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राजस्थान: 'जाति' मालूम होने पर सलून में आदिवासी युवकों के साथ गालीगलौज, हेयर ड्रेसर ने मारपीट कर बाल काटने से किया इंकार

जालोर-  राजस्थान के जालोर जिले के करड़ा थाना क्षेत्र में जातिगत भेदभाव और हिंसा का एक दुखद मामला सामने आया है। भील समुदाय के कई युवकों ने आरोप लगाया है कि सेवाड़ा स्टेशन स्थित एक हेयर सैलून के दुकानदार ने उनके साथ जातिगत अपमान और मारपीट की। पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दी है।

पीड़ित दिनेश कुमार (निवासी दुठया) ने बताया कि 27 जून को वह अपने भाई दशरथ कुमार और रिश्तेदारों के साथ सुधामाता जी के दर्शन करने गए थे। शाम करीब 4:30 बजे वे सेवाड़ा स्टेशन पर बाल कटवाने के लिए एक हेयर सैलून पहुंचे। दुकानदार ने पहले उन्हें आधे घंटे इंतजार कराया, फिर उनकी जाति पूछी। जब पीड़ितों ने बताया कि वे भील समुदाय से हैं, तो दुकानदार ने उन्हें "नीच जाति के कीड़े" बताते हुए गालियां दीं और बाल काटने से मना कर दिया। दिनेश ने बताया, " दुकानदार ने हमें कहा कि साले नीच जाति के होकर मेरी दुकान में बाल व दाढी करवाने की हिम्मत कैसे हुई? मैं नीची जाति के लोगों के बाल नहीं काटता हूं तब हमने कहा कि क्या हम इंसान नहीं हैं, और हमारा बाल नही काटने थे तो पहले ही हमें मना कर देते, हमें आधे घंटे तक क्यू बिठाकर रखा तो आरोपी दुकानदार उग्र हो गया तथा हमें भद्‌दी भ‌द्दी गालियां देते हुए जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए हमें दुकान से धक्के मारकर बाहर निकाला"।

आरोप है कि दुकानदार ने पीड़ितों को धक्के देकर बाहर निकाला और गौतम नामक युवक के साथ मारपीट की। उसने गौतम के कान से सोने का लुंग (ईयररिंग) भी छीन लिया। जब पीड़ितों ने विरोध किया, तो दुकानदार ने रविन्द्र सिंह नामक एक अन्य व्यक्ति को बुलाया, जिसने भील समुदाय के युवकों को कथित तौर पर  "भीलड़े" कहकर अपमानित किया और मारपीट की। आरोपियों ने पीड़ितों को जान से मारने की धमकी भी दी।

इस घटना के बाद स्थानीय SC/ST संगठनों ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि आज भी समाज में जातिगत भेदभाव बदस्तूर जारी है और ऐसे मामलों में कड़ी सजा मिलनी चाहिए। भारत आदिवासी पार्टी के संस्थापक सदस्य कांतिलाल रोत ने राजस्थान पुलिस से आरोपियों के विरुद्ध सख्त कारवाई की मांग की।

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