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समर्पण की मिसाल: स्कूल भवन निकला असुरक्षित तो उदयपुर में एक अभिभावक ने दे दिया अपना घर

उदयपुर- जनजाति अंचल में शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी के मिथक को तोड़ते हुए एक अभिभावक ने शिक्षा के प्रति समर्पण का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। जर्जरहाल भवनों की जांच के दौरान स्कूल भवन असुरक्षित पाने पर बच्चों की पढ़ाई को बाधित होने से रोकने के लिए आदिवासी अभिभावक ने स्कूल का नया भवन बनने तक अपना घर विद्यालय संचालन के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराया।

झालावाड़ दुःखान्तिका के बाद अत्यधिक बारिश के कारण जर्जर हुए भवनों की जांच का कार्य पूरे प्रदेश में बहुत तेजी से चल रहा है। क्षतिग्रस्त विद्यालय के भवनों की वैकल्पिक व्यवस्था का कार्य जारी है। उसी कड़ी में ऋषभदेव ब्लॉक में पीईईओ कोजावाड़ा अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय नलाफ़ला के भवन की जांच के लिए टीम पहुंची। निरीक्षण दल व उच्चाधिकारियों ने विद्यालय के जर्जर भवन को प्रतिबंधित कर दिया। इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होने की समस्या उठ खड़ी हुई। इस दौरान गांव के प्रकाश मीणा ने विद्यालय से 300 मीटर दूरी पर स्थित अपना भवन विद्यालय का नया भवन निर्मित होने तक बालकों की शिक्षा के लिए निःशुल्क देने की घोषणा की।

जनजाति क्षेत्र में दूरस्थ क्षेत्रों में एक तरफ जहाँ स्वयं के परिवार के रहने की समस्या है वहाँ दूसरी तरफ 5 पुत्रियां, 3 पुत्र व एक नेत्र हीन भाई की जिम्मेदारी होने के बावजूद प्रकाश ने शिक्षा को महत्व देते हुए गांव की सरपंच अनिता देवी व प्रधानाचार्य संतोष व्यास के सामने यह घोषणा की। प्रकाश मीणा जैसे अभिभावक के इस अनुकरणीय सहयोग पर सरपंच अनिता देवी, पीईईओ संतोष व्यास, उप प्रधानाचार्य लक्ष्मण लाल मीणा, विद्यालय प्रधान चंद्रिका मीणा, अध्यापिका बसंती मीणा व समूचे पंचायत ने उनका अभिनंदन किया।

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