रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के लखमाखेड़ी गांव में सामाजिक भेदभाव का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक दलित परिवार की खुशियों में खलल डालने की कोशिश की गई। यहां शादी समारोह के दौरान निकाली जा रही दुल्हन की बिंदोली (जुलूस) को गांव के ही कुछ उपद्रवियों ने रोक दिया। हालांकि, पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए अपनी मौजूदगी में रस्म को पूरा करवाया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
क्या है पूरा मामला?
घटना सोमवार रात की बताई जा रही है। लखमाखेड़ी गांव में रहने वाले सुरेश कटारिया, जो पेशे से सब्जी का व्यवसाय करते हैं, अपनी बड़ी बेटी की शादी की रस्में निभा रहे थे। बेटी का विवाह 26 नवंबर को होना तय हुआ है। इसी सिलसिले में सोमवार रात करीब 9:30 बजे दुल्हन की बिंदोली निकाली जा रही थी।
दुल्हन के पिता सुरेश कटारिया के मुताबिक, जब यह जुलूस गांव में राजपूत समाज के लोगों के घरों के पास पहुंचा, तो वहां मौजूद कुछ लोगों ने रास्ता रोक लिया। आरोप है कि इन लोगों ने धमकी देते हुए कहा, "तुम्हारी बिंदोली इस गांव से होकर नहीं गुजरेगी।"
जातिसूचक शब्दों के साथ अभद्रता का आरोप
पीड़ित पक्ष का कहना है कि बिंदोली बापू सिंह के घर के पास पहुंची थी, तभी बापू सिंह और बद्री सिंह बाहर आए और जुलूस को लेकर सवाल-जवाब करने लगे। देखते ही देखते वहां कुशाल सिंह, कुलदीप सिंह और गोविंद सिंह भाणेज भी आ गए। आरोप है कि इन लोगों ने दलित परिवार के साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गाली-गलौज शुरू कर दी और रास्ता बंद कर दिया।
पुलिस के पहरे में निकली बिंदोली
विवाद की सूचना मिलते ही बड़ावदा थाना प्रभारी स्वराज डाबी पुलिस बल के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति को संभाला और पुलिस सुरक्षा के बीच बिंदोली की रस्म को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया।
इन 5 लोगों पर हुआ मामला दर्ज
पुलिस ने फरियादी की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपियों की पहचान लखमाखेड़ी निवासी के रूप में हुई है:
बापू सिंह (पिता पर्वत सिंह सोंधिया)
बद्री सिंह (पिता भेरू सिंह)
कुशाल सिंह (पिता चंदर सिंह)
कुलदीप सिंह (पिता लाल सिंह)
गोविंद सिंह भाणेज
पुलिस ने इन सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 176 और एससी-एसटी (SC-ST) एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
भीम आर्मी ने की सख्त कार्रवाई की मांग
इस घटना को लेकर भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी ने कड़ा विरोध जताया है। आजाद समाज पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील अस्तेय और जिला अध्यक्ष गोपाल वाघेला ने प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की है।
सुनील अस्तेय ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से हस्तक्षेप की अपील की। उन्होंने कहा, "दलितों की शादी ,रतलाम के ग्राम लखमाखेड़ी थाना बड़ावदा में शादी समारोह में दलित बहन की बिनौली घोड़ी बग्गी रोकना सिर्फ़ बदतमीज़ी नहीं —ये मनुवादी गुंडागर्दी है! जो लोग समझते हैं कि दलित की बेटी की बिनौली रोक दी जायेगी— उनकी यह सोच कुचल दी जाएगी। बेटियों की इज़्ज़त रोकने वालों की जगह समाज में नहीं, सीधे जेल में है। आरोपियों तुरंत पहचान कर @SP_RATLAM_MP या तो पुलिस तुरंत कार्रवाई करे, वरना सड़क पर आंदोलन होगा। भीम आर्मी टीम गांव पहुंच चुकी हैं। परिवार और दुल्हन के साथ सुरक्षा में खड़े है।"