता से लिया मामला, महिला अधिकारी को किया तैनात
सिवनी मालवा थाना प्रभारी राजेश दुबे ने इस मामले को संवेदनशील मानते हुए तुरंत कार्रवाई की। छात्राओं की गोपनीयता और संवेदनाओं का ध्यान रखते हुए जिला मुख्यालय से महिला थाना प्रभारी हेमलता मिश्रा को बुलाया गया, जिन्होंने छात्राओं के विस्तृत बयान दर्ज किए।
इसके बाद शिक्षक राम आशीष पाण्डेय पर BNS की धारा 74 (नाबालिग से यौन दुर्व्यवहार) और पॉक्सो एक्ट की धारा 7/8 (यौन उत्पीड़न और सजा) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
पॉक्सो एक्ट की धारा 7 और 8 के तहत प्रावधान :-
- धारा 7: बच्चे के साथ किसी भी प्रकार का यौन स्पर्श करना यौन उत्पीड़न माना जाएगा।
- धारा 8: इसके लिए कम से कम 3 वर्ष से 5 वर्ष तक की सजा, तथा जुर्माना का प्रावधान है।
राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री से सम्मानित हो चुका है आरोपी शिक्षक
आरोपों के घेरे में आए शिक्षक राम आशीष पाण्डेय का प्रोफाइल किसी भी आम शिक्षक से कहीं अधिक प्रतिष्ठित रहा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ अपनी तस्वीरें साझा की हैं।
पाण्डेय को साल 2017 में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा वे राज्य स्तरीय कई सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैं।
छात्राओं के मुताबिक जब उन्होंने यह शिकायत स्कूल प्राचार्य से की थी, तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में सवाल उठते हैं कि आखिर इतने गंभीर आरोपों को क्यों दबाया गया? स्कूल प्रबंधन और शिक्षा विभाग की निष्क्रियता ने छात्राओं को थाने तक पहुंचने पर मजबूर किया।
राजस्थान: विद्यार्थियों के साथ अनैतिक कृत्य करने वाले शिक्षक को सेवा से पदच्युत किया
चित्तौड़गढ़ जिले के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, आंवलहेड़ा (बेगूं) में कार्यरत अध्यापक शम्भूलाल धाकड़ के विरुद्ध विद्यार्थियों के साथ अश्लील हरकतें, यौन उत्पीड़न, अप्राकृतिक दुष्कृत्य एवं वीडियो बनाने जैसे गंभीर आरोप प्रमाणित पाए जाने पर उन्हें राज्य सेवा से पदच्युत कर दिया गया है।
प्राप्त शिकायतों एवं प्रस्तुत वीडियो साक्ष्यों के आधार पर जांच समिति गठित कर त्वरित विभागीय जांच की गई, जिसमें धाकड़ द्वारा किया गया कृत्य राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियमों का स्पष्ट उल्लंघन पाया गया। उनके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 व पॉक्सो अधिनियम सहित कई गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा वे वर्तमान में पुलिस अभिरक्षा में हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक, चित्तौड़गढ़ द्वारा राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 19(ii) के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए आरोपी को बिना शासकीय सेवा में बनाए रखे जाने के अयोग्य घोषित करते हुए तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक कर दिया गया है।