वर्धा यूनिवर्सिटी में 10 दलित-ओबीसी छात्र हॉस्टल से निष्कासित: कसूर - JNUSU में वाम जीत का जश्न मनाकर लगाये थे 'सॉरी सॉरी सावरकर' और मोदी विरोधी नारे!

06:19 PM Nov 12, 2025 | Geetha Sunil Pillai

वर्धा, महाराष्ट्र - महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय (MGAHV), वर्धा में JNUSU चुनावों में वामपंथी दलों की जीत का जश्न मनाने वाले 10 छात्रों को हॉस्टल से 14 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया। ये स्टूडेंट्स दलित और ओबीसी समुदायों के हैं, यह कार्रवाई 6 नवंबर की रात को कैंपस में आयोजित जश्न के दौरान लगाए गए नारों को लेकर की गई है, जिन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन ने 'महापुरुषों की गरिमा का हनन' बताया है।

छात्रों का कहना है कि यह उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है, जबकि प्रशासन ने शांतिपूर्ण अकादमिक माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं विवि प्रशासन ने इन स्टूडेंट्स के विरुद्ध पुलिस में शिकायत भी की है जिससे छात्र वर्ग स्तब्ध है।

क्या हुआ था 6 नवंबर की रात?

पीड़ित छात्रों में एक धनंजय सिंह जो विवि के एनएसयुआई के अध्यक्ष भी हैं, ने द मूकनायक को दिए बताया कि जश्न का कोई पूर्वानुमानित प्लान नहीं था, बल्कि मेस से खाना खाने के बाद सहज उत्सव में नारे लगाते हुए मुख्य द्वार तक पहुंचे थे। उन्होने कहा, " हम नारे लगाते हुए एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक पैदल चलते गये, ना कोई शोर शराबा ना किसी की शिकायत थी,किसी ने हमें नहीं रोका, ना कोई डिस्टर्बेंस की ही बात की, लेकिन ABVP समर्थकों ने वीडियो बनाकर शिकायत की।" जानकारों का कहना है छात्रों ने "सॉरी सॉरी — सावरकर" , "आरएसएस का छोटा बंदर —बाल नरेंद्र-बाल नरेंद्र" जैसे नारे लगाये जिससे ABVP समर्थक क्रोधित हुए और शिकायत की गई।

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विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ. राकेश कुमार मिश्र ने इसपर 'अनधिकृत जमावड़ा' और 'महापुरुषों का अपमान' करार देते हुए 6 छात्रों को अगले दिन शो कॉज नोटिस जारी किया जबकि 9 नवंबर को थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। एक पीड़ित छात्र राकेश अहिरवार ने बताया कि उसने नोटिस मिलने पर जवाब भी दिया जिसमें लिखा कि नोटिस जारी करने का आधार अस्पष्ट एवं आधारहीन है। राकेश ने कहा, " हमने न तो किसी महापुरुष का अपमान किया है, न किसी प्रकार की अपमानजनक नारेबाजी की है. और न ही किसी प्रकार का जमावड़ा किया है, जमावड़ा शब्द गलत है क्योंकि हम कुछ ही चलते फिरते साथी माामिल थे।"

राकेश ने आगे बताया कि हम सभी स्टूडेंट्स का सदैव यह प्रयास रहा है कि विश्वविद्यालय परिसर में अध्ययन-अध्यापन का उचित और शांतिपूर्ण वातावरण बना रहे। साथ ही, हमारे कुछ जनतांत्रिक अधिकार भी है, जो हमें महात्मा गांधी की विरासत से प्राप्त हुए हैं, जिनके नाम पर इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। और हम सभी उन्हीं के आदर्शों पर चलने वाले छात्र हैं।"

छात्रों के जवाबी पत्र को नजरअंदाज करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की। डॉ. राकेश कुमार मिश्र ने 10 छात्रों को तत्काल प्रभाव से 14 दिनों के लिए छात्रावास से निलंबित घोषित कर दिया। आदेश में कहा गया: " दिनांक 06 नवंबर, 2025 की रात्रि को छात्रावास परिसर में जुलूस निकालकर महापुरूषों की गरिमा हनन से संबंधित नारे लगाकर विश्वविद्यालय के शांतिपूर्ण एवं अकादमिक माहौल को प्रभावित करने में प्राथमिक तौर पर संलिप्त पाये जाने के कारण अध्यादेश क्रमांक 12.2 के बिंदु 06 के प्रावधान के तहत निम्नलिखित विद्यार्थियों को तत्काल प्रभाव से 14 दिनों के लिए (दिनांक 25.11.2025 तक) छात्रावास से निलंबित किया जाता है।"

निलंबित छात्रों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे इस अवधि में कैंपस में प्रवेश न करें, अनुशासन का पालन करें और जाँच में सहयोग दें। साथ ही पूरे प्रकरण की जाँच के लिए एक समिति गठित की गई है, जो घटना की गहन पड़ताल करेगी। छात्रों ने बताया कि विवि की शिकायत पर पुलिस स्टेशन से कॉल भी किया गया जिसपर सभी छात्र थाने भी गए, अभी FIR दर्ज नहीं हुई है।

विवि द्वारा पुलिस को दी शिकायत

निलंबित छात्रों ने हॉस्टल खाली कर लिया है और अस्थायी व्यवस्था के लिए परेशान हैं। जाँच समिति की पहली बैठक 12 नवम्बर शाम 4:30 बजे हुई है, फिर भी बिना जांच रिपोर्ट के होस्टल से निकलने और पुलिस शिकायत को छात्र 'हैरासमेंट' बता रहे हैं।

निलंबित 10 छात्र राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद और सुखदेव छात्रावासों से जुड़े हैं जिनके नाम धनंजय सिंह (एम.ए. समाज कार्य) , अश्विनी सोनकर (बी.ए.एल.एल.बी. ऑनर्स) कौशल कुमार (बी.ए.एल.एल.बी. ऑनर्स) बृजेश सोनकर (बी.ए.एल.एल.बी. ऑनर्स), कर्णवीर सिंह (बी.एड. एम.एड. एकीकृत), राकेश अहिरवार (चार वर्षीय स्नातक जापानी), धर्मेंद्र कुमार (चार वर्षीय स्नातक जापानी), मनीष चौधरी (एम.एस.डब्ल्यू), सत्येंद्र राय (बी.ए.एल.एल.बी. ऑनर्स) और अभिजीत कुमार (चार वर्षीय स्नातक राजनीति विज्ञान) हैं।

गांधी हिल्स के इस शांतिपूर्ण कैंपस में अब राजनीतिक ध्रुवीकरण और प्रशासनिक दमन की बहस छिड़ गई है। छात्रों का कहना है कि इस विश्वविद्यालय में रोज आरएसएस की शाखा लगती है। अन्य राजनीतिक विचारधाराओं वाले स्टूडेंट्स का इसी तरह से दमन किया जाता है। बताया गया कि इस यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव नहीं होते हैं लेकिन छात्र हितों का ध्यान रखने के लिए सभी छात्र संगठन जैसे AISA, AISF, NSUI और अम्बेडकराइट संगठन सक्रिय हैं और इस मुद्दे पर पीड़ित छात्रों के साथ सहानुभूति रखते हैं।

द मूकनायक ने प्रॉक्टर डॉ. राकेश कुमार मिश्र और कुलपति कुमुद शर्मा को मेसेज भेजकर इस मामले में विवि प्रशासन का पक्ष जानने का प्रयास किया लेकिन खबर लिखे जाने तक दोनों की ओर से कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ।