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Exclusive Interview: संविधान बचाने के लिए क्या है कांग्रेस का 'संविधान रक्षक' अभियान?

नई दिल्ली। आगामी 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर कांग्रेस पार्टी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक सेमिनार आयोजित कर रही है। इस आयोजन की विशेष जानकारी के लिए द मूकनायक की एडिटर-इन-चीफ मीना कोटवाल ने कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजेश लिलोठिया से खास बातचीत की।

संविधान दिवस को लेकर कांग्रेस की क्या तैयारियां हैं?

राजेश लिलोठिया: संविधान दिवस को हम पूरे देश में एक त्यौहार की तरह मना रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने 'संविधान रक्षक' नामक एक अभियान शुरू किया है। बाबा साहब अंबेडकर को मानने वाले, संविधान के रक्षक और लोकतांत्रिक मूल्यों को महत्व देने वाले सभी लोगों को इस दिन विमर्श के लिए दिल्ली में आमंत्रित किया गया है।

उन्होंने कहा, "भाजपा और RSS (संघ) संविधान को कमजोर करना चाहते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि इसमें वंचित और पिछड़े समाज के अधिकार छिपे हैं। बाबा साहब ने अपनी पीड़ा और उत्पीड़न के अनुभवों से सीखा और संविधान में समानता और न्याय की गारंटी दी। लेकिन आरएसएस और भाजपा की सोच मनुवादी है। वे वर्ण व्यवस्था को मानते हैं और संविधान के अधिकारों को खत्म करना चाहते हैं। पिछले 10 सालों में भाजपा सरकार ने संविधान को कमजोर करने का ही काम किया है।"

सेमिनार में क्या केवल कांग्रेस के लोग ही शामिल होंगे?

राजेश लिलोठिया: 'संविधान रक्षक' अभियान में हमने हर उस व्यक्ति को जोड़ा जो संविधान की रक्षा के लिए तत्पर है। इस कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के अलावा अन्य लोग भी आमंत्रित हैं। उन्होंने कहा, "जो लोग संविधान को बचाना चाहते हैं, वे हजारों की संख्या में दिल्ली आ रहे हैं। यह जरूरी नहीं कि वे कांग्रेस के सदस्य हों। यह कार्यक्रम संविधान के अधिकारों और मूल्यों को बनाए रखने के लिए सभी को एकजुट करने का प्रयास है।"

सेमिनार में किन विषयों पर विमर्श प्रस्तावित है?

राजेश लिलोठिया: कांग्रेस पार्टी जाति जनगणना की बात कर रही है। इस पर एक पैनल चर्चा आयोजित की जाएगी। हमारा मानना है कि "जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी होनी चाहिए।" वंचित वर्गों के अधिकार, जल, जंगल, जमीन और अन्य संसाधनों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार जल, जंगल और जमीन का अधिकार छीनकर कॉर्पोरेट कंपनियों को देना चाहती है। हम 'संविधान रक्षक समिति' का गठन गाँव स्तर पर करना चाहते हैं, ताकि हर गाँव और हर वार्ड तक इस अभियान को पहुँचाया जा सके।"

क्या आपको लगता है कि संविधान खतरे में है?

राजेश लिलोठिया: बिल्कुल। जब इस देश में बोलने की आजादी छीनी जा रही है और संवैधानिक अधिकार कमजोर किए जा रहे हैं, तो यह स्पष्ट है कि संविधान खतरे में है। शिक्षा के भगवाकरण की कोशिशें जारी हैं। किसानों और श्रमिकों के अधिकार छीने जा रहे हैं। संविधान को कमजोर करने की इन कोशिशों के खिलाफ लड़ना जरूरी है।

कांग्रेस पार्टी ने 50% आरक्षण की दीवार तोड़ने की बात की है। आपकी योजना क्या है?

राजेश लिलोठिया: रायपुर अधिवेशन में कांग्रेस पार्टी ने फैसला लिया कि संगठन में 50% आरक्षण अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और महिलाओं को दिया जाएगा। जहां-जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, हम इसे लागू करने का प्रयास कर रहे हैं। यह सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में हमारा ठोस कदम है।

RSS और भाजपा धर्म की राजनीति कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस सामाजिक न्याय की बात कर रही है। क्या यह आपकी रणनीति BJP पर भारी पड़ेगी?

राजेश लिलोठिया: राजनीति में धर्म नहीं आना चाहिए। बाबा साहब अंबेडकर ने भी इस बात पर जोर दिया था। भाजपा और आरएसएस धर्म की राजनीति कर रहे हैं, लेकिन देश को शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, और विकास की जरूरत है। उन्होंने कहा, "भाजपा मंदिरों की बात करती है, जबकि संविधान को मानने वाले स्कूलों और शिक्षा की बात करते हैं। भाजपा एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को गुमराह कर रही है। उनकी धर्म की राजनीति लंबे समय तक नहीं चल पाएगी।"

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