प्रयागराज- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के करछना थाना क्षेत्र के इटौरा गांव में 12 अप्रैल की रात एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी। 30 वर्षीय दलित युवक देवी शंकर की कथित तौर पर सुनियोजित तरीके से हत्या कर दी गई, जिसके बाद उसकी लाश को सबूत मिटाने के लिए जला दिया गया। रविवार सुबह 5:30 बजे गांव के पूरब स्थित महुआ के बाग में उसकी जली हुई लाश मिली।
आजाद समाज पार्टी के नेता और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इस हत्या को जातिवादी नफरत से प्रेरित बताते हुए दावा किया कि कुछ लोगों ने बोझा ढोने के बहाने देवी शंकर को घर से बुलाया और पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जला दिया।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक इसौटा गांव में रहने वाले दलित अशोक कुमार का बेटा 30 साल का बेटा देवी शंकर मजदूरी करता था। उसके 3 बच्चे हैं। एक बेटी काजल और दो बेटे सूरज, आकाश हैं। पत्नी की मौत हो चुकी है। वह मां-बाप का अकेला बेटा था।
देवी शंकर शनिवार शाम को घर से निकला था। युवक को घर से गेहूं की मड़ाई की बात कहकर कुछ लोग ले गए थे, रात भर जब वह घर नहीं लौटा, तो सुबह घर वालों ने देवी शंकर की तलाश शुरू की। इस बीच गांव वालों से पता चला कि एक युवक का अधजला शव बगीचे में पड़ा है। परिजन वहां पहुंचे, तो रोने-चिल्लाने लगे।
पिता अशोक कुमार ने बताया- बेटे देवी शंकर को गांव के ही 4 युवक बुलाकर ले गए थे। उससे कहा गया था कि गेहूं की मड़ाई का काम करना है। हमने बेटे को उनके साथ जाते देखा था।
सांसद चंद्रशेखर ने यह भी आरोप लगाया कि हत्यारों ने मृतक के परिवार को जातिसूचक गालियां दीं और धमकी दी कि “ऐसे ही बारी-बारी से जलाकर मारेंगे।”
द इन्डियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक यमुनानगर के पुलिस उपायुक्त विवेक चंद्र यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में हत्या पुरानी रंजिश के चलते होने का संदेह है, और छह लोगों—दिलीप सिंह, विनय सिंह, अजय सिंह, मनोज सिंह, सोनू सिंह, शेखर सिंह, और मोनू—को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस ने हत्या और सबूत मिटाने की कोशिश के तहत प्राथमिकी दर्ज की है, जबकि फॉरेंसिक टीमें साक्ष्य जुटा रही हैं। इस बीच, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने घटना को “अति-दुखद व चिंतनीय” बताते हुए सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
चंद्रशेखर ने सरकार से हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी, SC/ST अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई, फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई, और पीड़ित परिवार को सुरक्षा, मुआवजा व नौकरी देने की मांग की है। गांव में भय और आक्रोश के माहौल के बीच पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात किया है, और मामले की गहन जांच जारी है।
घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने x पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा , " यूपी के प्रयागराज के करछना में सामंती तत्वों द्वारा एक दलित की की गयी नृशंस हत्या की घटना अति-दुखद व चिन्तनीय। प्रदेश में बेलगाम हो रहे ऐसे आपराधिक, असमाजिक व सामंती तत्वों के खिलाफ सरकार ज़रूर सख्त कार्रवाई करके कानून के राज को कायम करे। साथ ही, संविधान निर्माता भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा के अनादर की घटनाओं को भी सरकार पूरी गंभीरता से लेकर समाज में तनाव एवं हिंसा पैदा करने वाले ऐसे गुनहगारों के विरुद्ध सरकार सख़्त कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति रूक सके".
समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना को सत्ता के दुरुपयोग और जातिवादी हिंसा से जोड़ा। उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए कहा, “प्रयागराज में एक प्रभुत्ववादी द्वारा दलित समाज के एक युवक को जिंदा जलाकर मारने का जो जघन्य अपराध हुआ है, उसने साबित कर दिया है कि सत्ता का अपने लोगों को दिया अवांछित प्रश्रय और अहंकार अब सरेआम हत्यारे तक करवा रहा है। बाबासाहेब की जयंती के पहले ऐसी घटना को अंजाम देकर कुछ शक्तिशाली लोग अपनी ताक़त का जो संदेश समाज को देना चाहते हैं, वो लोग एक बीमार सोच से ग्रसित नकारात्मक और अत्याचारी लोग हैं। देखते हैं इन दबंग आपराधिक तत्वों के घर पर बुलडोज़र भेजने का नैतिक बल और ऊर्जा किसी में शेष बची है या फिर वो अपराधियों के सामने सरेंडर करके, ठंडे पड़ गये हैं। अगर ‘निंदनीय’ से भी निम्नतर कोई शब्द हो सकता है तो उसे इस कुकृत्य की निंदा के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।